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उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता ने अंकिता भंडारी मामले में सीबीआई जांच की मांग की है और कहा है कि जिन लोगों का नाम कथित तौर पर वीआईपी के रूप में सामने आ रहा है, उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता और बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पार्टी लाइन से हटकर रुख अपनाते हुए अंकिता भंडारी मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। यह मांग हाल के घटनाक्रमों और उसके बाद उत्पन्न राजनीतिक नतीजों को देखते हुए की गई है, जब कथित वीआईपी का नाम एक ऑडियो क्लिप में सामने आया, जो सोशल मीडिया और सभी समाचार चैनलों पर वायरल हो रहा है। इस ऑडियो क्लिप का खुलासा एक अभिनेत्री, भाजपा कार्यकर्ता और भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी ने किया है। संभवतः उत्तराखंड में यह पार्टी के पहले वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने अंकिता भंडारी मामले में सीबीआई जांच की पुरजोर मांग की है, जबकि 2022 से सैकड़ों विरोध प्रदर्शनों के बावजूद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस बेहद संवेदनशील मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश नहीं की है। उत्तराखंड के वरिष्ठ भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने कांग्रेस पार्टी पर इस संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण करने और इससे राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करने का कड़ा आरोप लगाया है। भाजपा नेता ने राज्य भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पर भी इस संवेदनशील मुद्दे को जाति और समुदाय के रंग में रंगने और इसे पिछड़ा और ब्राह्मणवादी रंग देने का आरोप लगाया है, जो अजेंद्र अजय के अनुसार एक गैर-जिम्मेदाराना बयान है और समाज के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है तथा सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ सकता है। उन्होंने राज्य भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को ऐसे अपमानजनक बयान देने से रोकने का आग्रह किया, जिनसे पार्टी को नुकसान पहुंच सकता है। भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने यह भी सुझाव दिया कि जिन नेताओं का नाम इस मामले में आ रहा है, उन्हें अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। कृपया ध्यान दें कि इससे पहले भाजपा की दो महिला नेता और ज़ीका पंचायती की निर्वाचित सदस्य किरण शर्मा और आरती गौर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे चुकी हैं। किरण शर्मा ने अपने विरोध पत्र में कहा है कि पार्टी नेता का नाम वीआईपी के रूप में आने के बावजूद सभी नेता चुप हैं और उन्हें जन्मदिन की बधाई देने में व्यस्त हैं। इससे मुझे अंदर तक गहरा सदमा लगा है। मैं उस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से विरोध में इस्तीफा देती हूं, जिसने महिलाओं का सम्मान नहीं किया। पूर्व भाजपा मंत्री और नेता किरण शर्मा ने यह लिखा। इसी बीच उत्तराखंड की पूर्व भाजपा सांसद विजया बर्थवाल ने अंकिता भंडारी मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि वह अंदर से बेहद परेशान और विचलित हैं और निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग करती हैं, जिसमें दोषियों को चाहे वे कितने भी शक्तिशाली क्यों न हों, कड़ी सजा दी जाए। इस तरह भाजपा में महिला नेता धीरे-धीरे वीआईपी समेत अंकिता भंडारी मामले के दोषियों के खिलाफ आवाज उठा रही हैं।

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