राहुल गांधी पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले मोदी सरकार को लगा बड़ा झटका



कुशाल जीना
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मोदी मानहानि मामले राहुल गांधी को दी सजा पर रोक लगाए जाने से मोदी सरकार को अब तक का सबसे करारा झटका लगा है।
इस मामले लोक सभा अध्यक्ष om birla खासे नाराज बताए जा रहे हैं क्योंकि उनको यह फैसला दबाव लेना पड़ा बताया जाता है।
ज्यों ज्यों आजका दिन नजदीक आता जा रहा था स्पीकर की परेशानी बढ़ती जा रही थी क्योंकि यह सभी जानते थे कि मामला सर्वोच्च न्यायालय में पलट जायेगा और वही हुआ भी।
अदालत ने अपने फैसले में गुजरात उच्च न्यायालय और स्थानीय अदालतों को भी आड़े हाथ लिया है जिससे गुजरात मॉडल की पोल तो खोली ही साथ स्थानीय न्यायधीशों के भीतर व्याप्त केंद्र और गुजरात की सरकारों के डर को जनता के सामने ला दिया है।
कल्पना कीजिए राहुल गांधी फिर लोक सभा की कार्यवाही में भाग लेंगे और सदन के अध्यक्ष से आमना सामना होगा तब स्थिति कैसी होगी।
जानकारों का कहना है कि वे व्यक्तिगत रूप से इस निर्णय के पक्ष में नहीं थे पर परिस्थिति अलग थी।
बिरला इस सप्ताह के पहले चरण सदन के संचालन के लिए नहीं आए क्योंकि सदन चलाने के सरकार के रवैए से नाखुश थे। साथ ही इनको सत्तारूढ दल के कई सदस्यों का व्यवहार ठीक नहीं लगा जिसपर उन्होंने नाराजगी भी जताई थी।

गौर तलब है कि अतीत में एक ऐसा भी प्रकरण दर्ज है जिसमें स्पीकर ने लक्षदीप के तत्कालीन सांसद की सदस्यता रद्द कर दी थी और चुनाव आयोग ने वहां दुबारा चुनाव की घोषणा भी कर दी थी। लेकिन अदालत ने स्पीकर का फैसला पलट दिया था। इससे स्पीकर, सरकार और चुनाव आयोग की खासी किरकिरी हुई थी।

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