रुद्रप्रयाग जिला लैंडस्लाइड के हिसाब से देश का सबसे खतरनाक, सबसे संवेदनशील जिला है
जब राज्य सरकार ने सर्वोच्च स्तर पर यात्रा स्थगित करने का आदेश दिया, तो फिर किसकी अनुमति से केदारनाथ में यात्रा चलती रही?

ज़रा हिम्मत तो देखिए। 1 सितम्बर दोपहर 2 बजे उत्तराखंड सरकार ने आधिकारिक घोषणा की कि 5 सितम्बर तक चारधाम यात्रा जोखिमों को देखते हुए स्थगित रहेगी। यमुनोत्री और गंगोत्री पहले ही बंद हो चुके थे, इसलिए वहां कोई सवाल ही नहीं था। बदरीनाथ में 1 सितम्बर को 2363 यात्री मौजूद थे लेकिन सरकार के दिशानिर्देश लागू होते ही 2 सितम्बर से 4 सितंबर तक शून्य यात्रियों की रिपोर्ट आई।
अब ज़रा केदारनाथ पर नज़र डालिए। वहां 1 सितम्बर को केवल 669 यात्री थे जो बदरीनाथ से कहीं कम थे। लेकिन राज्य सरकार की ही डेली रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार 2 सितम्बर को 510 और 3 सितम्बर को केदारनाथ के 37 यात्री दर्ज किए गए। शुक्र है कि 4 सितम्बर को यात्रियों की संख्या शून्य रही।
सवाल पूछना बेमानी है क्योंकि कोई जवाब मिलने वाला नहीं है, फिर भी यह कहना ज़रूरी है कि जब राज्य सरकार ने सर्वोच्च स्तर पर यात्रा स्थगित करने का आदेश दिया, तो फिर किसकी अनुमति से केदारनाथ में यात्रा चलती रही?
ऐसी घटनाएं हमारे प्रोटोकॉल ओर हमारे सेफ्टी को लेकर निर्णय को न सिर्फ कमजोर बनाती हैं बल्कि हमारी व्यवस्था और पब्लिक इमेज पर गहरी चोट करती हैं। अगर दुर्भाग्यवश 2 या 3 सितम्बर को केदारनाथ में कोई दुर्घटना हो जाती, तो इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेता? वैसे भी देश के 147 जिलों में इसरो के लैंडस्लाइड इंडेक्स 2023 के अनुसार रुद्रप्रयाग जिला लैंडस्लाइड के हिसाब से देश का सबसे खतरनाक, सबसे संवेदनशील जिला है।
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अनूप नौटियाल
देहरादून, उत्तराखंड