हर दिल अज़ीज़, ज़फर नही रहे
पार्थसारथी थपलियाल
आवाज़ की दुनिया का हर दिल अज़ीज़ उद्घोषक ज़फर खान सिंधी के निधन के समाचार सुनकर आज दिल बहुत दुखी है।
जफर खान सिंधी एक ऐसे उद्घोषक थे जो हिंदी, उर्दू और राजस्थानी पर एकाधिकार रखते थे। जोधपुर (राजस्थान) के जाये जन्मे जफर भाई आकाशवाणी जोधपुर में लगभग ढाई दशकों से अधिक समय उद्घोषक/वरिष्ठ उद्घोषक पद पर रहे। उन्होंने अपनी स्नातक पढ़ाई के बाद पत्रकारिता से अपनी नई पारी जलतेदीप दैनिक समाचार पत्र से शुरू की थी। साथ साथ मे करीब 1985 से वे आकाशवाणी जोधपुर से प्रसारित साप्ताहिक कार्यक्रम “लीलोमोरियो” दयाल पंवार जी के साथ आकस्मिक प्रेजेंटर के रूप में जुड़े। नियमित उद्घोषक के रूप में उन्होंने आकाशवाणी चुरू से अपनी शुरुआत की। कुछ समय बाद उन्होंने अपना स्थानांतरण आकाशवाणी जोधपुर करा लिया। राजस्थानी कार्यक्रम मरूगंगा से उनकी लोकप्रियता बसंत की बहार की तरह बढ़ी। जब आकाशवाणी जोधपुर के सनसिटी चैंनल (विविधभारती विंडो) पर प्रायोजित कार्यक्रम शुरू हुए तो ज़फर द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों में प्रयाजकों ने बहुत रुचि ली। राजस्थानी से उन्हें इतना लगाव था कि दूसरी भाषाएं वे आवश्यकता पड़ने पर ही बोलते थे। वे जोधपुर राज परिवार के बहुत बड़े चहेते थे मारवाड़ नरेश स्वयं भी मारवाड़ी में ही बोलना पसंद करते थे। मेहरानगढ़ फोर्ट में आयोजित बड़े बड़े कार्यक्रमों में, मांड फेस्टिवल में, मरुउत्सव में उनकी आवाज चौरातफ़ा सुनाई देती थी। अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार ज़फर भाई के नाम पर अंकित हैं।
मैंने अपनी लंबी पारी मारवाड़ में निभाई है। 6 साल पहले जब मैं बड़े अंतराल के बाद जोधपुर गया, आकशवाणी में मित्रों से मिलने पहुंचा, उस समय उनका प्रोग्राम का टाइम करीब था हाथ पकड़ कर स्टूडियो में ले गए। बड़ी आत्मीयता से स्वर्णिम दिनों को याद किया। वे बहुत भावुक हो रहे थे। कुछ दिनों बाद में पता चला कि उन्हें कैंसर हो गया है। कई बार बात करना चाहा लेकिन हो नही पाई।
मुहं में पान, होंठों पर लाली और सफेद पोशाक उनकी पहली पहचान थी। मारवाड़ी मनुहार और सत्कार उनकी संस्कृति थी।
पिछले 4-5 दिनों में उनकी तबियत बहुत बिगड़ गई थी। आज सुबह (2 अप्रैल 2023) को उन्होंने अंतिम सांस ली। आज ही दिन में उन्हें सुपुर्दे ख़ाक कर दिया गया। अल्लाह ज़फर भाई को जन्नत में जगह दे। आमीन।
विनम्र श्रद्धांजलि !