Book Launch : सांड़ से युद्ध और मौत
मशहूर स्पैनिश कवि फेदेरीको गार्सीआ लोर्का के कविता संग्रह – सांड़ से युद्ध और मौत – का दिल्ली में विमोचन। इसमें 75 कविताओं का सीधे स्पैनिश से हिंदी में अनुवाद है। दो भाषाओं का ये संकलन स्पैनिश के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ और अनुवादक डॉक्टर प्रभाती नौटियाल ने तैयार किया है। सिर्फ 38 साल में दुनिया छोड़ चुके लोर्का का ये 125वां जन्म वर्ष है। 20 से ज्यादा स्पैनिश देशों में आज भी लोर्का के समर्थक लोर्कीनो नाम से अपने ब्लॉग या फ़ेसबुक ग्रुप चला रहे हैं। इस किताब का cover 7 साल की बच्ची अवनि जयाल ने design किया है। ये प्रतिभाशाली बच्ची, चित्रकारी के साथ कत्थक और पियानो पर भी हाथ आजमाती है।
इस मौके पर हिंदी के वरिष्ठ कवि और विचारक अशोक वाजपेयी ने कहा – लोर्का की कविताओं में कई बार जड़ वस्तुएँ सजीव हो उठती हैं। डॉक्टर प्रभाती के अनुवाद ने एक बार फिर, हमें दुर्लभ रस, संवेदना और आवेग की महान कविता पढ़ने का मौका दिया है।
इसके अलावा भारत में स्पेन के राजदूत खोसे मारीआ रिदाओ दोमिन्गेस ने कहा – लोर्का का हिन्दी में अनुवाद एक बड़ी अच्छी खबर है क्योंकि प्रोफेसर प्रभाती नौटियाल – साँड़ से युद्ध और मौत – को तराशने में कामयाब रहे।
इस संकलन को तैयार करने वाले डॉक्टर प्रभाती नौटियाल कवि, स्पैनिश-पुर्तगाली भाषा और साहित्य के विशेषज्ञ और रिटायर्ड स्पैनिश प्रोफेसर हैं। उनके मूल स्पैनिश-पुर्तगाली से हिंदी में कई साहित्यिक रचनाओं के अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा वो उपन्यास “गुंतेर की सर्दियां” का, मूल स्पानी से हिन्दी में अनुवाद के लिए सम्मानित हो चुके हैं। ये उपन्यास अब तक दुनिया की 45 भाषाओं में translate हो चुका है।