देश की राजनीति में किसान नेताओं का टोटा
K.P. MALIK
एक समय संसद में दर्जनों किसान नेता दहाडा करते थे और केंद्रीय मंत्रीमंडल में भी किसान नेताओं का दबदबा होता था। आज किसानों की आवाज बुलंद करने वाला संसद या सरकार में कोई बड़ा नेता नहीं है। देश की राजनीति में किसान मसीहा के रूप में पहचान बनाने वाले चौधरी चरण सिंह ने किसान और पिछड़े वर्ग के नेताओं की एक बड़ी फ़सल तैयार की थी। उनके बनाए हुए ये नेता विधायक, सांसद से लेकर मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उप प्रधानमंत्री जैसे बड़े-बड़े राजनीतिक पदों पर पहुंचे। परंतु चौधरी चरण सिंह के बनाए हुए इन नेताओं ने इस परंपरा को आगे कायम नहीं रखा जिसका नतीजा यह हुआ कि आज राजनीति में किसान नेताओं का अकाल पड़ा हुआ है। इस कारण किसान राजनीति और किसानों की दुर्गति हो रही है। दरअसल आज भी उस वक्त के कई वयोवृद्ध नेता मौजूद हैं, लेकिन वें कभी किसी नए नेता को आगे बढ़ाते नहीं दिखते। राजनीति और सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने के बाद भी वे आने वाली पीढ़ी को कुछ देकर जाना नहीं चाहते। यदि उन्हें भी कोई वरिष्ठ नेता आगे ना बढ़ाता तो उनका खुद का क्या होता? कभी उन्होंने सोचा है?