google.com, pub-9329603265420537, DIRECT, f08c47fec0942fa0
Uttrakhand

हमारे मुख्यमंत्री कई कलाओं से युक्त हैं और कुदरतन उनका चेहरा भी फोटोजेनिक है, ग्लोबली इन्वेस्टर्स समिट पर बोले हरीश रावत

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड ग्लोबल समिट के मुद्दे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रमुख केंद्रीय भाजपा नेताओं का उपहास करते हुए कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने लंदन, दुबई, सिंगापुर, दिल्ली और मुंबई में विभिन्न रोड शो करने की घोषणा की है जिसका चेहरा है स्वाभाविक रूप से फोटोजेनिक और अपने कई कला रूपों के माध्यम से एक विशेषज्ञ मैनिपुलेटर है।

लंबे फेसबुक पोस्ट में रावत ने लिखा: विगत दिनों #समाचार_पत्रों में बड़ी सी खबर पढ़ी कि #इन्वेस्टर्स को लुभाने के लिए उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी लंदन में “रोड शो” करेंगे, उसके बाद कई और “रोड शो” सिंगापुर, दुबई और देश की राजधानी से लेकर मुंबई तक करेंगे और इन “रोड शो” में माननीय #मुख्यमंत्री जगमगाएंगे।

मुझे मालूम नहीं कल युग में कल्कि अवतार में कितनी कला होनी चाहिए इसका विवरण तो कल्कि धाम के पीठाधीश्वर श्री प्रमोद कृष्णन जी ही बता सकते हैं। मगर हमारे वर्तमान मुख्यमंत्री जी भी कुछ कलाओं से युक्त हैं और कुदरत ने फोटोजेनिक फेस दे रखा है। मोदी जी, अमित शाह जी की कृपा से धमकते हुए यौवन काल में दूसरी बार मुख्यमंत्री का पद हासिल हुआ है। वैसे देहरादून में इन्वेस्टर्स समिट पहले भी हुआ, नाम जरा बौड़म सा रख दिया “समलौण”, आज नाम है “इन्वेस्टर्स समिट, रोड शो और कर्टन रेजर” !! मैं कभी-कभी सोचता हूं कि मेरे बड़े भाई श्री भगत सिंह कोश्यारी जी सारी त्याग, तपस्या के बावजूद क्यों नहीं किसी पद पर ज्यादा टिक पाए! अब मेरी समझ में आ गया है कि वो भी मेरी तरह थोड़े से बौड़म, थोड़े से पोंगा-पंगती, थोड़े से सामान्य हैं, इसीलिये मुख्यमंत्री की दौड़ मैं अचकन चूड़ी दार पैजामा, कश्मीरी टोपी पहनने वाले श्री नित्यानंद स्वामी बाजी मार गए।

मैं भी ऐसे ही चमकीले वस्त्र धारी दर्शनीय व्यक्ति से दौड़ में पिछड़ गया और कालांतर में भी चमकीले पदों पर ज्यादा नहीं टिक पाया। हां, जिनमें भदराम हौलदारी थी जैसे युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष, युवक कांग्रेस का राष्ट्रीय महामंत्री, सेवादल के राष्ट्रीय कर्ता-धर्ता, कर्मचारियों और मजदूरों के राष्ट्रीय परिसंघ का अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद आदि-आदि को मैंने रिकॉर्ड टाइम तक सुशोभित किया और जहां चमक-धमक थी वहां इस तरीके से पद बदलते गये जैसे प्याज के छिलके निकलते हैं। पहले मैंने सोचा कि कुंडली दोष होगा, अब मुझे लगता यह है कि आज का समय पर्सेंटेशन का है “जो दिखता है वह बिकता है”, हमारे राज्य में भी कई नेता बिना किसी गुण के केवल रूप और वस्त्र-आभूषण सज्जा के बल पर बड़े-बड़े पदों को सुशोभित करते रहे हैं और आज भी लोगों की नजर में वो नेता हैं।

एक दिन मेरी छोटी बेटी ने मुझसे कहा कि पापा मैं तुम्हारे लिए एक डिजाइनर वास्केट और शर्ट लेके आई हूं। मेरे अड़ोसी-पड़ोसी मुझसे कहते हैं कि तुम्हारे पापा का ड्रेस सेंस कमजोर है! पहले तो मैं समझ ही नहीं पाया, जब बेटी को लगा कि मैं कुछ असमंजस मैं हूं, तो बेटी ने खुद एक्सप्लेन किया कि पापा आपके जो कभी-कभी वीडियो आते हैं उसमें जो आप एक ही तरीके की शर्ट पहने हुए दो-दो, तीन-तीन बार दिखाई देते हो, लोग इस बात का बड़ा ख्याल करते हैं और मुझको टोकते हैं कि अपने पापा के लिए तुम लोग या तुम्हारी मम्मी भी उनके लिए कुछ कपड़े नहीं लाती है।

मैंने कहा बेटा मैंने खर्च बचाने के लिए जो वास्केट, पेंट-शर्ट मैं पहनता हूं उसको तीसरे दिन उतारता हूं। इस बचत का उपयोग मैं अन्य दैनिक और सामाजिक कार्यों में खर्च करता हूं। बेटी शायद पहले से ही सारे तर्क समेट के लाई थी, उसने कहा पापा तुम्हारे उन कार्यों को कोई नहीं देखता, लोग तुम्हारे कपड़ों को देखते हैं और हमको टोकते हैं। खैर कपड़े आदि के मामले में मैं चिकना घड़ा हूं। मुझ पर पानी रुकता नहीं, बेटी की सीख का भी मुझपर कम ही असर पड़ा, हां, मगर एक बात मेरे संज्ञान में आई है कि मुख्यमंत्री पद पर श्री धामी के अवतरण के बाद भाजपा के कई नेतागण अब जिनके हिसाब से ज्योतिष गणना अनुरूप वस्त्र और वस्त्रों के रंग का चयन कर रहे हैं, ऐसे करने वालों में कांग्रेस से भाजपाई हुए कुछ मंत्री और मंत्री पद की टक-टकी लगाए हुये विधायकगण भी शामिल हैं। बताता चलूं कि हमारे राज्य में एक ऐसे प्रतीक्षारत मुख्यमंत्री हैं, वो जब तक कांग्रेस में थे तो कई दिन तो तीन-तीन बार अलग-अलग रंग के पगड़ी से सुशोभित होते थे, वैसे उनका ड्रेस सेंस लाजवाब है। मगर हस्त रेखाएं उनको धोखा दे देती हैं। कांग्रेस में भी आकांक्षारत थे और भाजपा में भी प्रतीक्षारत हैं। वैसे तो हमारे राज्य के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री भी बड़े दर्शनीय व्यक्ति थे, उनके अचकन और चूड़ीदार पैजामे की नकल करते-करते उत्तर प्रदेश के कई लोग राजनीति या दुनिया से विदा हो गये।

लखनऊ की काफी हाउस बहुदा ये चर्चा होती थी की मुख्यमंत्री के अचकन के रंग की आज उनकी किस महिला प्रशंसक ने तारीफ की ओर किस अंदाज में की, उत्तराखंड में उनके ड्रेस कोड का अनुसरण करते हुये मेरे छोटे भाई, लोकप्रिय कांग्रेस नेता श्री सूरवीर सिंह सजवाण, कभी-कभी सजे-धजे नजर आते हैं।

राज्य के माननीय मुख्यमंत्री जिस प्रकार अपनी कलाओं को उद्भटित और उद्घोषित कर रहे हैं। मुझे अपनी पार्टी के चतुर्भुज नेतृत्व की चिंता सताने लग गई है! वैसे कई कलाओं युक्त हमारे नेतागण भी हैं। लेकिन माननीय मुख्यमंत्री जी कला और कलाबाजियों में अभी बहुत आगे दिखाई दे रहे हैं।हमारे नेताओं को कुछ अतरिक्त प्रयास करने पड़ेंगे ताकि वो भी प्रतिस्पर्धा में बराबर में दौड़ते नजर आए, बागेश्वर में हमने देखा कि हारी बाजी पलटने की कला में भी मुख्यमंत्री माहिर हैं, धन और सत्ता तो पद के पीछे-पीछे चलती ही हैं। लेकिन जिस विनम्रता से उन्होंने गरुड़ के चारों तरफ और बाजार में हर दुकानों के स्टूल में बैठ कर जिस तरह उन्होंने चाय की चुस्कियां ली और गांव की बाखलियों के चौथर में बैठ कर ईजा पैलाग कहा, उनकी इस कला ने हजार दो हजार का अंतर तो पैदा कर ही दिया होगा! सत्ता का उपयोग/दुरुपयोग में भी माननीय मुख्यमंत्री बागेश्वर में परांगत दिखे, रिजल्ट के बाद हमारे एक निराश अंतरंग मित्र ने मुझसे कहा अरे भई हम तो डरे हुए थे, कहीं आप वहां दस दिन कैंप न कर दें, तो उनके इस वाक्य ने मुझे उनके अंतर्मन की व्यथा का आभास करा दिया। इस चुनाव परिणाम के बाद भाजपा में आधा दर्जन लोगों के चेहरे और वस्त्रों की चमक फीकी पड़ गई, कुर्ता और पैजामे में ज्यादा सलवटे दिखाई देने लगी है।

खैर मेरे लिए तो इतना ही काफी है कि बागेश्वर का चुनाव, हमारे कैंडिडेट की जीवटता और कार्यकर्ताओं की जद्दोजेहद की शक्ति ने मुझे और दो-तीन साल जवान रहने के लिए प्रेरित किया है! मगर मैं यदि डिजाइनर सूट पहनूं भी तो वह भी उम्र के इस पड़ाव में मुझ पर जमेगा नहीं! जिनमें जमना है उनको मेरा कहना है कि भई मैं जरा पुराने जमाने का रहा इसीलिये सब कुछ करते हुए भी उत्तराखंड ने मुझे दो-दो चुनावों में टाटा, बाय-बाय कह दिया तो आप लोग जरूर मुख्यमंत्री की कलाओं पर गौर कर अपने आपको ज्यादा कलात्मक बनाने का प्रयास करो! पहले मैं समझता था कि काम और सेवा की खुशबू बिना फैलाये भी लोगों तक पहुंच जाती है। मगर धन्य है उत्तराखंड! जीवन के देर अपराह्न में मेरी समझ में आया कि कल युग में प्रचार, वह भी स्व प्रचार बहुत मायने रखता है। आप मुख्यमंत्री कोष से कितना ही गरीबों को सहायता दे दीजिए, एक अच्छे चमकीले विज्ञापन के आगे वह सब फीका पड़ जाता है। हमने प्रेस कर्मियों के लिए जिनको पत्रकार कहते हैं जिनमें हर प्रकार के पत्रकार हैं, जिनमें आज के पत्रकार पोर्टल वाले भी सम्मिलित हैं उनके लिए बहुत कुछ किया, यहां तक कि उनको पेंशन की पात्रता भी प्रदान की, स्वास्थ्य और आर्थिक सहायता के नये मानक तैयार किये, मगर हम भूल गये कलम तो आजकल विज्ञापन और स्पॉन्सर्ड कार्यकर्मों की दासी है।

सारी दुनिया और देश घूमने के बाद भी मुझे यह ज्ञान नहीं हुआ तो दोष किसी को नहीं दिया जा सकता, यह मेरा दोष है। आज कितना अद्भुत प्रेस मैनेजमेंट है, इस प्रबंधकीय कला में खैर दिल्ली वाले जुम्मन चचा तो सबसे आगे खड़े हैं और दिल्ली वाले सौतेली मां के बेटे छोटे जुम्मन भईया भी पीछे नहीं हैं। मगर मध्य प्रदेश और पंजाब के मुख्यमंत्री जिस प्रकार दिल्ली वाले जुम्मन चचा के प्रचार तंत्र से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं वह देखने लायक है और मुझे अच्छा लगा कि विनम्रता के साथ बड़े जुम्मन चचा की बड़ी फोटो लगाकर उसके बगल में अपनी छोटी फोटो लगाकर हमारे राज्य के मुख्यमंत्री जी भी “जो दिखता है वह बिकता है की दौड़” में सम्मिलित हैं। राज्य विकास की दौड़ में भले ही निरंतर पीछे हो रहा हो, सामाजिक न्याय से लेकर के गरीब उत्थान की योजनाएं विस्मृत हो रही हों, बेरोजगारी निरंतर बढ़ रही हो, महिला और दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हो, किसान के खेतों में भरा पानी गन्ना, धान, चरी सब कुछ चौपट कर चुका हो, अघोषित बिजली कटौती से गांव तरहीमान कर रहे हों, स्मार्ट सिटी डेंगू सिटी के रूप में नामांकित हो रही हो मगर “जो दिखता है वह बिकता है” इस मंत्र के उच्चारण में मुख्यमंत्री निरंतर हमारे राज्य को चमक धमक की दौड़ में बनाए हुए है, राज्य के लोगों को इसे देखकर संतोष करना चाहिए। भले ही हरीश रावत कितना ही चीखता रहे उसपर कान नही देना चाहिए, मगर कांग्रेस और कांग्रेस के चतुर्भुज नेतृत्व को मेरी सलाह हैं की मैं तो भले ही अच्छा ड्रेसर, हेयर ड्रेसर, फेस ड्रेसर नहीं ढूंढ पाया, मगर हमारे नेतागणों को प्रतिस्पर्धा में रहने के लिए इस कला का स्मवरण करना चाहिए व स्व प्रचार में संकोच नहीं करना चाहिये, प्रेस परबंधकीय कला के गुण चाहे चुराने ही पड़े हिच किचाना नही चाहिए।


जब #बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख भी अपनी जवान पिक्चर के लिए अद्भुत मार्केटिंग टैक्टिस अपना रहे हैं, अपने चित्र पर दूध चढ़वाने के स्पॉन्सर कार्यक्रम आयोजित करवा रहे हैं, पिक्चर हॉल के सामने ढोल-नगाड़े बजवा रहे हैं, सिनेमा हॉल में नारे लगवा रहे हैं तो कभी-कभी मेरे मन में भी लालच आ रहा है कि यदि 60 वर्षीय #ShahrukhKhan हीरो हो सकता है तो 75 वर्षीय #HarishRawat को भी प्रतिस्पर्धा से अभी निवृत नहीं होना चाहिये और अपने को सन्यासी घोषित नहीं करना चाहिए, मगर हाल-फिलहाल तो मेरा आशीर्वाद और कामना चतुर्भुज नेतृत्व के साथ है और उत्तराखंड के लिए भी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं कि आपका घर चमके न चमके, आपके बच्चों का भविष्य चमके या न चमके, आपकी सड़कें चमके या न चमके, मगर आपके राज्य के माननीय मुख्यमंत्री जी की चमक बरकरार रहे, और उनका चेहरा हर चौराहे, पेट्रोल पंप, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट्स व बसों में नुमाया होता रहे इस हेतू मैं ढेर सारा आशीर्वाद देता हूं,।
ॐ प्रचार तंत्राए नमः ! रावत ने आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी को उनके जन्मदिन पर बधाई दी।

#Pushkar Singh Dhami Indian National Congress Uttarakhand

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button