नीति घाटी, उत्तराखंड में आक्रोश का जनसैलाब
कल नीति माणा घाटी के जनजाति समाज ने जिला मुख्यालय पर विशाल प्रदर्शन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया ।
जनजाति समाज पर की गई अभद्र टिप्पणी के खिलाफ यह आक्रोश प्रकट किया गया ।
महाविद्यालय में कार्यरत एक शिक्षक द्वारा जनजाति समाज पर इरादतन उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से यह अभद्र व अपमानजनक टिप्पणी की गयी । तथ्यों को तोड़मरोड़ के मनमाफिक किस्सों के जरिये जनजाति समाज को अपमानित करने के उद्देश्य से व जातिगत घृणित मानसिकता के कारण यह किया गया ।
पूर्व में इन्ही शिक्षक महोदय द्वारा बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर पर भी इसी मानसिकता से अभद्र टिप्पणी सोसियल मीडिया पर की गयी थी । जिसके चलते इन्हें जेल जाना पड़ा । परन्तु सत्ता के संरक्षण के कारण यह पुनर्नियुक्ति पा गए । अपनी घृणित जातिगत मानसिकता का परिचय यह समय समय पर देते रहते हैं ।
कल जनजाति समाज ने प्रदर्शन कर इनकी अविलम्ब गिरफ्तारी की मांग की है । जो कि वैसे ही अब तक हो जानी चाहिये थी ।
हम नीति माणा घाटी की जनता की मांग का समर्थन करते हुए न सिर्फ इनकी गिरफ्तारी की मांग करते हैं , इनकी सेवा भी तुरन्त समाप्त करने की भी मांग करते हैं । ऐसी घृणित व सीमित सोच के व्यक्ति को बच्चों को शिक्षित करने जैसी सेवा में रहने का कोई औचित्य नहीं है ।
हमारी इन घाटियों के समाज का इस क्षेत्र की सामाजिक सांस्कृतिक क्षेत्र में विशिष्ट योगदान है । जनजाति समाज से निकले व्यक्तियों ने इस क्षेत्र को राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान व नाम दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है । जिन पर हमें गर्व है । उनके इस योगदान के बदले ऐसी मानसिकता को बढ़ावा देना कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिये । हम समस्त क्षेत्र की जनता की तरफ से इस प्रकरण पर सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग करते हैं । यह इस समस्त क्षेत्र का अपमान है ।
अतुल सती ( ग्राउंड जीरो)
शिक्षा के क्षेत्र में इस तरह की मानसिकता वाले शिक्षकोँ की घोर निंदा के साथ किसी ख़ास समुदाय पर उनकी अपमानजनक टिप्पणी पर सख़्त कारवाही होनी चाहिए।