अभियान बंदर भगाओ खेती बचाओ ने बंदरों के आतंक से निजात हेतु प्रदेश की राजधानी देहरादून में दस्तक दी
उत्तराखंड की कत्यूर घाटी में विगत एक माह से संचालित जन अभियान बंदर भगाओ खेती बचाओ ने बंदरों के आतंक से निजात हेतु प्रदेश की राजधानी देहरादून में दस्तक दी है।
अभियान संचालन समिति द्वारा राज्य के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी गई ११२ पेज की विस्तृत रिपोर्ट में कत्यूर घाटी के बंदर आतंक की जन शिकायतों व समाधान के सुझावों को संकलित किया गया है।
ज्ञातव्य है कि गरुड़ सिविल सोसाइटी के मार्गदर्शन में गठित जन अभियान समिति ने बीती मकर संक्रांति से कत्यूर घाटी के गांव गांव का भ्रमण कर बंदरों के आतंक पर जन अभिक्रम को मुखरित किया और बीती १० फरवरी को भकुनखोला नुमाइश मैदान बैजनाथ में उमड़ी हजारों ग्रामीण जनता ने लिखित में अपनी शिकायतें व सुझाव दर्ज कराए। समिति ने दस्तावेज की शक्ल में इन सभी को संकलित कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर इस मुद्दे पर नीति निर्माण हेतु शासन मे पेशबंदी की है।
अभियान समिति के संरक्षक अधिवक्ता डी के जोशी, संयोजक हरीश जोशी सलाहकार नंदा बल्लभ पंत,अध्यक्ष रवि बिष्ट, दन्या अल्मोड़ा के इंजीo गोविंद गोपाल व शिरीष कुमार ने प्रदेश के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी से पी एम जी एस वाई के उपाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट विधायक पार्वती दास,सुरेश गड़िया की मौजूदगी में मुलाकात कर ड्राफ्ट सौंपा है। मुख्य मंत्री ने राज्य के सचिव वन आर के सुधांशु को रिपोर्ट के अध्ययन हेतु निर्देशित कर आवश्यक कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश दिए हैं,उम्मीद की जा रही है कि इस पेशबंदी के बाद राज्य में बंदरों के आतंक से निजात हेतु कोई ठोस नीति आधार ले सकेगी।
जन अभियान समिति ने चिंता जताई है कि पहाड़ों में खेती चौपट होने से सामाजिक आर्थिक व्यवस्था और दिनचर्या चौपट होकर रह गई है।समय रहते समाधान के उपाय नही तलाशे गए तो आने वाले समय में कटखने बंदरों का आतंक और अधिक चरम पर होगा,इस भयावह स्थिति से निपटने हेतु समय रहते अभी से सार्थक पहल करनी होगी।