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उत्तराखंड एकता मंच द्वारा उत्तराखंड को पांचवीं अनुसूची में शामिल करने के महत्वपूर्ण मुद्दे पर गांधी शांति प्रतिष्ठान स्थल आईटीओ में 18 August, सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।

उत्तराखंड एकता मंच द्वारा उत्तराखंड को पांचवीं अनुसूची में शामिल करने के महत्वपूर्ण मुद्दे पर गांधी शांति प्रतिष्ठान स्थल आईटीओ में 18 August, सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। जल, जंगल, जमीन और उत्तराखंड को पांचवीं अनुसूची में शामिल करने के मुद्दे पर इस महत्वपूर्ण संगोष्ठी पर परिचर्चा में कई प्रख्यात इतिहासकार, लेखक, पत्रकार, विचारक, सामाजिक कार्यकर्ता आदि भाग लेंगे। उत्तराखंड एकता मंच के तत्वावधान में इस संगोष्ठी के संयोजक अनूप बिष्ट ने यह जानकारी दी।

सही माँग से सही दिशा!

उत्तराखंडी इस मुल्क के सच्चे देश भक्त हैं l वे सरकारों के सामने कोई भी ऐसी असंवैधानिक मांग नहीं रखेंगे जिससे मुल्क की आन बान शान को खतरा हो l

प्रसिद्ध विचारक विक्टर ह्यूगो एक कहावत कहते हैं l “पृथ्वी पर कोई शक्ति उस विचार को नहीं रोक सकती है जिसका समय आ चुका है “
अभी पूरे देश में आरक्षण 50% है l हालांकि Tribal राज्यों में आरक्षण 50% से ज्यादा है l लेकिन यह पक्का है l आने वाले सालों में चाहे जिस भी दल की सरकार हो – आरक्षण 70% होकर रहेगा l

आज पूरे हिमालय राज्यों में , देश में कहीं पर 6th Schedule की Demand हो रही है l कहीं पर 5th Schedule के डिमांड हो रही है तो कहीं आरक्षण की – लेकिन हम क्या कर रहे हैं ? हम General Category के लिए मूल निवास 1950 मांग रहे हैं l

देश में कुल 36 राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश है l उनमें से किसी ने भी कभी भी General Category के लिए मूल निवास 1950 नहीं मांगा l सिर्फ इकलौते उत्तराखंड राज्य के पहाड़ में ही कुछ लोग है l जो General Category के लिए मूल निवास 1950 मांग रहे हैं l
हम क्या मांग कर रहे हैं ? जिस राज्य ने गढ़वाल राइफल, कुमाऊं रेजिमेंट,गौरखा रेजिमेंट में इस देश की रक्षा के लिए अपने बेटे कुर्बान किए l उस राज्य के लोग असंवैधानिक मांग उठा रहे हैं l हम संविधान बदलने की बात कर रहे हैं l

अगर मान लो आप लोगो ने संविधान बदल भी दिया तो इसके परिणाम क्या होंगे l General Category पर मूल निवास 1950 मुंबई, दिल्ली, NCR, चंडीगढ़ देश के सभी शहरों में लागू होगा l उसका असर देश भर में रह रहे पहाड़ियो पर होगा l क्या आप इस अफरा तफरी के लिए तैयार है l

हां हम मानते है, मूल निवास 1950 लागू होना ही चाहिए नहीं तो पहाड़ का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा l लेकिन वह हमें Tribal Status द्वारा संविधान के अनुच्छेद 342 द्धारा ही मिल सकता है l इसके अलावा मूल निवास 1950 पाने का कोई तरीका नहीं है, नहीं है, नहीं है l

आधा सत्य झूठ के सामान ही होता है l यदि कोई समाज को गुमराह कर रहा है की General Category को मूल निवास 1950 मिल सकता है l तो उससे पूछिए संविधान के किस अनुच्छेद के द्वारा General Category को मूल निवास 1950 मिल सकता है l उनसे बोलिए पूरे देश में 1 भी General Category के व्यक्ति का मूल निवास 1950 Certificate दिखा दो l

जागरूक बनो एवं समाज को भी जागरूक करें l

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