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Uttrakhand

उत्तराखंड के चार धाम यात्रा के दौरान हुई कुल १६ मौतें, अभी तक ,बहुत ही दुखद, ॐ शांति

उत्तराखंड चार धाम यात्रा में ६ मई से खुले केदारनाथ धाम और रविवार को बद्रीनाथ धाम सहित गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के द्वार खुलने के बाद देश के कोने कोने से दर्शनार्थ आ रहे हज़ारों श्रद्धालुओं की अनियंत्रित भीड़ के चलते अब एक १६ तीर्थ यात्रियों के मौत की खबर आ रही है जिनमे ज्यादातर मामले कार्डियक अरेस्ट ( ह्रदय गति रुक जाने के कारण) हुई मौतों को बताया जा रहा है.

इनमे ज्यादातर मौतें आक्सिजन के वजह ६० साल के ऊपर वाले श्रद्धालुओं की बताई जा यही है जबकि सच्चाई ये है की रोजाना १२ से १४ हज़ार की भीड़ के चलते केदारनाथ , बद्रीनाथ आदि धामों में इंतज़ाम की कमी के चलते ये मौतें हो रही हैं खासकर सफ़्फ़ोकेशन और १२ से १४ हज़ार फ़ीट ऊंचाई पर आक्सिजन की कमी के चलते.

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 8 तीर्थयात्रियों की मौत यमुनोत्री धाम में हुई है। इसके बाद केदारनाथ धाम में 5, गंगोत्री धाम में 2 और बद्रीनाथ धाम में 1 तीर्थयात्री की मौत हुई है। मरने वालों में 13 पुरुष और 3 महिलाएं थीं।

मृतक तीर्थयात्रियों में पांच उत्तर प्रदेश, चार गुजरात, दो महाराष्ट्र, दो मध्य प्रदेश और एक-एक राजस्थान, हरियाणा और नेपाल के थे। वर्ष 2019 में रिकॉर्ड 38 लाख तीर्थयात्रियों ने यात्रा की थी। उस दौरान 91 तीर्थयात्रियों की मृत्यु मुख्य रूप से हृदय संबंधी समस्याओं के कारण हुई थी। इस दौरान स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अनिवार्य थे। 2020 और 2021 में तीर्थ यात्रा सीमित दायरे में हुई तो मौत के मामले नहीं आए। वर्ष 2017 में 112 तो 2018 में 102 तीर्थयात्रियों की जान गई थी।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस चार धाम यात्रा के दौरान निरंतर बढ़ रही भीड़ के मद्देनज़र पुलिस ऑथॉरिटीस को काफी मश्शकत करनी पड़ रही है और कई जगह सकती भी.

श्रद्धालुओं को शिकायत है की उनपर बल प्रयोग किया गया और कईजगह गाली गलोच और धक्का मुक्की भी.

दरअसल दो वर्षों के कोविड़ काल के बाद हुई इस यात्रा में यकायक उत्तराखंड, देश विदेश से श्रद्धालुओं का हुजूम बेतहाशा गति से बढ़ रहा है.

नतीजतन न सिर्फ भीड़ बढ़ रही है बल्कि कोविड़ १९ प्रोटोकॉल्स की भी वृहत्तर पैमाने पर धज़्ज़ियाँ उड़ाई जा रही हैं.

वैसे भी चारधाम यात्रा के दौरान प्रसाशन ने शपतपत्र देने की शर्त रखी थी जिसके चलते बड़े पैमाने पर स्वस्थ सम्बन्धी लापरवाही बरती जा रही है और बगैर कोविड़ टेस्टिंग के तीर्थ यात्री धड़ल्ले से इन चार धामों में बेरोकटोक पहुँच रहे हैं.

गौर तलब है की स्वयं उत्तराखंड के डायरेक्टर जनरल अशोक कुमार कई दिनों तक केदारनाथ बद्रीनाथ आदि चारधाम में कपाट खुलने के दौरान बंदोबस्त देखते रहे. लेकिन कुछ ही दिनों में १६ व्यक्तियों की चाट धाम यात्रा के दौरान हुई मौतों ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग और मंत्री पर सवालिया निशान लगा दिया है.

गौर तालाब है की तीर्थ सिंह रावत जब मुख्यमंत्री थे पिछली सरकार में , तब भी कुम्भ के दौरान अप्रैल माह में करीब १.५ लाख लोग महामारी से ग्रसित हुए थे और लाखों की भारी भरकम भीड़ ने बगैर कोविड़ टेस्ट कराये गंगा स्नान किया था. यही नहीं बल्कि कुछ टेस्टिंग कम्पैनियों ने जाली टेस्टिंग के नाम पर करोड़ों रुपये भी बटोरे.

इसी बीच उत्तराखंड के जाने माने सामाजिक नेता जो हमेशा उत्तराखंड के ज्वलंत मुद्दों पर निरंतर अपनी आवाज़ मुखर करते रहते हैं, डॉ. अनूप नौटियाल ने चारधाम यात्रा के दौरान हुई १६ मौतों पर अपनी गहरी चिंता जताते हुए ट्वीट किया और लिखा : चारधाम यात्रा के दौरान १६ लोगों की मौत बहुत ही चिंतनीय विषय है . सर्कार को जल्द से जल्द तीन कदम उठाने होंगे ( १) जवान और प्रशिकशीत टेक्नीशियन को चिकित्सकों के साथ तैनात किया जाना चाहिए (२) बिमारियों से ग्रसित और ६० साल से ऊपर उम्र वाले श्रद्धलुओं को सर्टिफिकेट देना होगा (३) चारधाम यात्रियों को यात्रा के दौरान चुनौतीपूर्ण खतरों से अवगत करना होगा आदि. यात्रा ६ महीनों के लिए खुली है. वे बाद में भी आ सकते हैं.

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