नैतिकता को आधार बता कोश्यारी ने छोड़ी भाजपा की सदस्यता …
GAJENDRA RAWAT
राजनीति में पारदर्शिता शुचिता की बात वर्षों से की जाती रही है और कई अवसरों पर ऐसी बातें देखने को मिली जिन्होंने समाज में बहुत सारे उदाहरण तैयार किये. संवैधानिक पद पर बैठने के लिए नैतिकता का तकाजा होना चाहिए, नैतिकता के बिना राजनीति नहीं हो सकती इस प्रकार की बात कहने वाले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोचारी ने जब भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया तो चारों ओर तो भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने उसे मिसाल के रूप में पेश किया .
अखबारों में बड़ी-बड़ी खबरें छपाई गई, खिचड़ी खाने वाले भगत सिंह कोश्यारी को त्यागी बताया गया.
कोश्यारी के बयान भी आए .यह वाकया 3 सितंबर 2019 का है जब भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट देहरादून डिफेंस कॉलोनी में भगत सिंह कोश्यारी के घर पर उनको मिलने गए तो कोश्यारी ने बलजीत सिंह सोनी और दीप कोश्यारी को गवाह बनाकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता समाप्त करने का अपना आग्रह पत्र अजय भट्ट को सौंपा .कोश्यारी ने भाजपा की सदस्यता यह कहकर छोड़ी कि अब वह एक संवैधानिक पद पर बैठने जा रहे हैं, उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल मनोनीत किया गया था। राज्यपाल के पद पर आसीन होने से पहले कोश्यारी ने यह कहकर सदस्यता छोड़ी थी कि संवैधानिक पद पर बैठने के बाद व्यक्ति को दलगत राजनीति से बाहर आना ही होता है और आपको इसके लिए किसी दल में रहने का कोई हक नही है.किंतु कोश्यारी का वह फॉर्मूला आज इस उत्तराखंड में उसी भाजपा द्वारा दरकिनार कर दिया गया है ।आज विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी के ऊपर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने की क्या जरूरत पड़ गई ?
आखिरकार उन्हें भारतीय जनता पार्टी का सदस्य क्यों बनना पड़ा ? अभियान का हिस्सा क्यों बनना पड़ा ? आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि उन्हें संवैधानिक पद की गरिमा का भी ख्याल नहीं रखना पड़ रहा है
सवाल फिर से भारतीय जनता पार्टी के चाल चरित्र और चेहरे के नारे पर खड़े होने लगे हैं कि जो पार्टी भगत सिंह कोश्यारी के पार्टी से इस्तीफे को ऐतिहासिक बता रही थी आज रितु खंडूरी के भाजपा का सदस्य बनने और सदस्य बनवाने पर मौन कैसे हो गई
रितु खंडूरी लोकसभा चुनाव के दौरान पौड़ी लोकसभा के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों में रोड शो से लेकर सड़क पर वोट मांगती दिखाई दी उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय देहरादून में एक कार्यक्रम में भाषण देते हुए दिखाई और अब भाजपा की सदस्यता लेने के बाद किसी के मुंह से शब्द तो दूर एक अक्षर भी नहीं निकल पा रहा है
यह सब उस दौर में हो रहा है जिस दौर में कांग्रेस के लोग देश भर में संविधान बचाओ के नाम पर लंबे चौड़े भाषण दे रहे हैं और रितु खंडूरी के मामले में उनके मुंह में दही जम गई है या हो सकता है उन्हे ये लग रहा हो ऋतु खंडूरी कल के दिन मुख्यमंत्री बन गई तो भुवन चन्द्र खंडूरी के बेटे पूर्व कांग्रेसी वर्तमान भाजपाई मनीष खंडूरी से अच्छे संबंधों के चलते उनसे खनन के पट्टे , शराब के ठेके , सड़कों के टेंडर, पार्किंग के ठेके, रिश्तेदारों के लिए नौकरियां लिए जा सकते हैं इसलिए चुप्पी साधे रखो I