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उत्तरकाशी की रामलीला


चौपाई ~

सुनु जननी सोइ सुतु बड़भागी।
जो पितु मातु बचन अनुरागी॥
तनय मातु पितु तोषनिहारा।
दुर्लभ जननि सकल संसारा॥

भावार्थ ~

हे माता! सुनो, वही पुत्र इस जगत में बहुत बड़भागी है, जो अपने पिता-माता के वचनों का अनुरागी {पालन करने वाला} है। {आज्ञा पालन के द्वारा} माता-पिता को सदा संतुष्ट करने वाला पुत्र हे जननी! सारे संसार में अति दुर्लभ है॥

भगवान आदिदेव श्री काशी विश्वनाथ आशुतोष शिवशंकर भोलेनाथ महादेव जी, भगवती माँ आदिशक्ति दुर्गा भवानी जी एवं पतित पावनी माँ भागीरथी {श्रीगंगा} जी की अनन्त असीम अनुकम्पा से तथा आप सभी सम्मानित धर्मपरायण प्रेमी प्रबुद्धजनों के हार्दिक सहयोग और मार्गदर्शन से श्री आदर्श रामलीला समिति {रजि०}, उत्तरकाशी के द्वारा सन् 1952 से अनवरत प्रगति पथ पर निरंतर अग्रसर सृजनात्मक स्वरूप में आयोजित होने वाली सौम्यकाशी {बाड़ाहाट}, उतरकाशी की ऐतिहासिक और पौराणिक अखिल कोटी ब्रहमाण्ड नायक जगतपिता जगदीश्वर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीरामचंद्र जी की गौरवमयी 74वीं एवं { पांचवी गढ़वाली बोली~भाषा} में रामलीला की पुनरावृत्ती आज दिनॉक 17 सितंबर 2025 से दिनाॕक 02 अक्टूबर 2025 के ठीक समय प्रतिदिन 7:30 बजे सांय को और दिनांक 03 अक्टूबर 2025 श्रीराम जी की झांकी और पुरस्कार वितरण के साथ श्री रामलीला मंच, रामलीला मैदान, उतरकाशी में प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर अभूतपूर्व वार्षिक मंचन किया जा रहा है।

आज की रामलीला में चक्रवर्ती महाराजा दशरथ और कैकई माता के बीच कोप भवन में महाराजा दशरथ के द्वारा देवासुर संग्राम में रानी कैकई को दिए गए दो वचन पर रानी को मनाने के लिए विस्तृत वार्तालाप, श्रीरामचंद्र जी का जगत जननी माँ भगवती सीता जी, लक्ष्मण जी और तीनो माताओं से वनवास जाने की सूचना, अनुमति, तैयारी और राम, लक्ष्मण को अयोध्या नगरी में वापसी के मानने के लिए वनवास गमनआदि का बहुत ही भावविभोर दृश्यों के मंचन ने दर्शको को अश्रुपरित किया है।

चक्रवर्ती महाराज दशरथ का अभिनय विजय चौहान, कौशल्या- दुर्गा रांगड, सुमित्रा- सविता विश्वकर्मा, कैकई उत्तराखंड की सुप्रसिद्ध लोक गायिका और लोक कलाकार रेनू डोभाल जी ने जीवंत अभिनय कर दर्शकों की वाही -वाही लूटी है।

समिति के अथक प्रयास से जनपद उत्तरकाशी में पहली बार इस बार की रामलीला में मुख्य आकर्षण दिनांक 3 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को 1:00 बजे दोपहर से सांय 4:00 तक आचार्य कृष्णानंद नौटियाल जी के निर्देशन, लेखन, संवाद प्रेषण और कुशल मार्गदर्शन से वीर अभिमन्यु गढ़वाली चक्रव्यूह नाटक का मंचन केदार घाटी मण्डाण ग्रुप गुप्तकाशी रूद्रप्रयाग की महिला कलाकारों के द्वारा पहली बार रामलीला मैदान उत्तरकाशी में किया जाएगा।

मुख्य अतिथि की श्रृंखला मेंआज उत्तरकाशी फोटोग्राफर एसोशिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र महर और अनिल सेमवाल ओम फोटो सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे समिति ने स्मृति चिन्ह भेंट करउनका स्वागत – सत्कार किया।

इस मौके पर समिति के संरक्षक ब्रह्मानंद नौटियाल {राष्ट्रपति पुरस्कृत}, प्रभावती गौड़, रमेश चौहान, मुख्य उद्घोषक एवं संपादक जयेन्द्र सिंह पंवार,अध्यक्ष गजेंद्र सिंह मटूड़ा, महासचिव विजय प्रकाश भट्ट, कोषाध्यक्ष अरविंद सिंह राणा, प्रबंधक भूपेश कुड़ियाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉक्टर तस्दीक खान, निर्देशक महेंद्र सिंह पंवार, चंद्रमोहन सिंह पंवार, फोटोग्राफी एंड वीडियोग्राफी संकलनकर्ता अनिल सेमवाल ओम फोटो, लेखा निरीक्षक केशवानंद भट्ट, संयोजक खुशहाल सिंह चौहान, विजय चौहान, मंच निर्देशक केसर सिंह सजवाण, प्रवीण कैन्तुरा, उपाध्यक्ष शांति प्रसाद भट्ट, कंप्यूटर ऑपरेटर सुमन राणा, विनोद नेगी, अजय पंवार, इंद्रेश कुमार उप्पल, अमरपाल रमोला, संतोष नौटियाल, अब्बल सिंह पंवार, नरेंद्र राणा, अजय मखलोगा, संगीताचार्य चतर सिंह मराठा, प्रहलाद सिंह,अखिलेश उनियाल, फोटो एंड वीडियोग्राफी ओम फोटो सहायक विकास भट्ट, वित्त नियंत्रक किरन पंवार, उषा चौहान, विमला जुयाल, अनीता राणा, विजय महर, सारिता गुसांईं, सरिता नौटियाल, सावित्री मखलोगा, विनीता सेमवाल, पुनीता नौटियाल, प्रभा कैन्तुरा, कुमारी दुर्गा रांगड़, कर्तव्य मंच के शुभम पंवार, रूप और वस्त्र सज्जा अमन कुमार शाह, भंडार नायक अंकित कुमार, पाक शास्त्री सूरज कुमार भट्ट, उपदेश नौटियाल, मनोज बिष्ट, सम्मी तलवाड़, जीवन थापा, आदित्य थापा और मुकेश थापा आदि मौजूद थे।

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