सूर्योदय सौर ऊर्जा योजना की शुरुआत. एक करोड़ छत पर लगेंगे सोलर पैनल..
प्रखर प्रकाश मिश्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 11 दिन का कठोर तप और लगभग 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद देश की अयोध्या नगरी में 84 सेकंड के अभिजीत मुहूर्त में भगवान राम के बाल स्वरूप में प्राण प्रतिष्ठा के विधि विधान के बाद श्री राम लला के प्रकट होने को आप कलयुग में राम युग की शुरुआत नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे जब यह घड़ी घटी तो ऐसा प्रतीत हुआ कि हम त्रेता युग में पहुंच गए हैं और हजारों हजार वर्ष तक राम के रंग में रमा और रंगा भारत अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व गुरु बनने की दहलीज पर खड़ा है ऐसा हो भी क्यों ना क्योंकि दुनिया में लिखे जा रहे नए
इतिहास के मौके पर न्यूजीलैंड से लेकर न्यूयॉर्क तक सिर्फ राम ही राम छाए थे l अयोध्या नगरी में 12 बजाकर10 मिनट पर रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा की विधि शुरू हुई 12:16 पर श्री राम लाल के विग्रह की पूजा शुरू हुई इसके बाद 12:48 पर मूर्ति की श्रृंगार आरती पुष्प अर्चन और 1:05 पर चरण वंदना कर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा हुआ और नैवेद्य चढ़ाए गए इसी के साथ पूरे ब्रह्मांड में राम युग की शुरुआत हो गई इसके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करोड़ों करोड़ों सनातनियों का हृदय जीत लिया और यह साबित कर दिया अगर सर्वोच्च बलिदान धर्म की रक्षा के लिए किया जाता है तो फिर धर्म आपकी रक्षा करता है कहा भी गया है यतो धर्म: ततो जय: और यह जय अयोध्या में रघुवर सरकार के नेतृत्व मैं साक्षात हो गई यहां मौजूद संतो भक्तों और अतिथियों के साथ-साथ टेलीविजन पर सीधा प्रसारण देख रहे भक्तों ने इस दृश्य को देखते हुए खुद के जीवन को धन्य माना और साक्षी बनने पर अपने सौभाग्य के लिए भगवान को प्रणाम किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दंडवत प्रणाम कर तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा को चरितार्थ करते हुए दुनिया के सामने एक मिसाल रखी की जीवन ऐसा जी कर जाएं आपके बाद भी दुनिया आपको याद करें जैसे हम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम को आज भी नहीं भूलते भगवान आए तो मानव रूप में थे लेकिन जो सबक वह देकर गए जिनकी वजह से आज भी वह भगवान के रूप में विद्यमान हैl यही सनातन का आदर्श है जो अनंत काल तक जीवित रहेगा आज भी जीवंत है और पहले भी शाश्वत था असल में सनातन एक ऊर्जा है जो सत्कर्मों से बनती है जिसका जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में किया राम अनंत है राम जोड़ते हैं तोड़ते नहीं राम अनुशासन है नेक है नियति है नियत है राम शाश्वत है आज से शुरू हो रहा है युग 1000 वर्षों तक ऐसे ही चलता रहेगा हमसे जो गलतियां हुई हैं प्रभु हमें उनके लिए माफी दें यानी किसी तरह का कोई अहंकार नहीं हम निमित्त हैं और भगवान ने हमसे यह काम कराया इसके लिए हम प्रभु का धन्यवाद करते हैं जिस वक्त भगवान के नेत्रों से अयोध्या में पट्टी हटाई गई उनके नैनों से जिस भी राम भक्त के नयन मिले बस उसका अंतर मन मयूर नाच उठा और बोला छाप तिलक सब छीनी मोसे नैना मिलाइके अपनी इसी कर लीनहीं मोसे नैना मिलाइके और भक्तों के आंखों से अविरल आंसू बहने लगे भाव विभोर भाव विह्वल हुए माहौल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा मेरे पास शब्द नहीं है मैं वह भाव विभोर हूं मंदिर के लिए सभी ने संघर्ष किया और मंदिर उसी स्थान पर बना है जहां की प्रतिज्ञा की गई थी सब लोग आज देख ले यह भगवान का साक्षात चमत्कार है इस मौके पर सर संघ चालक डॉ मोहन भागवत ने कहा आज देश रामलाल की स्थापना के साथ ही स्वभारत मैं लौट आया है अब हमें छोटे-मोटे विवादों को छोड़ना होगा और विश्व गुरु बनना होगा धर्म की पहली शर्त है परस्पर समन्वय राम सबके हैं राम हमें अनुशासन सीखाते है और अनुशासन ही हर सफलता की कुंजी हैl सबसे पहले स्वामी गोविंद देवगिरी ने देश से कहा की रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन भारत की पहचान स्वाभिमान और आत्मविश्वास का प्रतीक है पूरे विश्व में दीपोत्सव की शुरुआत हो गई है और यह दीपक जन्म जन्मांतर तक हमें सत्य के पथ पर चलने के लिए प्रेरित करते रहेंगेl यहीं से राम युग की शुरुआत हो गई हालांकि चारों शंकराचार्य इस आयोजन में शामिल नहीं थे और विपक्ष ने भी इसका विरोध किया लेकिन नियति ने अपना काम किया भगवान राम को प्रकट होने से कौन रोक सकता था तमाम विवादों के बावजूद जिस मुहूर्त को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे आई वह भी जान लीजिए की इसी मुहूर्त में भगवान क्यों आए I
श्री रामलला मूर्ति की प्राण – प्रतिष्ठा के लिए सोमवार 22 जनवरी, 2024 लगभग दोपहर साढ़े बारह बजे का मुहूर्त रखा गया । श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का यह शुभ – मुहूर्त आदरणीय गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ जी ने निकाला है। यह मुहूर्त दोष उत्त्पन्न करने वाले सभी पाँच बाण- रोग बाण, मृत्यु बाण, चोर बाण, राज बाण, अग्नि बाण से मुक्त है। इस विशेष मुहूर्त के समय विक्रम सम्वत 2080, पौष माह, शुक्लपक्ष, द्वादशी तिथि, सोमवार, मृगशिरा नक्षत्र, द्वितीय चरण, ऐंद्र योग, बालव करण के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग जैसे कई शुभ योग बन रहे हैं। मेष लग्न में गुरु, वृष का (स्थिर) चंद्र, वृश्चिक (स्थिर) नवांश, दशम सूर्य, एकादश स्वगृही शनि, अभिजीत मुहूर्त और लग्नेश (नवमस्थ) मंगल की महादशा के साथ प्राण – प्रतिष्ठा राजनीतिक विवाद, आरोप – प्रत्यारोपो के बावजूद सनातन जनमानस पर धार्मिक रूप के साथ भगवान राम के आदर्शों का गहरा प्रभाव भविष्य में युगों तक बना रहेगा।
विशेष बात:- अब मुहूर्त पर विवाद करने का समय निकल गया है। सौ बातों की एक बात जनवरी में ही मुहूर्त माँगा गया, तो इस माह में जो सबसे उत्तम था दिया गया। इसमें बहस की बात कहाँ है. और जब विधि विधान और शास्त्रोचित तरीके से भगवान स्थापित हुए तो एक और में पूरा ब्रह्मांड बोल पड़ा….भए प्रकट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी हर्षित महतारी
, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी ॥
[ अब जहां तक विपक्ष के आरोपो की बात है तो रामराज में उन्हें अपनी बात कहने का अधिकार है लेकिन जनता जनार्दन है वह आने वाले समय में खुद फैसला करेगी की लोकसभा चुनाव 2024 में उसे किसके पक्ष में जाना है क्योंकि उसकी अदालत में सब समान रूप से वोट मांगेंगे लेकिन नियति उसी का साथ देगी जिसने हृदय में रामलला को धारण करते हुए गरीबों दलितों पिछड़ों किसानो और महिलाओं की सेवा की है इसके लिए फिर हमें मर्यादा पुरुषोत्तम के जीवन से सीख लेनी पड़ती है उन्होंने जैसे केवट अहिल्या शबरी मां सुग्रीव और विभीषण को जीवन से तार दिया और आसुरी शक्तियों का नाश किया इस पथ पर इन राजनीतिक पार्टियों को भी चलना होगा और प्रभु से प्रार्थना करनी होगी जैसे नारदजी कहते हैं जेहि विधि होई नाथ हित मोरा करो सुवेगि दास मंह तोरा अर्थात प्रभु मैं तो आपका दास हूं और आपको मेरा हित करना होगा। भगवान कल्याण तो जरूर करते हैं लेकिन परीक्षाएं भी लेते हैं अब देखिए उनकी इस परीक्षा में कौन खरा उतरता हैl अंततः इतना तो सिद्ध हो गया बगैर भगवान की कृपा के कोई कार्य पूरा नहीं होता हम केवल कार्य ही कर सकते हैं फल तो हमें भगवान के हिसाब से ही मिलेगा और वह अपनी सेवा का मौका भी उसे ही देते हैं जिसे वह चुन लेते हैं अब देखना यह होगा नारायण रूपी जनता आने वाले समय में अपना आशीर्वाद किसको देती है जिसके लिए सभी राजनीतिक पार्टिया सब कुछ बिसात पर लगा रही हैंl ऐसी स्थिति में एक प्रसंग और याद आता है जब भगवान के राजतिलक की तैयारी हो गई थी तभी राम को वनवास का आदेश हो गया और वह पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 बरस के लिए वन चले गए तब भरत बहुत विलाप करते हैं तब गुरु वशिष्ठ भरत को समझाते हुए कहते हैं … सुनहु भरत भावी प्रबल बिलखि कहेउ मुनिनाथ।
हानि लाभु जीवनु मरनु जसु अपजसु बिधि हाथ॥.. इसलिए विपक्षी पार्टियों को यह मानकर संतोष करना चाहिए जो कुछ पूर्व निर्धारित है होगा वही इसलिए सभी को अपना-अपना कर्म करना चाहिए गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है होइहि सोइ जो राम रचि राखा, को करि तर्क बढ़ावै साखा- और यही सत्य भी है रामलला के प्रकट होते ही पूरे देश में दीपावली मनाई गई विदेश में भी सनातियों ने दीप जलाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास में दीपावली मनाई और इसी के साथ उन्होंने एक करोड़ घरों के लिए सूर्योदय सोलर ऊर्जा योजना की शुरुआत कर यह संदेश भी दे दिया कि राम विकास हैंl..प्रभु कीं कृपा भयउ सबु काजू। जन्म हमार सुफल भा आजू॥