वरिष्ठ पत्रकार Ira Jha का निधन
Harish Pathak, Sr. Journalist
वरिष्ठ पत्रकार इरा झा का आज दोपहर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया।वे फेफड़ों की बीमारी से पीडित थीं।पहले उन्हें द्वारका के सेक्टर 18 में स्थित वेंकटेश्वर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया पर तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें एम्स ले जाया गया जहाँ आज दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली।दो साल पहले उनकी बाईपास सर्जरी भी हुई थी।
छत्तीसगढ़ मूल की इरा झा हिंदी की तेजतर्रार पत्रकार थीं।वे बेहद सुलझे मन और बेहतरीन भाषा की धनी थीं।उन्हें अखबार में डेस्क का जादूगर कहा जाता था।दिल्ली प्रेस से वे नवभारत टाइम्स (जयपुर संस्करण) गयीं।वहाँ से अरसे तक पहले नवभारत टाइम्स ( दिल्ली) फिर दैनिक हिंदुस्तान (दिल्ली) में रहीं।उनके पति अनन्त मित्तल देश के नामी बिज़नेस संपादक रहे हैं।वे अपने पीछे एक पुत्र ईशान को छोड़ गयीं है।यह जानकारी वरिष्ठ पत्रकार उमेश जोशी ने दी है।
साफ कहना,साफ लिखना और अपने तथ्यों व तर्कों पर टिके रहना उनकी खासियत थी।निश्छल हँसी उनकी पहचान थी जो अरसे तक याद आती रहेगी।
दिल्ली प्रेस में वे मेरे साथ थीं और उसके बाद जब मैं मुम्बई आ गया तब वह और अनन्त मेरे पारिवारिक स्वजन बन गए।यह रिश्ता बदस्तूर जारी रहा।
बहुत रुलाता है अपनों का बिछड़ना।
तुम्हें नहीं भूल सकते-हम लोग।
GAUTAM LAHIRI, PRESIDENT PRESS CLUB OF INDIA
मित्रों
अत्यंत दुखद खबर
अपने साथी अनंत मित्तल की पत्नी और वरिष्ठ पत्रकार इरा झा अब हमारे बीच नहीं रहीं।आज दोपहर दिल्ली के एम्स में हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया।मेरे लिये ये निजी क्षति भी है क्योंकि इरा अनंत और मैं टाइम्स समूह के हिन्दी दैनिक नवभारत टाइम्स में एक ही बैच में आये थे।हमारी निजी और पारिवारिक मित्रता बेहद गहरी रही है।इरा पिछले कुछ दिनों से एक निजी अस्पताल में भर्ती थीं और कल ही उन्हें एम्स में स्थानांतरित किया गया था।इरा और मैंने लंबे समय तक साथ काम किया है।जहां अनंत ने एक दोस्त और पत्नी को और मैंने एक अति घनिष्ठ मित्र को खो दिया।प्रिय इरा को अश्रुपूरित विनम्र श्रद्धांजलि।ऊँ शांति🙏🙏
UMAKANT LAKHERA, Sr. Journalist
इरा झा यानी इराजी! बस इसी नाम से पुकारते थे उनको। मेरे साथ हिंदुस्तान के नेशनल ब्यूरो में कुछ साल साथ रहीं। एक संवेदनशील पत्रकार के गुणों से भरपूर गहरी शिष्टता और दूसरों का आदर करना उनकी आदत में शुमार था। बहुत कम साथी हैं जो दोनों पति पत्नी पत्रकार हों। हम में कईयों के दोनों से सामान आदर के रिश्ते हों। उनके पति अनंत मित्तल भी पुराने मित्र और साथी हैं। बहुत अफसोस है दोनों का साथ असमय छूट गया। इरा झा लिखने और बोलने में बेबाक थीं । राष्ट्रीय मुद्दों पर गहरी समझ रखती थीं। उनके अकस्मात जुदा होने पर हम सभी साथी निशब्द हैं।
VIPIN DHULIA, Senior Journalist
अभी अभी खबर मिली कि इरा झा नहीं रहीं…सकते में आ गया… क़रीब पैंतीस साल का रिश्ता था इरा से… बेहतरीन इंसान तो थी ही, मेजबानी का भी कोई जवाब नहीं था… पत्रकारिता में इरा ने बिना कोई समझौता किए असाधारण रिपोर्ट्स लिखीं… इसके लिए उनको नौकरी तक दांव पर लगानी पड़ी थी… हां एक बात और, इरा की भाषा के क्राफ्ट को लेकर मुझे रश्क रहा है… हमेशा याद आओगी… अलविदा. अनंत और बेटे के प्रति गहरी संवेदना.
ANIL TYAGI, Sr.Journalist
अभी अभी पता लगा है कि प्रसिद्ध पत्रकार #इरा झा IRAJHA #irajha का AIIMS hospital में आज 18/10/2024 को निधन हो गया । अंतिम क्रिया संभवतः कल है । पूरी सूचना मिलने पर सूचित करूंगा। असीम शक्ति दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे । ॐ शांति शांति 😞
SANJEEV ACHARYA, SR.JOURNALIST
बस्तर की मैना मौन हो गयी 😥
दिल्ली की तीन दशक की पत्रकारिता में बहुत रिश्ते बने l कुछ रिश्ते बहुत आत्मीयता से भरे बने l ईरा झा उनमे से एक थी l पूरे अधिकार के साथ बड़ी बहन की तरह डांट देने वाली निडर, निष्पक्ष पत्रकार और संवेदनशील इंसान l उनको जिज्जी कहता था l
इंदौर, भोपाल, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ इन इलाकों में उनका बचपन बीता l इसलिए हमारा एक कनेक्ट था l
दिल की बीमारी ने उन्हें हमसे छीन लिया l दुःखद 😥
ईश्वर उनको मोक्ष एवं परिवार को सहन करने की शक्ति दे 🙏
ॐ शांति 🙏
JAI SHANKAR GUPT, SR. Journalist
अत्यंत दुखद। इरा झा का जाना मर्मांतक पीड़ा दे गया। वह मेरी मुंह बोली बहन थी। हमने कुछ समय नवभारत टाइम्स और हिन्दुस्तान अखबार में भी साथ काम किया था। लेकिन हमारे रिश्ते कामकाजी से अधिक पारिवारिक थे। दुख और शोक की इस घड़ी में हमारी सहानुभूति और संवेदनाएं अनंत और बेटे ईशान के साथ हैं। सादर नमन बहन। विनम्र श्रद्धांजलि।
VIVEK SHUKLA, SR.JOURNALIST
इरा झा से पहली बार टाइम्स हाउस में 1986 में मुलाकात हुई थी। हम दोनों दीनानाथ मिश्र जी के चैंबर के आगे खड़े होकर बातें कर रहे थे। बातों में बात इंदौर की निकली तो बात क्रिकेट कमेंटेटर सुशील दोषी की भी होने लगी। दोषी जी इंदौर से ही हैं। इरा ने बताया था कि दोषी जी ने उन्हें बचपन में गोदी में खिलाया था। दोषी जी और इरा के पिता दोस्त थे।
38 सालों के बाद उस पहली मुलाकात को याद कर ते हुए बड़ी मुश्किल से अपने आंसू रोक पा रहा हूं। इरा की मार्फत उसके पति अनंत और पुत्र ईशान से भी दोस्ती हो गई। दोनों ही पत्रकार हैं। अब लगता है कि इन तीनों में मेरा सबसे करीब ईशान ही है। आज ईशान बता रहे थे कि मम्मी दो हफ्ते से द्वारका के एक अस्पताल में एडमिट थीं।
इरा को मैंने एक बेखौफ और ईमानदार अखबारनवीस पाया। डेस्क के काम में बहुत तेज-तर्रार थी। रिपोर्टिंग भी आला दर्जे की करती थीं। साथी सुदीप ठाकुर ने सही लिखा कि इरा को जो मीडिया की दुनिया में मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। वह बहुत खुद्दार थी। वह अपनी बात कहने में किसी एडिटर के आगे झुकती नहीं थी। जाहिर है कि इस तरह के लोगों को तो हमेशा घीसना ही पड़ता है। इस लिहाज से राम मिलाई जोड़ी थी इरा और अनंत भाई की।
कैसे कह दूं इरा झा को अंतिम प्रणाम।
जानी-मानी पत्रकार ईरा झा को विनम्र श्रद्धांजलि!