राष्ट्र से माफ़ी मांगे नूपुर शर्मा , गैरजिम्मेदाराना बोल पर आड़े हाथों लिया सुप्रीम कोर्ट ने
देश के उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को उनके प्रोफेट मुहम्मद पर दिए गए गैर जिम्मेदारांना बयाँ के लिए बुरी तरह आड़े हाथों लेते हुए हिदायत दी कि उन्हें पुरे राष्ट्र से माफ़ी मांगनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश सूर्यकांत आज उनके उस पेटिशन के जवाब में अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसके तहत नूपुर शर्मा ने उच्चत्तम न्यायालय में देश के सभी हिस्सों में उनके खिलाफ डाले गए मामलों को दिल्ली भेजने का अनुरोध किया .
उनकी इस अपील को ठुकराते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने नूपुर शर्मा पर उदयपुर की घटना को उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा की भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा देश में आज जो कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घट रहा है, के लिए, व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार है.
उनकी गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी और स्वयं की हरकत ने आज पुरे देश को आग में झोंक दिया है कहा जस्टिस सूर्यकांत ने बेंच एंड बार के मुताबिक.
यही नहीं बल्कि उदयपुर राजस्थान के एक दरजी की जघन्य हत्या की घटना के लिए भी नूपुर शर्मा की बयानबाज़ी ही जिम्मेदार है. गौर तलब है की उदयपुर की इस हत्या के बाद सारे उदयपुर और राजस्थान के कई हिस्सों में जबरदस्त विरोद हुए और पुलिस को इंटरनेट सेवाएं भी बंद करनी पडी लगभग ३३ थाना क्षेत्रों के अंतर्गत .
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा की नूपुर शर्मा के ये बयान स्पष्ट तौर पर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने , बेहद गलत इरादे से , या अपने राजनैतिक हितों को साधने के दृष्टिकोण से दिए गए .
कोर्ट द्वारा माफ़ी मांगने के रुख पर नूपुर के वकील मोहिंदर ने जब कहा की वह इस गलती के लिए पहले ही माफ़ी मांग चुकी तो कोर्ट व कहा की उन्हें टेलीविज़न चैनल्स के मारफत पुरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा की एक तो माफ़ी काफी देर से मांगी गयी और साथ में यह शर्त भी थी की अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो उन्हें खेद है.
कोर्ट ने स्पष्ट कहा की नूपुर शर्मा को टेलीविज़न चैनल्स के माध्यम से पुरे राष्ट्र से माफ़ी मांगनी चाहिए. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि नूपुर शर्मा के बयानों से पुरे देश में नफरत की आग भड़क गई और जगह जगह उपद्रव हुए और उदयपुर में एक व्यक्ति की जघन्य हत्या .
गौर तलब है कि भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के इन बेहद गैर जिम्मेदाराना बयानों से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें दल से निकाला नहीं बल्कि सिर्फ ससपेंड किया जबकि एक अन्य दिल्ली प्रवक्ता नविन जिंदल की पार्टी से निकाल दिया .
सुनील नेगी ,अध्यक्ष, उत्तराखंड जर्नलिस्ट्स फोरम