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चिकित्सा सेवा और मानवता के प्रतीकडॉ. अचल एस. दवे को राष्ट्र टाइम्स के 45वें स्थापना दिवस पर किया गया सम्मानित

चिकित्सा जगत में चार दशकों से अधिक समय तक सेवा, करुणा और समर्पण की मिसाल बनकर उभरे प्रख्यात चिकित्सक डॉ. अचल एस. दवे (M.D.) को राष्ट्र टाइम्स के 45वें स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर विशेष सम्मान से अलंकृत किया गया।
यह सम्मान राष्ट्र टाइम्स के प्रधान संपादक विजय शंकर चतुर्वेदी द्वारा शॉल, प्रतीक चिन्ह एवं स्मृति-स्मारिका प्रदान कर भेंट किया गया — जो न केवल उनके चिकित्सा क्षेत्र में योगदान की सराहना थी, बल्कि मानवता के प्रति उनके समर्पण का सम्मान भी।
डॉ. दवे ने यमुना पार के प्रतिष्ठित वालिया नर्सिंग होम में लगातार 37 वर्षों तक मेडिकल सुपरिटेंडेंट के रूप में कार्य करते हुए न केवल हजारों रोगियों का इलाज किया, बल्कि उन्हें संवेदना, स्नेह और आशा भी दी। आज भी वे दया, शुचिता और निस्वार्थ सेवा के प्रतीक माने जाते हैं। इस अवसर पर विजय शंकर चतुर्वेदी ने डॉ. दवे से अपने पारिवारिक रिश्तों और पुरानी यादों को साझा करते हुए कहा—

“डॉ. अचल दवे जैसे महानुभाव न केवल चिकित्सा सेवा के स्तंभ हैं, बल्कि समाज की आत्मा के सच्चे रक्षक भी हैं। वे आज भी निःस्वार्थ भाव से ज़रूरतमंदों का निशुल्क उपचार कर रहे हैं — यह एक ऐसी सेवा है, जो शब्दों से परे है और समाज के लिए गौरव की बात है।”
इस आत्मीय और प्रेरणादायी भेंटवार्ता में यह स्पष्ट रूप से महसूस हुआ कि डॉ. दवे का जीवन केवल डॉक्टरी पेशे की सीमा में नहीं बंधा, बल्कि उन्होंने मानवता को अपनी विद्या का माध्यम बनाकर जीने की राह दिखाई है। उनकी सादगी, निष्ठा, और निःस्वार्थ भावना आज के समय में दुर्लभ है, और यही गुण उन्हें एक चिकित्सक से बढ़कर एक संतुलित, संवेदनशील और समाजोपयोगी व्यक्तित्व बनाते हैं। सम्मान केवल एक प्रतीक नहीं होता, वह समाज के प्रति किसी व्यक्ति के योगदान की अमिट छाप का स्वीकार होता है। डॉ. अचल एस. दवे का जीवन इस सच्चाई का जीवंत उदाहरण है।


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