एन जी ओ बिजली के एसी और डी सी करंट की तरह विरोधाभासी होता है, अरविन्द केजरीवाल को आश्वासन, ATISHI KO BADHAYI
RAJIV NAYAN BAHUGUNA, SR. JOURNALIST, COLUMNIST
यद्यपि दिल्ली की नव प्रस्तावित मुख्यमंत्री के साथ मैं एक कार्यक्रम में शिरकत कर चुका हूँ, लेकिन दूर से.
जबसे मुझे उनके बारे में पता चला है कि वह भूतपूर्व एन जी ओ हैँ, तबसे अनेक आशंकाए तथा अश्वस्तियाँ मेरे दिमाग़ में तैर रही हैँ.
एन जी ओ के बारे में मेरे गहन शोध विश्लेषण का सार इस प्रकार है :-
एन जी ओ बिजली के एसी और डी सी करंट की तरह विरोधाभासी होता है, जो कभी करंट मार कर अपने साथ चिपका देता है और फिर झटका मार कर दूर फेंक देता है. परिणाम स्वरूप मनुष्य अथवा समाज मर जाता है. अन्यथा अधमरा तो हो ही जाता है.
एन जी ओ अगर पुरुष है तो वह दाढ़ी बढ़ा लेता है. और अगर महिला है, तो वह पुरुष जैसी ड्रेस पहनता है. बाल कटवा कर पुरुष की तरह दिखने का प्रयास करता है. सिगरेट आदि खुल कर पीता है, तथा मीटिंग, ईटिंग और चीटिंग का एक्सपर्ट होता है. वह गोष्ठीयों में उंगली उठा कर ललकरता है. तथा मंच और लंच का अभ्यासी होता है.
वह अंग्रेज़ी मिश्रित हिंदी का भी अभ्यासी होता है.
गाँव अथवा स्लम इसकी चरागाह होते हैँ, लेकिन स्वयं शहर में कोठी बना कर रहता है.
राजनीति अथवा व्यापार या प्रशासनिक सेवाओं में असफल रहने वाला पढ़ा लिखा जातक एन जी ओ बन जाता है, तथा पिछले दरवाज़े से सत्ता और सम्पत्ति का सुख भोगता है.
एक एन जी ओ को यदि साल में कमसे कम एक पुरष्कार न मिले तो वह भारी डिप्रेशन में चला जाता है.
तब डॉक्टर उसे कोई फ़र्ज़ी पुरस्कार दिलाने की सलाह देते हैँ. जिससे वह ठीक हो जाता है.
एक एन जी ओ में पैदल चलने तथा ग्रामीणों तथा स्लम्स के निवासियों के बीच घुलने मिलने की अपार क्षमता होती है.
वह प्रोजेक्ट बनाने में माहिर होता है, तथा एक आध दिन की भूख हड़ताल आराम से झेल लेता है.
वह बगैर प्रोजेक्ट पास कराये अपने बच्चोँ की स्कूल ड्रेस भी नहीं सिलवाता तथा अपने घरेलू नौकरों की तनख्वाह भी पर्चे पर साइन करवा के उसे किसी प्रोजेक्ट के पेटे में डाल देता है.
एन जी ओ सरकार से बजट लेकर ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करता है.
यह एन जी ओ पर मेरे शोध का सारांश है.
मैं नव प्रस्तावित मुख्यमंत्री को बधाई देता हूँ तथा अपने मित्र अरविन्द केजरीवाल को आश्वासन देता हूँ.