कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रताप के कहने परगना मजिस्ट्रेट धुमाकोट श्रेष्ठ गुनसोला ने पहाड़ी भुला के विरुद्ध मुकदमा वापस लिए जाने का दिया आश्वासन


उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री धीरेंद्र प्रताप ने आज धुमाकोट के परगना मजिस्ट्रेट श्रेष्ठ गुनसोला से टेलीफोन पर बात की और यहां के स्थानीय कांग्रेस नेता और समाज सेवक यशवंत सिंह रावत उर्फ पहाड़ी भुला के विरुद्ध शांति भंग के मामले में मुकदमा दर्ज किए जाने को वापस लिए जाने के लिए कहा ्
धीरेंद्र प्रताप का कहना था कि गुलदार ने धूमाकोट में पहले ही आतंक मचाया हुआ है । कुछ लोगों की बकरियां भी उसने मार दी हैं और उसके बाद अगर कांग्रेस कार्यकर्ता आक्रोश में पुलिस के विरुद्ध कुछ कहता है तो यह कोई अपराध नहीं है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सामाजिक कार्यकर्ता और खास तौर पर कांग्रेस कार्यकर्ता अगर जनता की लड़ाई में आगे नहीं आएंगे तो कौन आगे आएगा ।
धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि परगना मजिस्ट्रेट श्रेष्ठ गुनसोला ने उनकी बात को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि स्थानीय थाने ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और इसीलिए उनके चालान के आदेश उन्होंने कर दिए थे लेकिन धीरेंद्र प्रताप ने जब यह कहा कि इस तरह से परेशान लोगों को और ज्यादा परेशान किया जाना लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है तो एस डी एम गुनसोला ने कहा कि वह इस पर विचार करेंगे और उनका मुकदमा वापस लिया जाएगा ।
उल्लेखनीय है शांति भंग की धारा 115( 2 ) और 135 BNS मैं यशवंत सिंह पहाड़ी भुला का चालान किया गया था । जिसे एसडीएम में वापस लेने का आश्वासन दिया।
धीरेंद्र प्रताप ने इस बीच वन विभाग के डीएफओ को भी फोन करके गुलदार द्वारा मारे गए बकरों के मालिकों को उचित मुआवजा दिए जाने की भी मांग की है।




