हिन्दी हमारी स्वतंत्रता,एकता और सांस्कृतिक पहचान को अभिव्यक्त करने वाली भाषा है

नई दिल्ली। हिन्दी हमारी स्वतंत्रता,एकता और सांस्कृतिक पहचान को अभिव्यक्त करने वाली भाषा है
,यह हमारी अस्मिता और अस्तित्व की प्रतीक है। विकसित भारत में एक शीर्ष वैश्विक भाषा बनाने का यदि हम आह्वान करेंगे तो पहले इसे घरों में छोटे बच्चों के साथ व्यवहार में लाना होगा। संविधान द्वारा जिन दो दर्जन भारतीय भाषाओं को मान्यता दी गई है वे हिन्दी को शक्ति और संबल देने का कार्य करने वाली हैं।
ये विचार दक्षिण दिल्ली के कैलाशपुरी,पालम स्थित सामुदायिक भवन में हिन्दी दिवस के अवसर पर राष्ट्रोक्ति वेब पोर्टल,अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन और हिम उत्तरायणी पत्रिका द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में समारोह के वरेण्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार और नागरी लिपि परिषद के महासचिव डॉ.हरि सिंह पाल ने व्यक्त किए।
डॉ.पाल ने कहा कि हिमालय हो,हिंदुस्तान अथवा हिन्दी सबका तेज और प्रभाव इनके संरक्षण और संवर्धन से बढ़ेगा। संवेदनशील पहाड़ों में यदि विकास के नाम पर प्रकृति का अंधाधुंध दोहन होगा तो उत्तराखंड और हिमाचल जैसे राज्यों में हिमालयी आपदा नहीं रुकेंगी।
समारोह के मुख्य अतिथि पालम विधानसभा के पूर्व विधायक श्री धर्मदेव सोलंकी ने कहा कि हिम उत्तरायणी पत्रिका पिछले डेढ़ दशक से साहित्य,कला,संस्कृति, पर्यावरण और भाषा पर अच्छा कार्य कर रही है, बड़े संस्थानों और वातानुकूलित सभागारों से अलग नगरों और कॉलोनियों में ऐसे आयोजन की पहल स्वागतयोग्य है।
कार्यक्रम के अतिविशिष्ट अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी और स्थानीय निगम पार्षद प्रतिनिधि श्री सतपाल कृष्णिया ने कहा कि उत्तरायणी और हरेला जैसे पर्वों के माध्यम से जहां हिम उत्तरायणी की टीम ने पर्यावरण जागरूकता को बढ़ाया है वहीं राष्ट्रोक्ति के माध्यम से डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन,अटल बिहारी वाजपेयी जी,सुंदरलाल बहुगुणा जी और इंद्रमणि बडोनी जी के विचार को एकाकार करने का कार्य अनुकरणीय है। वरिष्ठ नागरिक प्रकोष्ठ के संयोजक श्री श्यामलाल मजेड़ा ने कहा कि हिन्दी ने देश को हमेशा एक किया है और आज हिन्दी अपनी शक्ति और व्याप्ति के बल पर विश्व में प्रचलित हो रही है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ लेखिका और हिमांगी पत्रिका की संपादक डॉ.सुनीति रावत ने कहा कि हिम उत्तरायणी के राष्ट्रभाषा विशेषांक का लोकार्पण संसद के केंद्रीय कक्ष में हुआ है तो अटल जी पर चर्चित अंक हो,महिला विशेषांक,संस्कृत अंक, हिमालय यात्रा अथवा स्थानीय पर्यटन पर केंद्रित अंक,पत्रिका निरंतर अग्रसर है।
इस अवसर पर हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार हेतु हिन्दी सेवी सम्मान,शिक्षक सम्मान और हिमालय गौरव सम्मान भी प्रदान किए गए।
विशिष्ट हिन्दी सेवा सम्मान भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व प्रबंधक डॉ.तेजराम महावर,पूसा इंस्टीट्यूट के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.डी.शर्मा,महानगर टेलीफोन निगम के राजभाषा अधिकारी श्री लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल, वरिष्ठ पत्रकार और सत्य आप तक चैनल की हेड सुश्री तूलिका दत्ता ,रॉ के पूर्व अधिकारी श्री जगदीश भाटी,दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राकेश तिवारी,भारतीय डाक सेवा के अधिकारी श्री कैलाश चंद्र शर्मा और वरिष्ठ समाजसेवी श्री डी.नरसिम्हा राव को प्रदान किए गए।
विशिष्ट शिक्षक सम्मान श्री विनोद कुमार पाण्डेय (प्रवक्ता) दिल्ली सरकार,श्री आर.आर. मीना
निवर्तमान प्रधानाचार्य दिल्ली सरकार ,श्री शंकरलाल शर्मा हिन्दी प्रवक्ता,दिल्ली सरकार और श्री सत्यपाल चौधरी,भाषाध्यापक, शिक्षा निदेशालय और वरिष्ठ समाजसेवी और शिक्षाविद श्री जगदीश प्रसाद सैनी को प्रदान किए गए। पूर्व शिक्षक और संस्कृत विद्वान डॉ.अर्जुन चौधरी को इस अवसर पर 285 मैराथन राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर दौड़ पूरी करने हेतु विशेष मैराथन एथलीट से सम्मानित किया गया।
हिमालय जागरण महायात्रा एवं पर्यावरण चेतना में सहभागिता हेतु श्री मनोज कोटनाला,श्री दिवान सिंह रावत,आचार्य महावीर नैनवाल,डब्बू सिंह,प्रभाकर ध्यानी और प्रवीण बडोनी को सम्मानित किया गया।
समारोह के संयोजक और संचालक हिम उत्तरायणी पत्रिका के संपादक प्रो.सूर्य प्रकाश सेमवाल ने कहा कि 15 वर्ष से हिम उत्तरायणी ने चर्चित विशेषांक प्रकाशित किए हैं। पत्रिका के आगामी अंक वैश्विक हिन्दी,शौर्य पुरुष मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी और पूर्व उपप्रधानमंत्री भारतरत्न लालकृष्ण आडवाणी जी पर केंद्रित होंगे।
हिन्दी दिवस समारोह में सभी अतिथियों और सम्मान प्राप्तकर्ताओं का स्वागत करते हुए अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन के अध्यक्ष और इंडिया टाइम न्यूज 24 के प्रबंध निदेशक श्री संजीव सोलंकी ने कहा कि हमारी संस्थाएं समाज जागरण के ऐसे आयोजन निरंतर करती हैं और खुशी की बात ये है कि लोग हमारे कार्यक्रमों में रुचि ही नहीं लेते बल्कि इनकी प्रतीक्षा भी करते हैं।