चारधाम यात्रा की अनियंत्रित भीड़ और गंगोत्री हाईवे में बोलेरो एक्सीडेंट में ६ की मौत
कल गंगोत्री हाईवे पर बोलेरो में सवार चारधाम यात्रा पर निकले ६ पर्यटकों की मौत हो गयी . उनकी गाडी सड़कों की ख़राब हालत के चलते खायी में गिरी और इतनी बुरी तरह स्मैश हो गयी की गंभीर रूप से जख्मी सभी सवार पर्यटकों की मौत हो गयी . यही नहीं बल्कि अब तक चारधाम यात्रा के दौरान करीब ६० लोगों की मृत्यु हो चुकी है जो सभी केदारनाथ बद्रीनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा पर निकले थे . कोविड़ १९ के चुनौतीपूर्ण दो वर्ष के बाद चालु चारधाम यात्रा में हज़ारों श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते और मेडिकल व् पुलिस बंदोबस्त के पर्याप्त प्रबंध नो होने से पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा और कई मौतें भी हुई जो मौजूदा प्रसाशन और सरकार की अक्षमता की पोल भी खोलता है. मात्रा तीन हफ़्तों में लगभग ६० लोगों की मौत ने सभी को हिला कर रख दिया और मौजूदा प्रसाशन के मुँह पर तमाचा भी है . विपक्षी दलों का आरोप है की प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने चुनाव अभियान में व्यस्त हैं और पर्यटन मंत्री दिल्ली और दुबई की यात्रा में . इसी बीच कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में आये वरिष्ठ नेता जोट सिंह बिष्ट ने इन ६० मौतों और निरंतर हो रही एक्सीडेंट मौतों केलिए भाजपा सर्कार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है. जोत सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री पर अक्षमता क आरोप लगाते हुए कहा की एक तरफ चारधाम यात्रा के दौरान मेडिकल और अन्य बदइंतज़ामी के चलते पर्यटक दिवंगत हो रहे हैं वही दूसरी ओर एक नेता चुनाव में व्यस्त हैं और दूसरे दुबई और दिल्ली में . उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग में हर मोड़ पर साइन बोर्ड लगाने की मांग की और पर्यटकों के लिए स्वस्थ सम्बन्धी इंतज़ाम करने की मांग की . उन्होंने कहा : कल एक दिन में राज्य के अंदर अलग-अलग हादसों में 18 लोग काल के गाल में समा गए जिनमें एक ऐसा वाहन जिसका परमिट नहीं था जिसका टैक्स जमा नहीं था कमान्द के पास एक खाई में गिरकर 6 लोगों की मौत हो गई। बद्री-केदार यमुनोत्री में 8 श्रद्धालुओं की मौत, रामनगर में कार पेड़ से टकराकर के एक मौत, खटीमा और बाजपुर में दो नौजवानों की हत्या, हल्द्वानी में एक व्यक्ति ने गोली मारकर आत्महत्या करली।
लक्सर में एक छात्रा के साथ दुष्कर्म की शर्मनाक घटना भी हुई।
हर दिन बड़ी संख्या में दुर्घटना, मृत्यु, हत्या और दुष्कर्म की घटनाएं सरकार की कार्यप्रणाली को आइना हैं। सरकार अपना काम जिम्मेदारी से नही कर पा रही है। चारधाम यात्रा का वीडियो डालकर उन्होंने लिखा : उत्तराखंड में लॉकडाउन में प्रवासियों की घर वापसी के समय जिस तरह की अव्यवस्थाएं देखने को मिली, इस बार चार धाम यात्रा में हालात उस से भी बदतर दिखाई दे रहे हैं। एक तरफ राज्य सरकार चारों धाम में यात्रियों की संख्या निर्धारित करके ऋषिकेश-हरिद्वार में रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद करा रही है, तो दूसरी तरफ यह वीडियो केदारनाथ में लोगों के जनसैलाब को देख कर संदेश दे रहा है कि सरकार बयानबाजी तक सीमित है। हकीकत में चारधाम यात्रा में सरकार की व्यवस्थाएं नदारद हैं ।
राज्य सरकार को चाहिए कि चारधाम में यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए उनका रुख राज्य के अन्य धार्मिक पर्यटक स्थलों की तरफ करने के लिए ऋषिकेश और देहरादून में काउंटर खोल कर श्रद्धालुओं को इसकी जानकारी दे कर इस दिशा में प्रेरित किया जाए ।
प्रबंधन की कमी स्पष्ट दिखाई देती है। सरकार अकेले मुख्यमंत्री तो नहीं चलाएंगे बल्कि मुख्यमंत्री की टीम ने एक होकर चलाना है।
काम के दाइत्व का वितरण, निर्वहन तथा निरंतर निरीक्षण की प्रकृया अनवरत चलनी चाहिये। जो मंत्रालय पूर्व से यात्रा की त्यैयारी व पर्यटकों को रेगुलेट नहीं कर सकता, उसे टास्क मे लिया जाना चाहिये। मात्र मुंह लटका कर खड़े रहने का कोई मतलब नही। मु मं जी ने चुनाव पर भी ध्यान देना ही है, जो सिंह जी का भी अंकुश लगाने उचित नहीं।
अनुशासन, प्रशासन को तो लामबद्ध रहना ही चाहिये। टोकन प्रजेंस से तो काम न चलेगा। सुनियोजित व प्रभावी कार्यशैली की सख्त आवश्यक ता है।