24 साल से लंबित वेतन–पेंशन को लेकर 96 पूर्व सैनिकों का NTPC भवन के बाहर प्रदर्शन
# प्रेस क्लब ब्रीफिंग के बाद आंदोलन तेज; कार्रवाई नहीं होने पर व्यापक आंदोलन की चेतावनी


नई दिल्ली | 27 दिसंबर 2025
दाभोल पावर प्रोजेक्ट/एनटीपीसी और रत्नागिरी गैस एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े 96 पूर्व सैनिक शनिवार को लोधी रोड स्थित स्कोप कॉम्प्लेक्स में एनटीपीसी भवन के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। पूर्व सैनिक पिछले 24 वर्षों से लंबित वेतन और पेंशन बकाया के तत्काल समाधान की मांग कर रहे हैं और उनका कहना है कि लगातार टालमटोल के चलते उनका सब्र जवाब दे रहा है।
यह प्रदर्शन 26 दिसंबर को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित प्रेस वार्ता के एक दिन बाद हुआ, जहां पूर्व सैनिकों ने मामले से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक किए थे और कहा था कि संवैधानिक, कानूनी और संस्थागत सभी रास्ते अपनाने के बावजूद अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है।
प्रदर्शन स्थल पर मीडिया से बातचीत में पूर्व सैनिकों ने कहा कि दशकों की देरी ने उन्हें—जो अब उम्रदराज़ हो चुके हैं—गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया है, जिससे इलाज, भोजन और आवास जैसी बुनियादी जरूरतें प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि बकाया भुगतान न होना केवल व्यक्तियों का नहीं, बल्कि 96 परिवारों के सम्मान और भविष्य का सवाल बन चुका है और यह एक गंभीर प्रणालीगत विफलता को दर्शाता है।
प्रदर्शन के दौरान एनटीपीसी अधिकारियों ने पूर्व सैनिकों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की है। एनटीपीसी के दो अधिकारियों ने, बीट अधिकारी राजेश चौधरी के साथ, पूर्व सैनिकों को आश्वासन दिया है कि सोमवार को उनकी शिकायतों को औपचारिक रूप से सुना जाएगा और साथ ही संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक भी आयोजित की जाएगी।
सैनिकों का पक्ष रखते हुए वी. एस. सालुंखे ने कहा कि हम लोगों ने पिछले 24 सालों में हर वैधानिक रास्ता अपनाया है और अब उनके पास आंदोलन तेज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी द्वारा दिए गए आश्वासन पर करीबी नजर रखी जाएगी और आगे की कार्रवाई ठोस परिणामों पर निर्भर करेगी।
मीडिया से अपील करते हुए सुरेश पचपुटे ने कहा कि इस मुद्दे पर लगातार चुप्पी सैनिकों के अधिकारों के प्रति समाज के रवैये पर गंभीर सवाल खड़े करती है। वहीं चंद्रकांत शिंदे ने कहा कि यह मामला अब व्यक्तिगत शिकायतों से आगे बढ़कर 96 परिवारों की सामूहिक गरिमा से जुड़ चुका है।
आगे की रणनीति पर बात करते हुए विजय निकम ने कहा कि यदि दिए गए आश्वासन समयबद्ध समाधान में नहीं बदलते, तो समूह अनिश्चितकालीन धरना सहित आंदोलन को और व्यापक रूप देगा।
पूर्व सैनिकों ने दोहराया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक और संवैधानिक है, लेकिन 24 वर्षों से लंबित दावों ने उन्हें निर्णायक जवाबदेही की मांग के लिए मजबूर किया है। उन्होंने सरकार और एनटीपीसी प्रबंधन से आग्रह किया कि आश्वस्त बैठक के माध्यम से उनके लंबे समय से लंबित बकाया का ठोस और समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित किया जाए।




