अमर संदेश समाचार पत्र द्वारा आयोजित साइबर सुरक्षा जागरूकता पर सेमिनार, सांस्कृतिक कार्यक्रम व सम्मान समारोह सम्पन्न






सी एम पपनैं
नई दिल्ली। देश की राजधानी नई दिल्ली से प्रकाशित प्रमुख साप्ताहिक समाचार पत्र अमर संदेश द्वारा 1 नवंबर को डिप्टी स्पीकर हाल कंस्टीट्यूशन क्लब में साइबर सुरक्षा जागरूकता पर सेमिनार, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं सम्मान समारोह का प्रभावशाली आयोजन मैजिक अकादमी ऑफ इंडिया अध्यक्ष डॉ. के सी पांडे की अध्यक्षता तथा मुख्य अतिथि भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम व देश के जानेमाने साइबर सुरक्षा विषेशज्ञ रहे डॉ. गुलशन राय, विशिष्ट अतिथियों में प्रमुख एसीपी दिल्ली पुलिस तिलक चंद बिष्ट, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी हरिपाल रावत, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ताअजय जैन, भाजपा के वरिष्ठ नेताराजेश पैन्यूली व डिप्टी कमांडेंट सीआरपीएफ सुनील डोबरियाल की प्रभावी उपस्थिति में आयोजित किया गया।
आयोजन शुभारंभ मंचासीन मुख्य व विशिष्ट अतिथियों के साथ-साथ अमर संदेश समाचार पत्र प्रमुख अमर चंद, पॉलिटिकल ट्रस्ट पत्रिका मुख्य संपादक निम्मी ठाकुर, संगीतज्ञ राजेंद्र चौहान व मोहन सिंह रावत इत्यादि इत्यादि द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर व कोमल नेगी राणा के निर्देशन में संचालित घुघुति सांस्कृतिक कला मंच के कलाकारों द्वारा गणेश वंदना नृत्य गायन से किया गया। इस अवसर पर कथक नृत्यांगना पूजा त्रिपाठी और उनकी टीम द्वारा की गई प्रस्तुतियों की लोगों ने खूब प्रशंसा की।
आयोजित साइबर सुरक्षा जागरूकता विषय पर मंचासीन प्रबुद्ध जनों में प्रमुख बीजेपी राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम के साथ-साथ अन्य विशिष्ठ वक्ताओं में प्रमुख उषा ठाकुर, रमेश चौधरी, सुरेंद्र हाल्सी तथा चंद्र मोहन पपनै , प्रवेश चौधरी द्वारा साइबर सुरक्षा से जुड़े विषय पर ज्ञानवर्धक विचार व्यक्त किए गए। कहा गया, साइवर सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा ज्वलंत है, विश्व व्यापी है जिसके तहत डेटा सुरक्षा हेतु जागरूकता जरूरी है। कहा गया, डेटा वह है जब तक वह आपके पास है जब वह चलायमान तकनीक के माध्यम से आगे बढ़ा दिया जाता है तो वह इनफॉर्मेशन हो जाती है। इंटरनेट से जुड़ी चीजें फिर आम हो जाती हैं। आज करोड़ो की संख्या में साईबर अपराध हो रहे हैं। साइबर सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा कहा गया, डिजिटल जादूगरी ने जीवन को सरल बना दिया है। घर बैठे सारी सुविधाएं मिल रही है। याद रखना जरूरी है, किसी भी उपलब्धि पर खामियां भी होती हैं। जनजागरण जरूरी होता है। अपने बच्चों या परिजनों के नाम से पासवर्ड न बनाए। कम से कम डेटा शेयर करे।
प्रबुद्ध वक्ताओं द्वारा कहा गया साइबर सुरक्षा, कम्प्युटर नेटवर्क, प्रोग्राम और डेटा को अनपेक्षित या अनिधिकृत पहुच, परिवर्तन या विनाश से बचाने पर केन्द्रित है। हम सभी सीख रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है, हमे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। हम सबकी जानकारी समान है। टीचर का अनुभव है, वह विद्यार्थियो को सीखाता है। देश में स्थापित अनेकों इंस्टिट्यूट लोगों को विभिन्न विषयों पर शिक्षित कर, सफलता की राह पर अग्रसर करते हैं। व्यक्त किया गया, साइबर सुरक्षा की बहुत ट्रेनिंग दी जा रही है। देश के विभिन्न इंस्टीट्यूशनों में जो शिक्षा दी जा रही है उसे सीखना जरूरी है। यह समय सीखने का है। साइबर सुरक्षा से जुड़े शोध महत्वपूर्ण हैं। साइबर सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण विषय पर संगोष्ठी आयोजित करने हेतु दुष्यन्त गौतम के साथ-साथ सभी प्रबुद्ध वक्ताओं द्वारा अमर संदेश समाचार पत्र के मुख्य संपादक अमर चंद और निम्मी ठाकुर की सराहना की गई।
आयोजित सेमिनार मुख्य वक्ता, पीएमओ से सेवा निवृत साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. गुलशन राय द्वारा साइबर सुरक्षा तथा राष्ट्रीय व वैश्विक फलक पर घटित हो रहे साइबर अपराधो पर विस्तार पूर्वक, ज्ञानवर्धक तथ्यों पर प्रकाश डाल व्यक्त किया गया, भारत वर्ष ने तकनीक के क्षेत्र में बहुत तरक्की की है। वर्ष 1997 में पहली बार भारत में मोबाइल आया। आज करीब सौ करोड़ लोग मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हैं। डिजिटल की दुनिया में भारत तीसरे नंबर का देश है। पहले तकनीक दूसरी थी आज तकनीक बदलती जा रही है। बदलती तकनीक के साथ डेटा भी साथ चल रहा है। व्यक्ति एक ही डेटा से सारे कार्य करता है। बच्चे कार्य करने में गूगल देख मदद लेते हैं। यूट्यूब देखते हैं। कहा गया, यूट्यूब अपना एक टीवी चैनल बनाने के लिए तथा उस माध्यम अपने विचार व्यक्त करने व रोजगार से जुड़ने और बढ़ाने हेतु सोच पर निर्धारित किया गया था। पहले सीमित शब्दों वाला टेलीग्राम होता था यही आज ट्विटर है। आज जो तकनीक यूज हो रही है प्रत्येक संचालित सरकारी तथा अन्य सार्वजनिक संस्थानों और व्यक्तियों द्वारा सब जगह एक सी तकनीक पर यूज हो रही है। सब सिस्टम में कनेक्ट हो रहा है । ठगी का शिकार हर कोई हो रहा है। बैंक के लोग, करियर एजेंसी इत्यादि इत्यादि मिले हुए पाए गए हैं। पिन गोल हो जाता है।
कहा गया, डिजिटल तकनीक डाटा पर कार्य करती है। बहुत सी सर्विस फ्री मिलती है, कैसे मिलती है? ईमेल, गूगल, व्हाट्सएप फ्री सर्विस देता है। ये सब डेटा देते हैं। ये सब डेटा कलक्ट करते हैं, जो बिकता है। डेटा बेच कर फंडिंग होती है। डेटा से ही सारे जुगत के उल्टे-सुल्टे कार्य होते हैं। कहा गया, कोई भी सामान खरीदे गारंटी वारंटी होती है। डिजिटल की क्यों नहीं? आज के युग में डेटा महत्वपूर्ण हो गया है। जो बिकता है फैलता है। कहा गया तकनीक परफेक्ट की जा सकती है। वारंटी, गारंटी जरूरी है। फोन से गए डाटा से सब कुछ होता है। लोकेशन भी जाती है। तकनीक का अच्छे और बुरे दोनों में इस्तेमाल किया जाता है। सिस्टम में कमजोरी जरूर होती है, डेटा का महत्व समझना होगा। सोशल मीडिया के माध्यम से हम सारी जानकारी देते हैं सब डाटा एकत्रित हो जाता है। कहा गया, जो नम्बर आप नहीं जानते उसे छोड़ दीजिए। हैकर रिटर्न काल नहीं लेते हैं, सिर्फ फोन करते हैं। आप कहे अभी फोन करता हूं। फोन करेंगे तो वह नहीं उठाएगा।
साईबर सुरक्षा विषेशज्ञ द्वारा कहा गया, साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा से निकटता से जुडी हुई है। साइबर सिक्यूरिटी में रोज सतर्क रहना पड़ता है, अपनी कमाई गई गाढ़ी पूजी की सुरक्षा के लिए। साइबर अपराध में निरंतर वृद्धि, उन उपकरणों और सेवाओ की खामियों को उजागर करती है, जिन पर हम निर्भर हैं। सरकार के सभी विभाग साइबर सिक्यूरिटी पर सक्रिय हैं। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (14सी), साइबर सुरक्षा नीति 2013, आईटी अधिनियम 2000, महिलाओ और बच्चों के खिलाफ
साइबर अपराध निवारण योजना के तहत, साइबर अपराधो की रोकथाम को नियन्त्रित किया जा रहा है, फिर भी साइबर क्राइम राष्ट्र के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है।
व्यक्त किया गया, सभी को इसकी जानकारी होनी चाहिए। साइबर सब क्रियाकलापो से जुड़ा हुआ है। साइबर अटैक कैसे हो रहा है? जागरूक रह, इसकी जानकारी होनी चाहिए। सावधान रहना चाहिए। वैश्विक फलक पर सब भुक्त भोगी हैं। उत्तम तकनीक व जागरूकता के बल इससे बचा जा सकता है।
व्यक्त किया गया, भारत डिजीटल प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से बढ़ते बाजारों में एक है। भारत में करोड़ों फोन, सैंकड़ों मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। दुनिया भर मे डेटा उल्लघनों ने व्यक्तिगत सुरक्षा हेतु खतरा पैदा किया है। साइबर हमला व्यक्तिगत या कार्पोरेट आभाषी निकाय पर होते हैं। देश में साइबर क्राइम का फीसद बढ़ता जा रहा है। रोकथाम के लिए शिक्षा, जागरूकता, ट्रेनिंग जरूरी है। सोशल मीडिया द्वारा लोगों को व्यापक तौर पर जागरूक करना चाहिए। साइबर सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है। डाटा जो लीक हो रहा है उस पर रोकथाम जरूरी है।
साइबर सुरक्षा विषेशज्ञ डॉ. गुलशन राय द्वारा व्यक्त किया गया। मिलजुल कर साइबर अपराधो से पार पाया जा सकता है। तकनीक ऐसी हो गई है, जो हम यहां कर रहे हैं, वह साइबर क्राइम करने वाले देख रहे हैं। हर पल अटैक हो रहा है। करोड़ों अटैक हो चुके हैं। साइबर तकनीशियन रात-दिन राष्ट्र के लिए काम कर रहे हैं फिर भी अटैक रोकने मे असमर्थ हैं। इंस्टिट्युशन को टार्गेट किया जा रहा है। साइबर क्राइम विभिन्न तरीको से हो रहा है।
साइबर सुरक्षा विषेशज्ञ द्वारा व्यक्त किया गया, साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए बुद्धिमतापूर्ण दिमांग चाहिए। भारत की राष्ट्रीय एजैंसी व इंडियन कंप्युटर इंमरजैंसी रिस्पांस टीम ने देश की साइबर सुरक्षा से निपटने में प्रगति की है।
व्यक्त किया गया, सुरक्षा के नियमो का उल्लंघन करना घातक होता है। यह सामाजिक समस्या ज्यादा है। सभी थानों में साइबर डेस्क है। सरकार ने साइबर क्राइम पीड़ितों हेतु, शिकायत करने के लिए, एक नम्वर 1930 भी जारी किया है। साइबर सुरक्षा बहुत जरूरी हो गई है।
व्यक्त किया गया, साइबर सुरक्षा से सम्बंधित अमर संदेश समाचार पत्र द्वारा आयोजित यह महत्वपूर्ण सेमिनार है। साइबर क्राइम से विश्व के सभी देश जूझ रहे हैं। उनकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। यह समस्या अकेले हल नहीं हो सकती। राष्ट्रीय व वैश्विक फलक पर उच्च कोटि के ज्ञाताओ व तकनीक की जरूरत है। तकनीक में विशेषज्ञता बेहद जरूरी है।
मंचासीन अन्य वक्ताओं द्वारा कहा गया, सवाल है कैसे अटैक रोके? हर क्षेत्र मे अटैक हो रहा है। कोई भी क्षेत्र, साइबर हमलों से अछूता नहीं है। ठग रोजाना नए-नए तरीको से आनलाइन फ्राड को अंजाम दे रहे हैं। यह अपराध का भयावह नया चेहरा है, खूब फलफूल रहा है। आज हर व्यक्ति का डाटा कही न कही जमा है, जैसे बैंक, स्कूल, आफिस इत्यादि इत्यादि। साइबर सब जगह कनेक्ट है लेकिन सुरक्षित नहीं है। इसका कोई क्षेत्र नहीं, सब जगह है। वक्ताओं द्वारा उक्त अपराध से जुड़े कई निजी अनुभवों को भी सांझा कर सभागार में बैठे लोगों को जागरूक करने की प्रभावी पहल की गई।
आयोजित संगोष्ठी अध्यक्षता कर रहे मैजिक अकादमी ऑफ इंडिया अध्यक्ष डॉ. के सी पांडे द्वारा कहा गया, साइबर सुरक्षा बहुत जरूरी है। सुरक्षा से जुड़े सभी संबंधित अधिकारियों और विभागों द्वारा सतर्कता से कार्य कर ठगे गए पीड़ितों की निष्ठा पूर्वक कानूनन मदद करना जरूरी है, जिसका अभाव नजर आता है। डॉ. के सी पांडे द्वारा ठगे गए कुछ प्रत्यक्ष लोगों के उदाहरण देकर लोगों को जागरूक रहने का प्रभावशाली संदेश दिया गया। आयोजक अमर संदेश समाचार पत्र मुख्य संपादक अमर चंद द्वारा सभी अतिथि वक्ताओं व उपस्थित जनों तथा बैंक ऑफ इंडिया, ओएनजीसी, गेल इत्यादि इत्यादि प्रतिष्ठानों व संस्थानों के द्वारा दिए गए सहयोग के प्रति आभार प्रकट किया गया। अमर संदेश समाचार पत्र की ओर से अनेकों विधाओं में निपुण और सक्रिय जनों को मंचासीन अतिथियों के कर कमलों शाल ओढ़ा कर व सम्मान पत्र- 2025 प्रदान कर सम्मानित किया गया तथा आयोजित कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई। इस मौके उत्तराखंड मुख्यमंत्री के मीडिया कोऑर्डिनेटर मदन मोहन सती, गढ़वाल भवन के पूर्व अध्यक्ष अजय बिष्ट, आंदोलनकारी अनिल पंत, योग गुरु डॉक्टर सत्येंद्र सिंह, वरिष्ठ पत्रकार सरदारी लाल गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार आरपी ध्यानी , पत्रकार हरीश रावत, वर्षा चमोली वरिष्ठ पत्रकार, उत्तराखंड समाज के वरिष्ठ समाजसेवी हरीश शाह , समाजसेवी रमेश चंद सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे,आयोजित कार्यक्रम का प्रभावशाली मंच संचालन स्वाती पहाड़ी द्वारा बखूबी किया गया।




