केजरी का किला ध्वस्त करने में कांग्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका
के पी मलिक
जहां संघ को दरकिनार कर उसकी जरूरत नहीं बताने वाले भाजपा के चाणक्यो ने हरियाणा में कांग्रेस के भूपेंद्र हुड्डा, महाराष्ट्र में शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे मराठों के मज़बूत किले ध्वस्त कर दिए तो ऐसे में दिल्ली के केजरीवाल के मुफ़्त की रेवड़ी की बुनियाद पर बने किले की क्या हैसियत थी? कि वह इस आंधी के सामने टिका रह सके। जिसमें तमाम तोता, मैना और और गिद्धों का प्रयोग किया जा रहा हो। दरअसल मैने मतदान से पहले और मतदान के दिन भी दोपहर में ही कई चैनलों पर कह दिया था कि दिल्ली में भी हरियाणा और महाराष्ट्र वाला खेला चाणक्य ने कर दिया है। अब दिल्ली में भाजपा की सरकार बन रही है और केजरीवाल का किला ध्वस्त होने जा रहा है और केजरी का दिल्ली का किला ध्वस्त हुआ नहीं कि पंजाब का किला खुद-ब-खुद भरभराकर ढह जाएगा। क्योंकि भाजपा की साम-धाम-दंड- भेद की रणनीति का मुकाबला जब हरियाणा में कांग्रेस और महाराष्ट्र में शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे नेता नहीं कर पाए तो फिर केजरीवाल किस खेत की मूली है? बहरहाल जैसा कि तमाम सियासी हालात इशारा कर रहे हैं कि केजरीवाल का किला ध्वस्त होने का श्रेय भाजपा से अधिक कांग्रेस को जाता हुआ दिख रहा है क्योंकि जिस प्रकार से कांग्रेस ने दिल्ली में चुनाव लड़ने का रणनीतिक फैसला लिया वह जताता है कि कहीं न कहीं कांग्रेस भी दिल्ली में पुन स्थापित होकर अपनी खोई हुई ज़मीन वापस पाना चाहती है, क्योंकि अब उसके पास दिल्ली में खोने को कुछ नहीं और पाने को बहुत कुछ है, कांग्रेस जानती है कि चाहे हरियाणा हो, हिमाचल हो, उत्तराखंड हो, पंजाब हो और गुजरात हो तमाम राज्यों में भाजपा कांग्रेस को हराने के लिए केजरीवाल को अपने टूल की भांति प्रयोग करती रही है। यहां कांग्रेस ने सियासी रणनीति के तहत निर्णय लिया हैं कि अब समय आ गया है कि केजरीवाल को समाप्त करके हरियाणा और बाकी राज्यों का बदला लिया जाए।