साच ट्रस्ट ने नई दिल्ली में भव्य गुरु सम्मान एवं प्रतिभावान विद्यार्थी सम्मान का आयोजन किया

LALIT DHAUNDIYAL

भारत मे जितने भी समाज सेवक हुए हैं उनमें माधव सिंह भंडारी जी का नाम मेरी दृष्टि में सबसे ऊपर है क्योंकि उन्होंने अपने पुत्र का बलिदान देकर मलेथा कूल से पानी निकालने का भागीरथी प्रयास किया I

सांच ट्रस्ट द्वारा 21 सितंबर को गुरु सम्मान एवं प्रतिभावान विद्यार्थी सम्मान का बद्रीनाथ मंदिर, Kidwai Nagar, New Delhi राम दरबार हाल में सुंदर कार्यक्रम किया गया जिसमें प्रतिभावान गुरु एवं छात्रों का सम्मान किया गया ।

इसमे पर्वतीय कला संगम ने नृत्य नाट्य माधो सिंह भंडारी एवम “हम है उत्तराखंडी ” से दर्शको का दिल जीत लिया I

इस मौके पर मुख्य वक्ता एवं अतिथि श्री ईशान पुरोहित (Phd IIT D) वरिष्ठ उर्जा विशेषज्ञ World Bank एवम रमन कुमार निदेशक दूरदर्शन प्रसार भारती की गरिमामय उपस्थिती रही।वहीं विभिन्न संस्थाओं के आए हुए प्रतिनिधि गणो का भी सम्मान किया गया I

मैनेजिंग ट्रस्टी साच ट्रस्ट के श्री ललित ढौंडियाल ने संक्षेप में साच की स्थापना उसके उद्देश्य और उसकी फंडिंग किस तरह से होती है सभी दर्शको के सामने रखा और कहा कि “साच” दान देता है लेता नहीं इसकी इंटरनल फंडिंग होती है जिसमें उन्होंने अपने सारे रिटायरमेंट फंड से मिलने वाले ROI एवं जितने भी इंसेंटिव देवराड़ा ग्रुप आफ कंपनीज से मिलते हैं वह सब ” साच ” में लगाकर प्रतिभावान अति निर्धन बच्चों को बांट दिया जाता है।

मंच की व्यवस्था श्री बासावानंद ढौंडियाल जी ने एवं श्री राकेश कुमार शर्मा जी ने बड़े ही सुंदर ढंग से संभाली I “साच” उन सभी लोगों का पुनः धन्यवाद करती है जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई साच दर्शकों का व आमंत्रित व्यक्तियों का भी धन्यवाद करती है जिन्होंने अपना कीमती समय निकालकर साच के कार्यक्रम को दिए।

स्मरणीय है कि सच ट्रस्ट से जुड़े उच्च शिक्षाविद एवं निष्ठावान ललित मोहन ढौंडियाल के कुशल नेतृत्व में स्कूलों, कॉलेजों के अनेक शैक्षणिक रूप से मेधावी नवोदित विद्यार्थियों, विशेषकर आईआईटी, एमबीबीएस, एमडी और सिविल सेवाओं में प्रवेश लेने के इच्छुक गरीब शैक्षणिक पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थियों को उनके शैक्षणिक लक्ष्यों को प्राप्त करने और उत्कृष्ट अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर और नौकरशाह आदि बनने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

जिन उत्कृष्ट शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट शिक्षण के लिए सम्मानित किया गया वे इस प्रकार हैं: रमेश चंद्र घिल्डियाल, भारती देवी, जगदीश ढौंडियाल, डॉ. विभा चौहान, श्रीमती अंजू मिश्रा।

उत्कृष्ट छात्र सम्मान पाने वाले थे: आदित्य बर्थवाल, नव्या थपलियाल, आयुष शर्मा, वत्सल ढौंडियाल और शास्वत चतुर्वेदी।

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