सोनिया राहुल गाँधी के प्रति पूर्ण निष्ठा है लेकिन मुझ पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं : प्रीतम सिंह

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जो निरंतर छठी मर्तबा चकराता विधान सभा से चुनाव जीते हैं और जिनके पिता पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश गुलाब सिंह आठ मर्तबा जीतते रहे हैं , ने अंततः उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है जिनके तहत ये कहा जा रहा था की वह भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं ?

देहरादून में कुछ पत्रकारों से गुफ्तगू करते हुए जहाँ प्रीतम सिंह ने स्वयं को पारम्परिक निष्ठावान और पूर्ण रूपेण समर्पित कांग्रेस का सिपाही बताते हुए न सिर्फ पार्टी अध्यक्ष सोनिआ और राहुल गाँधी के प्रति अपनी पूर्ण निष्ठा का परिचय दिया है बल्कि उनके खिलाफ पार्टी के भीतर सुनियोजित षड़यंत्र रच रहे नेताओं पर जमकर हमला भी किया.

पहाड़ का पत्थर यू ट्यूब न्यूज़ चैनल के मुताबिक , उन्होंने अपने गुस्से का इजहार करते हुए बगैर नाम लिए, उनपर स्पष्ट तौर पर इशारा करते हुए कहा की वरिष्ठ नेता हरीश रावत , केंद्रीय महामंत्री संगठन के सी वेणुगोपाल और देवेंद्र यादव ने उनपर पार्टी में गुटबाजी करने और पराजय के आरोप लगाकर न सिर्फ उन्हें लज्जित और आहात किया है बल्कि सार्वजनिक तौर पर कटघरे में भी खड़ा कर दिया जबकि सच्चाई ये है की उन्होंने आजतक न कभी कोई पार्टी विरोधी बयान दिया, न गुटबाज़ी को बढ़ावा दिया और न ही किसी पार्टी के प्रत्याशी को हराने के लिए परपंच रचा.

उन्होंने कहा ये बेहद दुःख की बात है की उनके पिता ८ टर्म चकराता से चुनाव जीते और वे निरंतर ६ मर्तबा यहाँ से जीत दर्ज करते आये हैं जिन्होंने १४ टर्म्स जनता की सेवा की और कांग्रेस के साथ एक सशक्त पिलर बनकर खड़े रहे, आज कुछ कांग्रेसी नेता उनपर पार्टी विरोधी आरोप लगा रहे हैं. मैं आहत हूँ. मेरी सोनियजी राहुलजी और गाँधी परिवार व कांग्रेस के प्रति पूरी निष्ठा है जो आजीवन रहेगी कहा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और लीडर आफ अपोसिशन प्रीतम सिंह ने.

खबरों के मुताबिक कुछ दिन पहले देहरादून में हुई नए अध्यक्ष करन महरा और नेता विपक्षी दल यशपाल आर्य के स्वागत समारोह से भी प्रीतम सिंह नदारद रहे. इस समारोहों में १९ में इ ११ विधायक भी नहीं पहुंचे थे जो उनकी नाराजगी को स्पष्ट रूप से इंगित करती है. कहा ये भी गया की इस मीटिंग में प्रीतम सिंह ग्रुप के कांग्रेसी कार्यकर्ता और उनके समर्थक नेता भी नहीं पहुंचे थे.

गौर तलब है की प्रीतम सिंह और हरीश रावत का उत्तराखंड कांग्रेस में सदैव छत्तीस का आकड़ा रहा है. जब हरीश रावत केंद्र में कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री थे , पहले इंचार्ज असम और फिर पंजाब तब प्रीतम सिंह उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष रहे . जब हरीश रावत उत्तराखंड कांग्रेस में पूरी रूप से सक्रीय हुए तो प्रीतम सिंह को नेता विरोधी दल बना दिया और अपने खासम ख़ास गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष.

पार्टी की पराजय के बाद अब अपने क्षेत्र से चुनाव हारे करन महरा को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया और अवसरवादी यशपाल आर्य जो लीडर सी अल पी . निरंतर ६ मर्तबा जीते प्रीतम सिंह को दूध से मखी की तरह निकाल बाहर किया . अभी तक की जानकारी के मुताबिक हालांकि ये तमाम खबरें मात्र अफवाएं ही नज़र आ रही हैं ऐसा सूत्र बताते हैं

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