जब सदी के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना ने माउंट एवेरेस्ट पहली महिला विजेता बछेंद्रीपाल को न्योता दिया
आज बछेंद्रीपाल का जन्म दिन है. वे ६८ साल की हो गयी हैं. बछेंद्रीपाल ने माउंट एवेरेस्ट की सबसे ऊँची छोटी पर बतौर पहली भारतीय महिला पर्वतारोही के उत्तराखंड और भारत का नाम बुलंदियों तक पहुँचाया है . वे जहाँ एक ओर भारत और दुनिया की महिलाओं की प्रेरणा त्रोत हैं वही पर्वतारोहियों केलिए भी इंस्पिरेशन हैं जिनके माउंट एवेरेस्ट को १९८४ में शिकस्त देने के बाद संतोष यादव सहित कही महिला पर्वतारोहियों ने दुनिया की सबसे ऊँची छोटी पर फतह हासिल की. वे सच में दुनिया और भारत के पर्वतरोहोयों के लिए एक जबरदस्त प्रेरणा स्त्रोत हैं और आगे भी रहेंगी. यू के नेशन न्यूज़ की तरफ से उन्हें जन्म दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें. मैं इस मौके पर १९९२ के उस किस्से का जरूर जिक्र करना चाहूंगा जब अपने अपने क्षेत्र के दो सुपरस्टार मिले थे दिल्ली के ८१ लोधी एस्टेट में . एक हिंदुस्तान के फ़िल्मी परदे के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना और दूसरी माउन्ट एवेरेस्ट की पहली भारतीय पर्वतारोहि विजेता बछेंद्रीपाल और उनके साथ थी एक और विजेता संतोष यादव. अपने अपने क्षेत्र के इन सुपरस्टारों को आपस में वार्तालाप करते हुए देखना और बतियाना एक सुखद अनुभव था, खासकर तब जब सुपरस्टार से सांसद बने एक जिन्दा दिल इंसान काका सभी के दिलों में बस्ते थे और हैं आज भी. दरअसल, उन दिनों इत्तेफ़ाक़ की बात है की बछेंद्रीपाल, संतोष यादव और अन्य पर्वतरोहि दिल्ली आये हुए थे और होटल ताज मान सिंह में टहरे हुए थे . मेरे दिमाग में विचार आया क्यों न इन्हे काका से मिलाया जाय. हालांकि मुझे डर था की कहीं मेरे प्रपोजल को काका रिजेक्ट न कर दें , लेकिन बछेंद्रीपाल के उत्तराखंड की होने के कारन मेरी इस मुलाक़ात में ज्यादा दिलचस्पी थी .
मैंने काका से इस बारे में चर्चा की , हैरान हुआ की मुझसे ज्यादा उन्हें मिलने में काका की दिलचस्पी थी. उन्होंने एकदम कहा व्हाई नॉट यु मैनेज ईट. वे खुश थे. मैंने अपने पत्रकार मित्र सजवाण और प्रताप शाही से संपर्क साधा और मुलाकात तै हो गयी काका के निवास ८१ लोधी एस्टेट में जहाँ कभी एक और पोलिटिकल शक्सियत हेमवती नदण बहुगुणा रहा करते थे. काका ने लंच रखा. बछेंद्रीपाल उनकी पूरी टीम आयी . प्रताप शाही और राजेन्द्र सजवाण भी , संतोष यादव भी और अन्य पर्वतारोही भी. उस समय के टाइम्स ऑफ इंडिया के मेट्रो एडिटर पंकज वोहरा और दे आफ्टर मैगज़ीन के संपादक मेरे मित्र सुनील भी आये थे. मैंने काका को सभी से इंट्रोड्यूस कराया. अपने अपने क्षेत्र के दोनों ही सुपरस्टार एक दूसरे से मिले , बातचीत हुई , काका से ऑटोग्राफ्स लिए गए और फोटोज भी क्लिक हुई . लंच के बाद बातें चलती रही . ये बहुत ही यादगार पल थे निसंदेह . क्यों की अपने अपने क्षेत्र के इन दो महारथियों को मिलाना , अपने आप में एक बहुत सुखद अनुभव था क्योंकि दोनों ही एक दूसरे की असाधारण उपलब्धियों से प्रभावित थे और फेन्स भी.
सुनील नेगी