Uttrakhand

संयुक्त संघर्ष समिति ने अतिक्रमण के नाम पर प्रशासन एवं वन विभाग द्वारा पुछडी गांव में की गई बुलडोजर कार्रवाई से प्रभावित पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका हाल जाना

संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने अतिक्रमण के नाम पर प्रशासन एवं वन विभाग द्वारा पुछडी गांव में की गई बुलडोजर कार्रवाई से प्रभावित पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका हाल जाना।
संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल में शामिल उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रधान महासचिव राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी, इंकलाबी मजदूर केंद्र के महासचिव रोहित रूहेला ,साइंस फांर सोसायटी के गिरीश चंद्र आर्य, ठेका मजदूर कल्याण समिति के किशन शर्मा ने बताया कि बीते रविवार 7 दिसंबर को पुछड़ी क्षेत्र में अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर की कार्रवाई में 60 से ज्यादा लोगों के मकान ,झोपड़िया पर बुलडोजर की कार्रवाई कर ध्वस्तीकरण कर दिया था।

इस कार्रवाई में मंदिर मस्जिद मदरसा के ऊपर भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। प्रतिनिधि मंडल ने मौके पर जाकर जब प्रभावित परिवारों तथा उच्च न्यायालय से स्थगन प्राप्त लोगों से बातचीत की तो उनका दुख दर्द आक्रोश फूट पड़ा। प्रतिनिधि मंडल को लोगों ने उस काली रात एवं सुबह का रोंगटे खड़े कर देने वाला सच बताते हुये बताया कि वन विभाग पुलिस प्रशासन द्वारा 6 तारीख की रात्रि से ही उनके घरों के आसपास पूरी तरह नाकेबंदी कर दी गई जैसे आतंकवादी घुस आए हो।3:00 बजे से घरों की बिजली गायब थी तथा 4:00 बजे ही बुलडोजर की कार्रवाई शुरू कर दी इस दौरान जिन लोगों ने उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त किया गया था, उनकी भी नहीं सुनी तथा उनकी फसलों को तहस कर दिया गया तथा उनके साथ अभद्रता मारपीट की गई तथा हिरासत में ले लिया ।

प्रभावित लोगों में से एक राजा के परिजनों ने बताया कि कि हम लोग 60 सालों से ज्यादा समय से वहां पर निवास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके घर के पास उनके दादा का लगाया आम का पेड़ इसकी गवाही एवं सबूत है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। प्लास्टिक की तिरपाल के नीचे ठंड में रह रहे उनके परिजनों ने बताया कि पुलिस प्रशासन उन्हें वहां से हटाने के लिए कह रहा हैलेकिन वह अपने जानवरों के साथ कहां जाएं।

राज्य आंदोलनकारी उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी ने कहा कि डेमोग्राफी के नाम पर जो कार्रवाई की गई है उसमें अधिकांश प्रभावित परिवार पहाड़ के मूल निवासी है। तथा हिंदू मुस्लिम परिवार वर्षों से वहां पर आपस में परिवार की तरह मिलजुल कर रहते हैं। तथा एक दूसरे के सुख-दुख एवं शादी विवाह में बराबर साथ निभाते हैं, लेकिन आज शासन प्रशासन डेमोग्राफी के नाम पर लोगों को हिंदू मुस्लिम,पहाड़ी देसी के नाम पर बांटकर आपस में लड़ाना चाहता है।प्रभावित परिवारों ने बताया कि 2016-17 में स्थानीय विधायक ने मदरसे के निर्माण के लिए ₹300000 विधायक निधि से दी थी।

प्रभावित एवं पीड़ित परिवारों ने बड़े दुख के साथ बताया कि इस पूरी कार्रवाई के दौरान विधायक दीवान सिंह बिष्ट सहित वे तमाम जनप्रतिनिधि, पार्टियां कहीं नजर नहीं आयी जिनका झंडा डंडा वह सालों से उठाते रहे हैं।

प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि संयुक्त संघर्ष समिति उनके साथ है। तथा लोगों से भारी संख्या में 16 दिसंबर के जुलूस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने की अपील की है।

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