उन्होंने तो दीर्घा से सीटियों और तालियों के साथ कलाकारों का खूब मनोरंजन किया।
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ENTERTAINMENT, FILMS
ल्यावा बणिगि हमरि भि फिलम’ नाटक बेसिर पैर की थोक के भाव बन रही फिल्मों पर कटाक्ष था ?
SUSHMA JUGRAN DHYANI ( SENIOR JOURNALIST , WRITER ) दो नाट्य संस्थाओं (दि हाई हिलर्स ग्रुप और प्रज्ञा आर्ट्स थियेटर…
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