


अपनी धरोहर न्यास और हिमालय जनकल्याण समिति द्वारा उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के चौरास परिसर में स्थित एक्टिविटी सेंटर में आयोजित धरोहर संवाद-2025 में ऐतिहासिक और दीर्घकालिक विमर्श के विषयों पर मंथन हुआ जो भविष्य के लिए सार्थक,उपयोगी और लाभप्रद सिद्ध होंगे। द्विदिवसीय धरोहर संवाद समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के उच्च शिक्षा,सहकारिता एवं कृषि मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने किया।
विभिन्न सत्रों में संस्कृतिवेत्ता,इतिहासकार और गढ़वाल विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. दाताराम पुरोहित के सान्निध्य में देश और प्रदेशभर से आए संस्कृति,साहित्य,कला,संगीत,
पर्यावरण,इतिहास और शिक्षा से जुड़े बौद्धिक योद्धाओं ने विभिन्न विषयों पर चर्चा की। डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि सामूहिक प्रयासों से हमारी समृद्ध परंपराएं लोकल से ग्लोबल तक पहुंच सकती हैं। केंद्र और राज्य सरकार संस्कृति के संरक्षण के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं और पारंपरिक वाद्य यंत्रों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए सरकार और सामाजिक संस्थाओं के साथ सभी नागरिकों को भी प्रयास करना होगा।
अपनी धरोहर न्यास के अध्यक्ष श्री विजय भट्ट ने सभी अतिथियों का स्वागत और अभिनंदन करने के साथ अपनी धरोहर द्वारा अब तक संचालित कार्यों,गतिविधियों और उपलब्धियों का वृत्त प्रस्तुत किया। उन्होंने गोल्ज्यू यात्रा,दिल्ली प्रवासी संवाद और हरेला पर्व में जन भागीदारी का उल्लेख किया।
प्रो.दाताराम पुरोहित ने कहा कि संस्कृति और धरोहरों के संरक्षण के लिए स्वतंत्र नीति के निर्माण की आवश्यकता है और अपनी धरोहर संस्था ने इस बात को सिद्ध किया है कि यदि नीति,नीयत और नेतृत्व सही हो तो सब संभव है।
समारोह में जहां पुस्तक कुंभ के अंतर्गत पहाड़ के शीर्ष लेखकों और रचनाकारों की पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई थी वहीं ढोल दमाऊं जैसे वाद्ययंत्रों के विषय में प्रो.पुरोहित के मार्गदर्शन में कार्यशाला भी आयोजित की गई। बागेश्वर से आए प्रसिद्ध ढोल वादक मोहन राम,बलराम और 6 वर्षीय मास्टर हितेश राम तथा टिहरी गढ़वाल के चंद्रबदनी से आए सुप्रसिद्घ ढोल वादक डॉ.सोहन लाल और भगवान दास ने दोनों क्षेत्रों के ढोल,दमाऊँ एवं नगाड़े की प्रभावी प्रस्तुतियां दीं। प्रथम दिवस के द्वितीय सत्र में शक्ति संवाद के अंतर्गत हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की प्रमुख प्रो. गुड्डी बिष्ट के संयोजक में श्रीनगर गढ़वाल की महापौर श्रीमती आरती भंडारी,नोएडा से आई शीर्ष संस्कृत विदुषी डॉ.पुष्पा जोशी,टिहरी गढ़वाल की कनक लता गुनसोला,लोकगायिका राखी रावत और समाजसेवी सुनीता जोशी ने नारी सशक्तिकरण पर अपने वक्तव्य दिए।
तीसरे सत्र में संस्कृतिकर्मी और भाषाविद एवं धाद पत्रिका के संपादक गणेश खुगसाल गणी के संयोजन में शीर्ष लेखक और रक्षा मंत्रालय के पूर्व निदेशक डॉ.नीलांबर पांडेय,इतिहासकार और लेखक डॉ.नंदकिशोर हटवाल,वरिष्ठ पत्रकार श्री चंद्र मोहन पपनै और माणा से आए वरिष्ठ समाजसेवी कुंदन सिंह टकोला ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे।
धरोहर संवाद के दूसरे दिन अदिति वेडिंग प्वाइंट श्रीनगर में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह श्री दिनेश सेमवाल ने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में हमें अपनी लोक परंपराओं और स्वाभिमान को नहीं भूलना चाहिए। पुस्तक कुंभ को आगे निरंतर आयोजित करने और देश,समाज एवं अपनी संस्कृति और इतिहास पुरुषों पर केंद्रित पुस्तकों के प्रचलन पर जोर रहना चाहिए।
श्री सेमवाल ने इस अवसर पर पढ़ने -लिखने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ई धरोहर डिजिटल वेब का विमोचन भी किया।
अपनी धरोहर न्यास के अध्यक्ष श्री विजय भट्ट ने कहा कि युवा पीढ़ी को अपनी समृद्ध परंपराओं से जोड़े रखने के लिए इस ई धरोहर में कुछ पुस्तकों और ऑडियो सामग्री को संरक्षित किया गया है। इसे और बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बनाई जाएगी ताकि लोगों तक सही जानकारी पहुंच सके।
प्रो.दाताराम पुरोहित ने ढोल सागर पर दोनों क्षेत्रों के वादकों के साथ ढोल दमाऊँ पर एक छोटी प्रस्तुति देते हुए ढोल सागर को पहाड़ की संस्कृति का अभिन्न अंग बताते हुए इनके प्रचलन और प्रोत्साहन पर जोर दिया।
समारोह में अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तराखंड सह प्रांत प्रचारक श्री चंद्रशेखर,विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की प्रमुख प्रो.गुड्डी बिष्ट और रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. सतीश चंद्र सती आदि मौजूद रहे।
अपनी धरोहर न्यास के दिल्ली प्रांत संयोजक और धरोहर संवाद के समन्वयक प्रो.सूर्य प्रकाश सेमवाल ने कहा कि यह आयोजन देवभूमि के ठोस और स्थाई विकास के लिए उपयोगी सूत्र देने वाला सिद्ध होगा। धरोहर संवाद में संकल्प के जो 11 सूत्रीय बिंदु पारित किए गए उत्तराखंड सरकार उनमें से अधिकांश मांगों को शीघ्र लागू करेगी। तप,त्याग,शिक्षा और आंदोलन की पावन भूमि श्रीनगर से अपनी धरोहर ने जो अभियान चलाया है वो शीघ्र देशभर में चलाया जाएगा।
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