किसी की किस्मत इतनी भी खराब हो सकती है सोचा नहीं था।
RAJAT SHARMA
किसी की किस्मत इतनी भी खराब हो सकती है सोचा नहीं था। पानीपत हरियाणा की ये महिला पहलवान निशा दहिया 8-1 की लीड में थी। दूसरे राउंड में निशा के उंगलियों में चोट लगती है तो वह पट्टी बांध लड़ती है मगर फिर उसके हाथ में चोट लग जाती है फिर भी निशा ने हार नहीं मानी और पूरा मुकाबला लड़ी। मगर लास्ट के शायद 30- 35 सेकंड में विरोधी पहलवान ने इनकी चोट का फायदा उठा नौ प्वाइंट हासिल कर लिए और निशा हार गई…
जिसने भी कल ये मैच देखा होगा वो जानता है के ये पहलवान कितना शानदार खेल रही थी मगर मेडल के लिए शायद खेल ही नहीं किस्मत का भी साथ होना जरूरी होता है… पहलवान अपना घर फूंक के बनता है कोई बाप अपनी जमीन बेच के अपने बच्चे को पहलवान बनाता है तो कोई कर्ज लेकर। मेडल आने पे तो सरकार की तरफ से सहयोग मिलता है। मगर चोट लग गई तो शायद दो चार दिन बाद कोई इस पहलवान को याद भी ना करे। जीतने वालों को तो पता ना कौन कौन सी कंपनी गाड़ी पैसे देंगी मगर ऐसे किस्मत से हारे बंदों को भी मदद मिलनी चाहिए। Pls थोड़ा शेयर करें ताकि कुछ तो सरकार के कानो में बात जाए अकेले मेडल की बात नहीं होती है प्रदर्शन को भी आंका जाना चाहिए…
एक चोट ने पहलवान जी के सपनों और कैरियर पे पानी फेर दिया। खैर आपने बहुत शानदार खेल दिखाया हम सब आपके जल्द फिट होने की कामना करते हैं। जय हिन्द, जय भारत