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जूता बाजार के लिए रविदास समाज की बड़ी पहल

नई दिल्ली — दिल्ली के फुटपाथ पर वर्षों से जूते बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले मेहनतकश छोटे व्यापारियों के हितों के लिए रविदास समाज ने एक अहम कदम उठाया है। समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री एवं पूर्वी दिल्ली से सांसद, लोकप्रिय जनप्रतिनिधि हर्ष मल्होत्रा से शिष्टाचार भेंट कर जूता बाजार की बहुप्रतीक्षित मांग को दोहराया।

इस महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पूर्व जनरल प्रधान अमृतलाल राठौर एवं रविदास समाज बायलॉज कमेटी के प्रभारी, सुप्रसिद्ध विधि विशेषज्ञ एडवोकेट मनोज दिलारे ने किया। प्रतिनिधिमंडल में समाज के सम्मानित पदाधिकारीगण — पटेल रामदास मंडराई, लालकिला जूता बाजार बेला रोड एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष कैलाश नंदमेहर, पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार डोयरे, एफ-2 के प्रभावशाली प्रधान श्री बंसीलाल निवारे, संरक्षक दिनेश नंदमेहर एवं समाजसेवी युवा प्रेरणा स्रोत विनीत राठौर भी शामिल रहे।

प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री हर्ष मल्होत्रा को स्पष्ट रूप से अवगत कराया कि दिल्ली के विभिन्न इलाकों में हजारों की संख्या में गरीब एवं श्रमिक वर्ग के परिवार अपने जीवन-यापन का एकमात्र साधन फुटपाथ पर जूते बेचकर प्राप्त करते हैं। लेकिन वर्तमान में उचित स्थान के अभाव, अवैध वसूली, बार-बार की पुलिस कार्रवाई एवं जगह-जगह विस्थापन जैसी गंभीर समस्याओं से व्यापारी वर्ग बेहद त्रस्त है।

प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि लालकिला क्षेत्र का जूता बाजार ऐतिहासिक महत्व का रहा है, जो वर्षों से न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि दिल्ली आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र रहा है। लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा एवं अनियमितता के कारण इस पारंपरिक बाजार को लगातार संकट का सामना करना पड़ रहा है।

प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री जी से आग्रह किया कि फुटपाथ व्यापारी समाज को स्थायी और व्यवस्थित बाजार की सुविधा दी जाए ताकि वे गरिमापूर्ण ढंग से अपनी आजीविका चला सकें और दिल्ली की आर्थिक गतिविधियों में अपना योगदान जारी रख सकें।

मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने पूरे प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार गरीब एवं श्रमिक वर्ग के हक में हमेशा संवेदनशील रही है। फुटपाथ पर जूते बेचने वालों की समस्या को प्राथमिकता के आधार पर संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर समाधान निकाला जाएगा। मंत्री जी ने कहा कि सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना और छोटे व्यापारियों को संरक्षित करना उनकी जिम्मेदारी है, और इस दिशा में प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।

प्रतिनिधिमंडल के पटेल रामदास मंडराई ने कहा, “हमारा संघर्ष किसी व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए नहीं है, बल्कि समाज के उन हजारों परिवारों के लिए है, जिनका जीवन इस छोटे व्यवसाय पर टिका हुआ है। हम सभी एकजुट होकर अपने समाज की आवाज सरकार तक पहुंचाते रहेंगे। जब तक जूता बाजार के लिए स्थायी वैकल्पिक स्थान नहीं मिलता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।”

जूता बाजार को लेकर यह संवाद और सकारात्मक वार्ता समाज के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है। अब देखना यह है कि सरकार कब तक इस वादे को धरातल पर उतारती है। परंतु समाज के लोगों में इस मुलाकात के बाद नई ऊर्जा और विश्वास का संचार स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है।

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