Rakesh Thapliyal
नई दिल्ली। भारत में स्पेनिश भाषा और स्पेनिश भाषी देशों की जीवंत संस्कृतियों को बढ़ावा देने के प्राथमिक मिशन के साथ स्पेन दूतावास के परिसर में ‘एसोसिएशन ऑफ टीचर्स ऑफ स्पैनिश’ (ए.पी.ई.आई) का आधिकारिक शुभारंभ हुआ।
एसोसिएशन ऑफ टीचर्स ऑफ स्पैनिश संगठन(एसोसिएसिओन डी प्रोफेसर्स डी एस्पनॉल डी इंडिया या एपीईआई) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), स्प्रिंगडेल्स स्कूल धौला कुआं और रामजस स्कूल पूसा रोड सहित प्रतिष्ठित संस्थानों के बोर्ड सदस्यों को एकजुट करता है।
उद्घाटन समारोह के दौरान, ए.पी.ई.आई के अध्यक्ष और जेएनयू में स्पेनिश भाषा विभाग के अध्यक्ष डॉ. गौरव कुमार ने एसोसिएशन के लिए अपना दृष्टिकोण व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “एसोसिएशन विश्वविद्यालयों, स्कूलों और निजी संस्थानों में कार्यरत सभी स्पेनिश भाषा शिक्षकों के लिए सामूहिक आवाज के रूप में काम करेगा। हमारा उद्देश्य दूतावासों, शैक्षणिक संस्थानों, सर्वांतेस इंस्टीट्यूट, थिंक टैंक और अन्य गैर सरकारी संगठनों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है।”
डॉ. कुमार ने सांस्कृतिक शिक्षा के प्रति एसोसिएशन की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य कम उम्र से ही छात्रों को स्पेनिश भाषी दुनिया की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराना है। हमारे पाठ्यक्रम में पाब्लो नेरुदा और फेडेरिको जैसे प्रसिद्ध लेखकों की कृतियाँ हैं। खेल, संगीत और बॉलीवुड के क्षेत्र में स्पेनिश के प्रभाव को उजागर करने हेतु गार्सिया लोर्का, और मेस्सी, राफेल नडाल, शकीरा और रिकी मार्टिन जैसे खिलाड़ी हैं।
भारत में स्पेन के राजदूत महामहिम जोस मारिया रिदाओ ने इस पहल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “स्पेनिश केवल देशों की नहीं बल्कि समुदायों की भाषा है। लैटिन अमेरिकी देशों में हमारे साथियों का समर्थन और सहयोग अमूल्य रहा है। यह सहयोग भाषा और संस्कृति के माध्यम से हमारे ऐतिहासिक, राजनीतिक और व्यावसायिक संबंधों की स्थिरता और गहराई प्रदान करेगा”
इस कार्यक्रम में भारत में लैटिन अमेरिकी दूतावासों की मजबूत उपस्थिति देखी गई। मेक्सिको, चिली, ग्वाटेमाला, अल साल्वाडोर और डोमिनिकन गणराज्य के राजदूतों के साथ-साथ क्यूबा, कोलंबिया, बोलीविया, पेरू और वेनेजुएला के राजनयिक कोर के अन्य सदस्यों ने इस पहल के प्रति अपना उत्साह और प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने भारत में हिस्पैनिज्म को बढ़ावा देने और हमारे क्षेत्रों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने में एसोसिएशन का समर्थन करने के लिए अपने समर्पण की पुष्टि की।
एसोसिएशन ऑफ टीचर्स ऑफ स्पैनिश (ए.पी.ई.आई) का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण संकेत है कि भारत और स्पेनिश भाषी क्षेत्र सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में आपसी समझ और सहयोग के माध्यम से आगे बढ़ें।