Uttrakhand

लालढांग – चिल्लरखाल मोटर मार्ग शीघ्र बनाया जाएगा।

नई दिल्ली/कोटद्वार 27 अगस्त 2025।
लालढांग – चिल्लरखाल मोटर मार्ग शीघ्र बनाया जाएगा।
लोक सभा सांसद गढ़वाल अनिल बलूनी ने कहा है कि बहुत समय से लंबित कंडी मोटर मार्ग व लालढांग – चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर शीघ्र ही निर्णय होगा, और यह जल्दी ही बनकर तैयार होंगे। आज दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कोटद्वार के एक शिष्टमंडल ने उनसे भेंट कर लालढांग – चिल्लरखाल मोटर मार्ग के डामरीकरण हेतु ज्ञापन सौंपा है। जिस पर गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने शिष्ट मंडल को त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि उनका ही नहीं अपितु देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का भी एक ही लक्ष्य है कि यह दशक उत्तराखंड के चहुमुखी विकास का दशक होगा। इस दौरान अनिल बलूनी को कोटद्वार में पासपोर्ट कार्यालय व यमकेश्वर विकास खंड के लिए सिंगटाली पुल निर्माण में उनकी प्रतिबद्धता हेतु शिष्ट मंडल ने उनका आभार व्यक्त किया है।

सांसद बलूनी से भेंट करने पहुँचे शिष्टमंडल ने अपने ज्ञापन में लिखा है कि लालढांग -चिल्लरखाल -कोटद्वार मोटर मार्ग सन 1965 से अस्तित्व में है। उससे पूर्व यह ढाकर पैदल मार्ग के रूप में लालढांग-चौकी घाटा-खोहद्वार-दुगड्डा व्यापारिक मंडियों से जुड़ा हुआ था जो सम्पूर्ण गढ़वाल को आपस में जोड़े हुआ था। लेकिन राज्य निर्माण के पश्चात् यह मोटरमार्ग उपेक्षाओं का शिकार होता गया और वर्तमान में यह हालात हैं कि उपरोक्त मार्ग बंदी के कगार पर खड़ा है। जिसका प्रमुख कारण इस मार्ग पर पड़ने वाले सिगड्डी स्रोत नदी व मैली स्रोत नाले हैं, जिन पर आधे अधूरे पुल निर्माण के लिए छोड़ दिए गए हैं।

गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने शिष्टमंडल को आश्वासन देते हुए कहा है कि उनके संज्ञान में पहले से ही यह बात है कि लालढांग क्षेत्र के नयागांव, मोल्हापुरी, रसूलपुर, रसूलपुर गोठ, चमरिया गांव के बोक्सा जनजाति व अन्य लोगों की रिश्तेदारी भाबर क्षेत्र के सिगड्डी, हल्दूखाता, मोटाढाक चोडखता, ढकिया गावों के लोगों को 11 से 20 किमी. पैदल दूरी तय कर अपने गणतब्य स्थलों तक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए चलना पड़ता है। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा है कि यह मामला शीघ्र ही कोर्ट में निस्तारित करने की पहल हो रही है। उन्हें उम्मीद है कि यह मार्ग जल्दी ही बनकर तैयार होंगे।

शिष्टमंडल ने कहा है कि यह क्षेत्र ऐतिहासिक व पर्यटन की दृष्टि से तराई भाबर क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है क्योंकि जहाँ यह लालढांग क्षेत्र से चिल्लर – सिगड्डी क्षेत्र के सम्पूर्ण वन्य क्षेत्र को वाइल्ड लाइफ व साहसिक पर्यटन की गतिविधियों से जोड़ेगा, वहीं पर्यटक एक ओर सुलताना भांडू तो दूसरी ओर कण्व आश्रम, महाब गढ़ क्षेत्र व मालिनी नदी घाटी सभ्यता का अवलोकन करेंगे।

उन्होंने गढ़वाल सांसद अनिल से अनुरोध है कि मात्र 8 किमी लम्बे इस मोटर मार्ग को, जो लालढांग -चिल्लरखाल- कोटद्वार के दर्जनों कस्बों व गाँवों को जोड़ता है, का ड़ामरीकरण व सिगड्डी स्रोत व मैली स्रोत पुलों का निर्माण करवाकर समस्त भाबर – कोटद्वार क्षेत्र की जनता को लाभान्वित करें।
इस दौरान शिष्टमंडल में वरिष्ठ पत्रकार व हिमालयन डिस्कवर फाउंडेशन ट्रस्ट के चेयरमैन मनोज इष्टवाल, सनातन महापरिषद भारत के दिल्ली अध्यक्ष सोम प्रकाश गौड़ (निवासी सिमलना गाँव, यमकेश्वर क्षेत्र) विमला कुंदन सेवाग्राम ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी गिरिराज सिंह रावत, , विकास देवरानी, चन्द्रमोहन कुकरेती व सामाजिक कार्यकर्ती भावर क्षेत्र श्रीमती प्रणिता कंडवाल इत्यादि शामिल थे।

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