राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संगीत नाटक अकादमी पुरुस्कारों और उस्ताद बिस्मिल्ला खान युवा पुरुस्कारों से सम्मानितों को बधाई दी
अतनु दास, वरिष्ठ पत्रकार
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज विज्ञानं भवन में अपने सम्बोधन में देश के संगीत, नाटक , गायन , संस्कृति आदि क्षेत्र की अज़ीम शख्सियतों को अपने ह्रदय की गहराईयों से बधाई और शुभकामनायें देते हुए कहा कि संगीत-नाटक जैसी कला विधाएँ भाषा तथा भौगौलिक सीमाओं से ऊपर होती हैं। भारत रत्न से सम्मानित एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी, पंडित रवि शंकर, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, लता मंगेशकर, पंडित भीमसेन जोशी और भूपेन हजारिका के संगीत की शक्ति किसी भाषा या भूगोल से बाधित नहीं होती थी।
सभ्यता द्वारा हमारी भौतिक उपलब्धियां सामने आती हैं, लेकिन संस्कृति द्वारा हमारी अमूर्त विरासत की धाराएं प्रवाहित होती हैं। हमारी कलाएं और कलाकार, हमारी समृद्ध संस्कृति के संवाहक हैं।
उन्होंने आज ७ अकादमिक फेल्लोशिप्स और १२८ संगीत नाटक पुरुस्कारों को भेंट करने के पश्चात सभी कलाकारों और संगीत के क्षेत्र की अज़ीम शख्सियतों को शुभकामनायें हुए विज्ञानं भवन में उनकी भूरी भूरी प्रसंशा की .
कल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन सभी प्रतिभाशाली युवाओं को बधाई दी है, जिन्हें उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
संगीत नाटक अकादमी के एक ट्वीट के प्रत्युत्तर में प्रधानमंत्री ने ट्वीट कियाः
“प्रतिभाशाली युवाओं को बधाइयां, जिन्हें उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार प्राप्त हुये हैं। उन्हें उनके भावी प्रयासों के लिये शुभकामनायें। कामना है कि वे आने वाले समय में भारतीय संस्कृति और संगीत को इसी तरह लोकप्रिय बनाते रहें।” उल्लेखनीय है कि शहनाई वादक के रूप में आपके ज़ेहन में पहला एवं एकमात्र नाम “ भारत रत्न “ से नवाज़े गए दिग्गज शहनाई वादक दिवंगत बिस्मिल्ला खान का ही आएगा। कहा जाता है कि भारतवर्ष में कोई भी शादी समारोह दिल को छू लेने वाली उनके मधुर शहनाई वादन के धुन के वग़ैरह अधूरा है। खॉं साहब वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रांगण में शहनाई वादन का अभ्यास किया करते थे। आज भी बहुत ही साधारण ढंग से रहनेवाले इस अद्भुत प्रतिभा के धनी शहनाई वादक की मेहनत की कमाई से काशी नगरी के कई हिन्दू-मुस्लिम परिवारों का घर चल रहा है।