2019 के भू संशोधन कानून ने बहुत बडे पैमाने पर भूमि विक्रय और अधिग्रहण को बढ़ावा दिया है – Mantri Prasad Naithani, former minister
देवभूमि उत्तराखंड धार्मिक सामाजिक विकास संगठन, दिल्ली (पंजीकृत) की स्थापना के 7 वर्ष पूरे होने पर तथा श्रीविश्वनाथ जगदीशिला तीर्थाटन समिति,उत्तराखंड के आह्वान पर 20 अक्टूबर, 2024 को उत्तराखंड के बंजर खेतों को आबाद करने पर परिचर्चा का आयोजन वैद्य डा. मायाराम उनियाल जी की अध्यक्षता तथा उत्तराखंड सरकार में पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के मार्गदर्शन में परशुराम भवन, ए-ब्लॉक, सेक्टर -2 अवंतिका, रोहिणी में किया गया.
इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक तथा देवभूमि उत्तराखंड धार्मिक सामाजिक संगठन,दिल्ली के अध्यक्ष तथा समाजसेवी नारायण दत्त लखेड़ा ने सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि मंत्री प्रसाद नैथानी जी, पूर्व मंत्री, उत्तराखंड ने उत्तराखंड में बंजर खेतों को आबाद करने का जो आह्वान किया है ,वह बहुत सामयिक और महत्वपूर्ण है और इस पर गंभीरता से विचार करने तथा कार्य करने की जरूरत है.
प्रसिद्ध कुमाउनी- हिन्दी साहित्यकार श्री पूरन चंद कांडपाल जी ने कहा कि उत्तराखंड में निरन्तर पलायन होने से गांव खाली हो रहे हैं इससे खेत बंजर हो रहे हैं. इस समस्या का समाधान हम सबको तथा उत्तराखंड सरकार को मिलकर करना होगा.
गढ़वाली -हिन्दी के साहित्यकार रमेश चंद्र घिल्डियाल ने कहा कि उत्तराखंड से पलायन रोकने के लिए उत्तराखंड सरकार को भूमि सुधार तथा ग्रामीण उद्योग पर ध्यान देने की जरुरत है. तभी वहां रोजगार पैदा होंगे और पलायन रुकेगा तथा गांव फिर से आबाद होंगे और खेत बंजर नहीं रहेंगे.
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता उत्तराखंड के पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने आगाह किया कि लगातार पलायन से खाली होते गांव और बंजर होते खेत आज उत्तराखंड के लिए खतरा बन गये हैं. साथ ही 2019 के भू संशोधन कानून ने बहुत बडे पैमाने पर भूमि विक्रय और अधिग्रहण को बढ़ावा दिया है.इससे निकट भविष्य में बंजर खेतों को सरकार द्वारा अधिग्रहीत करके विक्रय करने का अधिकार मिल जाएगा. इसलिए सभी प्रवासी उतराखंडी लोगों को जागरूक होकर अपनी जमीन को बंजर होने से बचाना होगा. उन्होंने अपील की कि सभी प्रवासी लोगों को साल में दो बार एक 2 महीने अपने गांव जाकर अपने बंजर खेतों की देखभाल करनी चाहिए ताकि वे भविष्य में उससे वंचित न हो सकें.
वरिष्ठ पत्रकार सुनील नेगी ने मंत्री प्रसाद नैथानी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि उत्तराखंड में रोजगारों का सृजन करके बढते पलायन को रोका जाना चाहिए. यदि पहाडों से पलायन जारी रहा तो भविष्य में परिसीमन होने पर विधानसभा में मैदानी सीटें बढ जाएंगी और फिर मुख्यमंत्री भी वहीं से होगा. इसलिए हमें हर हाल में पलायन को रोकना होगा और अपने जल,जंगल और जमीन को बचाना होगा. इस दिशा में तत्काल कदम उठाने की जरूरत है.
RAMESH GHILDIYAL