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जापान में शिव भक्ति का प्रसार: होशी ताकायुकी की आध्यात्मिक यात्रा

लगभग 18-20 वर्ष पहले भारत भ्रमण पर आए होशी ताकायुकी की कहानी अद्भुत है। उत्तराखंड में प्राचीन मंदिरों के दर्शन के दौरान उन्हें आत्मज्ञान हुआ की उनका पिछला जन्म भारत में हुआ था और अगस्त्य मुनि ने उनके जीवन के पिछले जन्म के संबंध की भविष्यवाणी की है।

इसके बाद उन्होंने प्रतिदिन भगवान शिव की आराधना शुरू कर दी और हिंदू सनातन धर्म का गहराई से अध्ययन करना प्रारंभ किया।

उन्होंने कई धार्मिक पुस्तकें पढ़ीं, मंदिरों के दर्शन किए और हिंदू संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों में भाग लिया।

अपने पिछले जन्म के संकेतों के मिलने के बाद उन्हें लगातार ऐसे सूत्र मिलते रहे कि उनका जन्म और पालन-पोषण उत्तराखंड के एक छोटे और प्राचीन कस्बे में हुआ था।

भगवान शिव के प्रति उनकी अटूट भक्ति ऐसी है कि उन्होंने जापान में अपने घर को ही एक शिव मंदिर में बदल दिया।
उनके परिवार, रिश्तेदारों, मित्रों और स्थानीय लोगों ने भी उनका अनुसरण करना शुरू कर दिया और सनातन धर्म में विश्वास करने लगे।

उनका भारतीय नाम बाल कुम्भा गुरुमुनि है।

भारत के कई मंदिरों के दर्शन के बाद, अब वे 30 जापानी आध्यात्मिक भक्तों के साथ उत्तराखंड में कुछ स्थानों का दौरा करने आए हैं, जिनमें अगस्त्यमुनि जी का मंदिर भी शामिल है, जहाँ वे भक्तों के साथ अगस्त्यमुनि के शिव मंदिर में शीश नवाने आए हैं। वहाँ उन्होंने हवन भी किया।

वह अपने आसपास के लोगों को सनातन धर्म की सच्ची जड़ों का प्रसार करना चाहते हैं।
भविष्य में उनकी इच्छा है वह जापान और भारत में एक शिव मंदिर बनाये । भगवान शिव उनकी आध्यात्मिक यात्रा के लिए उन्हें और अधिक आशीर्वाद दें।

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