गोपाल उप्रेती को मिला बागवानी उद्यम विकास के क्षेत्र मे वर्ष २०२२ का उत्तराखंड गौरव सम्मान
सी एम पपनैं
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मे निवासरत उत्तराखंड के प्रवासियो की साहित्यिक, सामाजिक व सांस्कृतिक क्षेत्र मे सन् 1948 मे भारत रत्न पण्डित गोबिंद बल्लभ पंत द्वारा स्थापित, ख्याति प्राप्त संस्था ‘उत्तराखंड महापरिषद’ द्वारा 9 से 18 नवम्बर 2022 तक आयोजित हो रहे ‘उत्तराखंड महोत्सव’ का उद्द्घाटन संस्था संरक्षक व लोकसभा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के कर कमलो, संस्था अध्यक्ष हरीश चन्द्र पंत व महासचिव भरत सिंह बिष्ट इत्यादि के सानिध्य मे दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
उत्तराखंड के साथ-साथ भारतीय लोकसंस्कृति के संरक्षण व संवर्धन एव विकास हेतु निरंतर प्रयासरत ख्याति प्राप्त संस्था ‘उत्तराखंड महापरिषद’ द्वारा 2012 से निरंतर दिया जाने वाला एक मात्र ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान-2022’ इस वर्ष बिल्लेख रानीखेत के बागवानी उद्यम विकास के क्षेत्र मे ख्यातिरत गोपाल उप्रेती को मुख्य अतिथि लोकसभा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के कर कमलो 9 नवम्बर को लखनऊ मे प्रदान कर सम्मानित किया गया।
उत्तराखंड अल्मोड़ा जनपद ताड़ीखेत विकास खंड के बिल्लेख गांव के केवलानंद उप्रेती के सिविल इंजीनियर पुत्र गोपाल दत्त उप्रेती द्वारा रिवर्स पलायन कर उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में अपने व्यक्तिगत प्रयास के बल बागवानी उद्यम विकास के क्षेत्र मे आधुनिक तकनीक से विलक्षण कार्य कर अब्बल प्रजाति के सेव उत्पादन व सात फुट छह इंच ऊंचे सुगंधित व औषधीय धनिये के पौंधे, जैविक विधि से उत्पादित कर, कृषि उघम के क्षेत्र मे नई वैश्विक क्रान्ति की अलख जगा, कृषि वैज्ञानिकों, काश्तकारों तथा उद्यम विकास मे संघर्षरत उद्यमियो का ध्यान, अपना नाम ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ तथा ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉड्स’ मे दर्ज करवा कर, वैश्विक फलक पर सबको आश्चर्य चकित कर देने वाली उपलब्धि प्राप्त की है।
विधियां अपनाई गई। पानी की किल्लत से निजात पाने के लिए उक्त बगान की ऊंचाई पर सवा लाख लीटर वर्षा जल क्षमता का टैंक निर्मित किया गया, जिससे गर्मियों में विदेशी व देशी प्रजाति के सेव पेड़ो व साग-सब्जियों की पानी की पूर्ति कर उन्हे स्वस्थ व तरोताजा रखा जा सके।
पर्याप्त मात्रा में वर्षा जल संग्रहण से इस उद्यमी की भावी योजनाओ को भी बल मिलने लगा था। सेव उत्पादन के अतिरिक्त निर्मित बगान में सब्जियों मे ब्रोकली, कैप्सिकम, लेमनग्रास के साथ-साथ फ्लोरीकल्चर, मिंट, तुलसी, लहसुन, धनिया, केल, मटर, लाई, मेथी, सरसों इत्यादि का उत्पादन भी इस उद्यमी द्वारा किया जाता रहा है। विगत वर्षों मे पहाड़ी ककड़ियों (खीरे) की भारी मात्रा मे उत्पादन कर यह उद्यमी अच्छा-खासा लाभ अर्जित कर, स्थानीय निराशावादी काश्तकारों के सम्मुख उदाहरण प्रस्तुत कर चुका है।
कृषि व बागवानी उद्यम विकास के क्षेत्र मे किए गए प्रेरक व प्रभावशाली कार्यो तथा राज्य को कल्पनानुसार बनाने, संसाधनों का दोहन राज्य स्मृद्धि मे करने तथा विषम भौगोलिक परिस्थितियों में स्थानीय स्तर पर युवाओं में बागवानी, कृषि, साग-सब्जी, मसाले इत्यादि से जुडी तकनीकी दक्षता की ललक पैदा कर, उनकी सोच बदल, अंतरमन मे आत्मविश्वास पैदा कर, उन्हे आत्म निर्भर बनाने की उघमी गोपाल उप्रेती की सोच के मध्ये नजर ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की ख्याति प्राप्त ‘उत्तराखंड महापरिषद’ की जूरी द्वारा होनहार व निष्ठावान उद्यमी गोपाल उप्रेती को उत्तराखंड गौरव सम्मान-2022 से नवाजे जाने का फैसला सटीक व तर्क संगत लगता है, जूरी के जायज फैसले की पुष्टि करता नजर आता है।
भारत रत्न पण्डित गोबिंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन लखनऊ मे आयोजित इस दस दिनी ‘उत्तराखंड महोत्सव’ के आयोजन में भारत के विभिन्न प्रांतों के हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प के उत्पादों, महिला स्वय सहायता समूहों, लघु उद्ययोगो के स्टाल लगाए गए हैं। विभिन्न प्रांतों के सांस्कृतिक कार्यक्रमो का मनोहारी आयोजन किया जा रहा है।