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पर्यावरण जागरूकता को लेकर कई देशों की यात्रा पर निकले युवा ने अफ्रीका महाद्वीप में केन्या ,तंजानिया, इथोपिया में 363 खेजड़ली शहीदों की याद में खेजड़ली की मिट्टी से पौधारोपण, अब आगे यूरोपीय देशों में l

पर्यावरण जागरूकता को लेकर विश्व यात्रा पर निकले युवा ने अफ्रीका महाद्वीप में केन्या ,तंजानिया, इथोपिया देशों में 363 खेजड़ली शहीदों की याद में खेजड़ली की मिट्टी से पौधारोपण ,अब आगे यूरोपीय देशों में l

1485 में बिश्नोई समाज की स्थापना हुई, और गुरु जंभेश्वर भगवान की शिक्षा लेते हुए 1730 में अमृता देवी बिश्नोई के नेतृत्व में गांव खेजड़ली तहसील लूणी जिला जोधपुर में 363 लोग “सिर साठे रूंख रहे ,तो भी सस्तों जांण” कहते हुए पेड़ो को बचाने के लिए शहीद हो गए थे l जिसमे 84 गांवों के जिसमे 69 महिलाए और 294 पुरुष थे l
जो विश्व का पहला और एक मात्र चिपको आन्दोलन था जिसमे लोगो ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए l

बिश्नोई समाज पर्यावरण संरक्षण को बहुत सजक रहता है उसी समाज के युवा विशेक विश्नोई के तहत सर्व समाज बैनर तले 15 वर्षो से इस बलिदान को दुनिया के सामने लाने व पर्यावरण संरक्षण जागरूकता अभियान चला रहे हैं,जोधपुर, जयपुर, दिल्ली, हरियाणा आदि जगहों पर पर्यावरण संरक्षण जागरूकता को लेकर सम्मेलन व पौधारोपण करते आए है विशेक विश्नोई ट्री मैन आफ इंडिया नाम से प्रसिद्ध राणाराम बिश्नोई के पुत्र है
जो 60 सालो से रेगिस्तान में पेड़ पौधे व पर्यावरण संरक्षण का कार्य कर रहे है.

अब पूरे विश्व की यात्रा को लेकर निकले है जिसमे सबसे पहले अफ्रीका महाद्वीप चुना है इस तरह पहले 7 महाद्विपो में जागरूकता अभियान चलाएंगे फिर उन द्विपो के देशों में ऐसे करके विश्व के सारे देश में जागरूकता अभियान चलाने को लेकर योजना है अब इतने देश होते है वो वक्त ही बतायेगा l

इस अभियान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहला महाद्वीप अफ्रीका को चुना गया है, उनका मुख्य उद्देश्य है कि इस भारतीय बलिदान को दुनिया जाने उनसे प्रेरणा लेकर प्रकृति के प्रति जागरूक हो ताकि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पर काबू पा सके l ग्लोबल ग्रीन 363 ऑर्गेनाइजेशन की ओर से विदेशी धरती पर पर्यावरण को लेकर बिश्नोई समाज का पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन कैन्या की स्थानीय संस्था राजस्थान एसोसिएशन ऑफ़ कैन्या, हिंदू स्वयंसेवक संघ , हिंदू काउंसिल ऑफ केन्या के साथ मिलकर राजधानी नेरोबी में आयोजित किया गया l

ग्लोबल ग्रीन 363 ऑर्गेनाइजेशन के सचिव विशेक विश्नोई ने बताया कि इन तीन देशों की यात्रा के दौरान वहा के स्कूलों, चर्च, पुलिस स्टेशन आदि में खेजड़ली शहीदों की याद में पौधारोपण किया गया l इस पौधारोपण के दौरान खेकड़ली बलिदानी स्थल से मिट्टी साथ में लेकर गए वो उसमे डाली गई ,पर्यावरण संरक्षण फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमे गुरु जंभेश्वर भगवान, अमृता देवी बिश्नोई, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, नागोर सांसद हनुमान बेनीवाल आदि के पोस्टरो के साथ प्रदर्शनी लगाई गई l विशेक विश्नोई ने बताया कि हनुमान बेनीवाल का पोस्टर इसलिए लगाया क्योंकि उन्होंने खेजड़ली के आधारभूत विकास का मुद्दा संसद में पहली बार उठाया था l


ग्लोबल ग्रीन 363 के उपाध्यक्ष कपिल बिश्नोई ने बताया कि केन्या के सांसद व स्थानीय नेताओं से खेजड़ली शहीदों के इतिहास को उनके स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए चर्चा की गई जिसमे डागोरेट्टी उत्तर नेरोबी के सांसद व पूर्व स्पीकर इलाच बीट्राइस कडेवरेसिया ने भी खेजड़ली को पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर रूचि दिखाई l
और जूजा केन्या के संसदीय क्षेत्र के सांसद जॉर्ज कोइमबुरी से मुलाकात के साथ अमृता देवी बिश्नोई की तस्वीर उन्हे भेंट की गई , उन्होंने ने आश्वासन दिया कि राष्ट्रपति के आगे मामला रखकर खेजड़ली इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने की कोशिश करेगे l
एनजीओ काउंसिल ऑफ केन्या के द्वारा ग्लोबल ग्रीन 363 ऑर्गेनाइजेशन को प्रशस्ति पत्र दिया गया l

ग्लोबल ग्रीन 363 के उपाध्यक्ष कपिल बिश्नोई ने बताया कि अब, आगामी पर्यावरण जागरूकता अभियान के दौरान यूरोपीय देशों सर्बिया, जॉर्जिया, स्वीडन आदि की यात्रा की जाएगी l

गौर तलब है कि आज पर्यावरण को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है आज से 500 वर्ष पूर्व गुरु जंभेश्वर भगवान ने 29 नियम बनाकर पेड़ पौधे ,पर्यावरण संरक्षण व मानव कल्याण को लेकर 29 नियम बनाए , जो 29 नियम पालन किए वो बिश्नोई कहलाए,(20+9)

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