अरविन्द केजरीवाल के जमानत पर सियासी जंग क्यूँ ? कही खुशी है,तो कहीं गम, 4 जुन को देखने को मिलेगा किसमें कितना दम ?
विनोद सिंह , पत्रकार, स्तंभकार
देश की राजधानी दिल्ली की प्रचंड गर्मी के संग सियासी परा सर पर चढ़कर बोल रहा है,सता के गलियारों में पक्ष-विपक्ष में बयान बाजी का युद्ध सा छिड़ सा गया है।कही आतिशवाजी,जय घोष ,तो कही बयान की तलवार से वार ।कहीं खुशी है,तो कही पे गम है। यु तो चुनाव आयोग द्वारा लोक सभा के साधारण चुनाव की घोषणा के बाद से ही भारतीय राजनीति में गर्मा गर्म बहस छिड़ गई थी,लेकिन इसमें तेजी विगत दिनों माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल को अन्तरिम जमानत मिलने के बादआई।राजनीति के रणभुमि में सभी राजनीतिक दलों के रण बाँकुरों में बयान बाजी की तलवार चलानी शुरू कर दी है।जैसा कि सर्व विदित है कि बीते शुक्रवार की शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को देश की सबसे बडी अदालत सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।उन्हें 1 जून तक अंतरिम जमानत मिली है।
ज्ञायत्व रहे कि विगत मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने चर्चित दिल्ली नई आवकारी नीति केस के सुनवारी के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल “आदतन अपराधी”नहीं बल्कि दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्री के रूप में मान्यता दी थी,जिससे कानुन विद केजरीवाल की अंतरिम जमानत रिहाई का रास्ता साफ मानने लगे थें।शुक्रवार को फैसले की घड़ी आ गई।सुप्रीम कोर्ट ने शुकवार की दोपहर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सात चरणों वाले 2024 लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी।सर्वविदित रहे कि आम आदमी पार्टी के मुखिया दिल्ली की मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को कथित दिल्ली शराब उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किया गया था,फिलहाल केजरीवाल को 1जुन तक अन्तरिम जमानत मिल गई है।माननीय न्यायलय ने यह भी कहा कि उस तारीख से आगे राहत बढ़ाने की याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई की जाएगीl केजरीवाल की कानूनी टीम ने चुनाव और नई सरकार के गठन जुलाई तक जमानत मांगी थी।
इस दौरान सर्वोच्य न्यायलय ने ईडी से एक गंभीर सवाल करते हुए पूछा कि उसे मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के खिलाफ कार्रवाई करने में दो साल क्यों लग गए। किसी भी जांच एजेंसी के लिए यह कहना अच्छा नहीं है कि खुलासा करने में दो साल लग गए…अब मुकदमा कब शुरू होगा।”ईडी का दावा है कि आप सरकार द्वारा बनाई गई शराब नीति(अब रद्द कर दी गई)ने उसे लाइसेंस आवंटन के लिए रिश्वत प्राप्त करने की अनुमति दी,जो कि 100 करोड़ रुपये की थी, जिसका इस्तेमाल उसके चुनाव अभियानों के वित्तपोषण के लिए किया गया था।आप और केजरीवाल ने आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया है,और भाजपा पर चुनाव से पहले पार्टी और उसके नेताओं को बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया है।अरविंद केजरीवाल की जमानत सुनवाई लाइव अपडेट:सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21दिनों के लिए अंतरिम जमानत दे दी और आम आदमी पार्टी(आप)के राष्ट्रीय संयोजक को सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के मतदान के एक दिन बाद 2 जून को आत्मसमर्पण करने को कहा। कहानी समाप्त होना।सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए आप प्रमुख की गिरफ्तारी में प्रवर्तन निदेशालय की देरी पर भी उंगली उठाई।न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने अगस्त 2022 में प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर)दर्ज की थी,लेकिन केजरीवाल को मार्च में गिरफ्तार किया गया था।
न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा,”करीब डेढ़ साल तक वह वहां थे…गिरफ्तारी बाद में या पहले भी की जा सकती थी।21दिन यहां या वहां से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।”केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी)ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था।वह फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद थें।पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दिल्ली के मंत्री अरविंद केजरीवाल को लेने तिहाड़ जेल पहुंचे गए ,मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को तिहाड़ जेलकरीब 50 दिन जेल में रहने व जेल अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट से रिहाई का आदेश मिलते ही रिहा कर दिया गया है।आप को बता दे कि मुख्यमंत्री की रिहाई से पहले तिहाड़ जेल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।अरविन्द केजरीवाल के जमानत मिलने की खबर मिलते ही आप के पार्टी कार्यकत्ताओ व सहयोगी गठबन्धन दलों नें केजरीवाल को बधाई देते हुए – अपने अपने बक्तब्य देने वाले का ताता लग गया।आईए इस पर एक नजर डालते है -शरद पवार ने कहा,”मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम जमानत आदेश का स्वागत करता हूं।भारत लोकतंत्र की खोज में दृढ़ है।”केजरीवाल को अंतरिम राहत मिलने के बाद आप कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय के बाहर जश्न मनाया।
आप के सांसद राघव चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,”देश के हर नागरिक की आंखें खुशी से नम हैं,उनका भाई,उनका बेटा अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आने वाला है.”आज शाम जेल के ताले तोड़ दिए जाएंगे और केजरीवाल रिहा हो जाएंगे।”
“लोकतंत्र की रक्षा के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय का हृदय से आभार।इंकलाब जिंदाबाद,अरविंद केजरीवाल जिंदाबाद!” चड्ढा ने कहा कि”प्रार्थनाओं का नतीजा,करोड़ों लोगों का आशीर्वाद”अरविंद केजरीवाल की पत्नी की मार्मिक अपील का फल है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सहयोगी कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा,”हम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप का स्वागत करते हैं…हमें उम्मीद है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी उचित न्याय मिलेगा।”
“आज सुप्रीम कोर्ट ने हमें आशा की किरण दी है”आप दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने मुख्यमंत्री अरविंद को अंतरिम जमानत देने के अदालत के फैसले पर कहा,”आज सुप्रीम कोर्ट ने संविधान में विश्वास करने वाले सभी लोगों को आशा की किरण दी है।हमारी पार्टी,दिल्ली के लोग सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देते हैं।”आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लोकतंत्र की जीत कहा है।आप की नेत्री आतिशी ने देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया।इस मौके पर आप नेता गोपाल राय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान में विश्वास रखने वाले सभी लोगों को आशा की एक नई किरण दी है।
“हमारी पार्टी व दिल्ली के लोग सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देते हैं।”अब सबाल व बवाल के पीछे सता पक्ष व विपक्ष में जहाँ धमासान बयान बाजी का युद्ध छिड़ा हुआ है बही दिल्ली व देश की जनता अथार्त मतदाता मौन रह कर अपनी मतदान की बारी का इंतजार कर रही है।ताकि वह अपने मतदान कर 5 वर्षो के अपना प्रतिनिधि चुन कर संसद में भेज सकें।वह दिन अब दुर नही जब दिल्ली व देश जनता अपना अपना मतदान कर अपने प्रतिनिधि विश्व के सबसे देश की लोकतंत्र के मन्दिर चुन भेज ने वाली है जिसका आने वाले 4 जुन को पटाक्षेप होने वाली है।इसके लिए हमे व आप के संग सभी राजनीति दलों को इंतजार है।तब तक के लिए यह कहते हुए आप से विदा लेते है-ना ही काहुँ से दोस्ती,ना ही काहुँ से बैर॥ खबरीलाल तो माँगे,सबकी खैर ।।फिर मिलेगें तीरक्षी नजर से तीखी खबर के संग तब तक के लिए अलविदा।
( The views are the writer’s personel in the above article)