जहां मूल ही न रहे वहां साहित्य, कला, संस्कृति कैसे सुरक्षित रहे? आज सबसे अहम प्रश्न यही है ?

नरेंद्र कठैत , साहित्यकार , लेखक, कवि एक समय हमारा नारा था -‘कौंणी कंडाळी खायेंगे ,उत्तराखंड बनाएंगे।’ अब हमारे आगे…

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पुरस्कार दो! पुरस्कार दो!!पुरस्कार दो!! पत्रकारिता का नशा तब सर चढ़ बोलेगा

भूपेन सिंह , लेखक , पत्रकार आज रामनाथ गोयनका एक्सिलेंस इन जर्नलिज़्म अवॉर्ड्स दिये जाने हैं. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य…

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वरिष्ठ पत्रकार ,लेखक, स्तंभकार और एक ट्रस्टेड फ्रेंड विवेक शुक्लजी की नयी किताब ” दिल्ली का पहला प्यार -कनाट प्लेस “,

वरिष्ठ पत्रकार ,लेखक, स्तंभकार और एक ट्रस्टेड फ्रेंड विवेक शुक्लजी की नयी किताब ” दिल्ली का पहला प्यार -कनाट प्लेस…

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