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नरेला में मैट्रो को मंजूरी नहीं तो लोकसभा चुनाव में वोट भी नहीं’

दिल्ली आदर्श मूल ग्रामीण पंचायत महासंघ के अध्यक्ष एवं रिठाला रोहिणी, बवाना, नरेला मैट्रो रुट संघर्ष समिति की हाई पावर कार्डिनेशन कमेटी के वरिष्ठ सदस्य शिक्षाविद् दयानंद वत्स भारतीय ने आज केंद्र सरकार द्वारा रिठाला से रोहिणी बवाना नरेला कुंडली मैट्रो कारिडोर विस्तार को केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी नहीं दिए जाने को उत्तर पश्चिमी लोकसभा क्षेत्र के लाखों लोगों के साथ किया गया क्रूर मजाक बताया है। वत्स ने कहा कि इससे क्षेत्र के लाखों ग्रामीणों में जन-प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के प्रति भारी गुस्सा और आक्रोश व्याप्त हो गया है। आज जिन दो कारिडोर को मंजूरी दी गई है वह पहले से ही मैट्रो नेटवर्क से जुड़े हैं।
सबसे अधिक जरूरत रिठाला नरेला मैट्रो कारिडोर को मंजूरी देने की थी। यहां मैट्रो की कनेक्टिविटी नहीं है। पिछले 24सालों से यहां के लोगों को छला जा रहा है। रिठाला से आगे रोहिणी, बवाना और नरेला के बड़े औद्योगिक क्षेत्र, यहां की हजारों आवासीय इकाइयों, सैंकड़ों गांवों को मैट्रो की मंजूरी की पूरी उम्मीद थी। वत्स ने कहा कि हम संघर्ष समिति की और से लगातार केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी के संपर्क में थे। केंद्रीय मंत्री ने हमारे प्रतिनिधि मंडल को कहा था कि वे खुद दिसंबर 2023में नरेला आकर इसका उद्घाटन करेंगे। लेकिन आज फिर से इस रुट के कारिडोर को मंजूरी नहीं दी गई। इससे स्थानीय निवासी सदमे में हैं और अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। रिठाला बरवाला बवाना नरेला मैट्रो रुट संघर्ष समिति पहले ही निर्णय ले चुकी है कि ‘ नरेला में मैट्रो नहीं तो लोकसभा चुनाव में वोट भी नहीं देंगे ‘
उत्तर पश्चिमी लोकसभा क्षेत्र के लोग मतदान का बहिष्कार कर सकते हैं, नोटा का प्रयोग कर सकते हैं।

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