उत्तराखंड में गीता को जीते जी वो सम्मान नहीं मिला जिसकी वो हकदार थी। उसकी मदद के लिए आवाज भी नहीं उठी.. अब हम केवल श्रद्धांजलि ही दे पा रहे हैं।

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