राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने उठाई आयोग की समीक्षा करने की मांग
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष से मिलकर आक्रोश जताया कि पिछले लंबे समय से आयोग में स्टाफ की कमी तथा लचर कार्य प्रणाली के चलते कई भर्ती परीक्षा के परिणाम रुके हुए हैं तो कई भर्ती परीक्षाओं की वेटिंग लिस्ट अभी तक जारी नहीं हो पाई है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के संयोजक शिवप्रसाद सेमवाल ने उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि जिस तरह से मुख्यसचिव अन्य सभी विभागों की समय-समय पर समीक्षा करते हैं, उसी तरह अधीनस्थ सेवा चयन आयोग जैसे आयोगों के कामकाज की भी समय-समय पर समीक्षा होनी चाहिए। इससे विभिन्न विसंगतियां तो दूर होंगी ही, साथ ही भ्रष्टाचार की शिकायतों में कमी आएगी।
इसके अलावा अधियाचन और परीक्षा परिणामों में आ रही दिक्कतों का भी त्वरित समाधान हो सकेगा।
पार्टी के संयोजक राजेंद्र पन्त ने आक्रोश जताया कि कर्मशाला अनुदेशक की संस्तुति अभी तक विभाग को भेजी नही गई।
अतिरिक्त वन दरोगा भर्ती में ओबीसी श्रेणी के जिन 18 अभ्यर्थियों की चयन संस्तुति को रोका गया था, उसे तत्काल जारी किया जाए।
सुलोचना ईष्टवाल ने मांग की है कि वन दरोगा, वन आरक्षी और पटवारी की भर्तियों में तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए इसके अलावा कर्मशाला अनुदेशक, वाहन चालक तथा स्नातक स्तरीय परीक्षा और स्टेनोग्राफर परीक्षाओं के परिणाम भी तत्काल जारी किए जाएं।
साथ ही रेशम प्रदर्शक की चयन संस्तुति फाइल आयोग से विभाग को भेजने का कष्ट करें।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के संयोजक शिवप्रसाद सेमवाल ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि रेशम प्रदर्शक और वनदारोगा की चयन संस्तुति तत्काल शासन को भेजी जा रही है और इसके अलावा एलटी वेटिंग में आ रही दिक्कत को भी जल्दी दूर कर दिया जाएगा।
विनोद कोठियाल ने चेतावनी दी है कि आयोग मे लंबे समय से भर्ती परीक्षा परिणाम लटके पड़ज हैं। जल्दी ही भर्ती परीक्षा के परिणाम और वेटिंग लिस्ट में आ रही दिक्कतें दूर नहीं होती तो राष्ट्रवादी डिजिटल पार्टी सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन छेड़ देगी।
आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात करने वालों में राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के संयोजक शिव प्रसाद सेमवाल, राजेंद्र पंत, सुलोचना ईष्टवाल, शैला ममगांई, प्रमोद डोभाल, विनोद कोठियाल, राजेंद्र गुसांई आदि शामिल थे।