सर्वहारा वर्ग के लिए जीवन भर समर्पित रहे कामरेड सुनीत चोपड़ा को श्रद्धांजलि
सर्वहारा वर्ग के लिए जीवन भर रहे समर्पित कामरेड सुमित चोपड़ा का चार अप्रेल को मेट्रो स्टेशन पर यकायक गिरने से मृत्यु हो गयी. वे गुरुग्राम अपने निवास से मेट्रो द्वारा दिल्ली स्थित अखिल भारतीय किसान मज़दूर यूनियन के कार्यालय आ रहे थे , बुधवार को रामलीला मैदान में होने वाली किसान मज़दूर रैली की तैयारी के सम्बन्ध में ८० वर्षीय कामरेड सुनीत चोपड़ा पेशे से एक असाधारण आर्टिस्ट थे और समर्पित वामपंथी नेता जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सर्वहारा वर्ग, मजदूर और किसान यूनियन के बेनर तले उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए समर्पित कर दिए. वे लम्बे समय से अखिल भारतीय किसान मज़दूर यूनियन के अत्यंत समर्पित और संघर्षील नेता रहे. दिल्ली के प्रगतिशील समाज , पत्रकारों और बौद्धिक समाज के बीच वे सदैव सक्रीय दिखाई देते थे , सदैव काँधे पर एक सूती झोला लटकाये , दाढ़ी में सुनीत चोपड़ा को किसान मज़दूरों की रैलियों , उनसे जुड़े संघर्षों और धरना प्रदर्शनों में अक्सर देखा जाता रहा है. राष्ट्रीय समाचार पत्रों में लगातार लिखने वाले संघर्षील नेता कॉमरेड सुनीत चोपड़ा एक जबरदस्त आर्ट क्रिटिक थे और इंडो कोरियाई फ्रेंडशिप एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी भी. वे अखिल भारतीय किसान मजदूर यूनियन के संयुक्त सचिव भी थे और देश के किसानों और मज़दूरों के लोकप्रिय नेता भी थे. राष्ट्रीय स्तर पर उनके लिए आजीवन संघर्ष किया. बेहद पढ़े लिखे और समर्पित वामपंथी नेता कामरेड सुनीत चोपड़ा ने लंदन में स्कूल आफ ओरिएण्टल स्टडीज के छात्र होने के दौरान ही वामपंथी मूवमेंट ज्वाइन कर लिया था और पढ़ाई पूरी करने के पश्चात् फिलिस्तीन मूवमेंट ज्वाइन कर लिया. तद्पश्चात उन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में सेंटर आफ स्टडीज इन रीजनल डेवलपमेंट में दाखिला लिया , फिर छात्र राजनीती में कूद पड़े . उन्होंने जाणूसू का संविधान ड्राफ्ट किया . उन्होंने डेमोक्रेटिक युथ फेडरेशन ज्वाइन की और बाद में कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्स वादी ) के पोलित ब्यूरो सदस्य बने. उनका जाना वामपंथी विचारधारा और आंदोलन को एक बड़ा झटका है कहना है अखिल भारतीय किसान मजदूर यूनियन का .
उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेता कामरेड सुनीत चोपड़ा के निधन पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है।
सुनीत चोपड़ा को गरीब वर्गों का मुखर प्रवक्ता बताते हुए धीरेंद्र प्रताप ने कहा की सुनीत चोपड़ा ने आजीवन कमजोर , पिछड़े और विपन वर्गों की मुखर आवाज बंन कर लोगों की सेवा की थी ।वे सत्ता के पद प्रतिष्ठानों से दूर थे ।उन्होंने कम्युनिस्ट आंदोलन को एक नया रूप दिया वे मजदूरों और सर्वहारा वर्ग के सच्चे प्रतिनिधि थे। छात्र जीवन से ही उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और एसएफआई से लेकर डीवाईएफआई तक और उसके बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य रहने का उन्हें गौरव हासिल हुआ।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कामरेड सुनीत चोपड़ा यद्यपि आयु में उनसे बड़े थे परंतु उनकी उनसे मित्रता थी और स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा के चुनाव के दौरान उन्होंने लंबे समय तक गढ़वाल में रहकर बहुगुणा जी को जिताने के गंभीर प्रयास किए। उन्होंने कहा कामरेड सुनीत चोपड़ा के निधन से भारत ने एक बहुत ही ईमानदार और जनता का सच्चा हितैषी खो दिया है । जिसने राजनीति सत्ता के लिए नहीं की बल्कि आजीवन सिद्धांतों से जुड़े रहे । उल्लेखनीय है सुनीत चोपड़ा उच्च कोटि के कला समीक्षक भी थे और कल गुड़गांव से दिल्ली आते हुए मेट्रो स्टेशन पर गिर जाने से उनका निधन हो गया।
सादर नमन🙏