राधा रतूड़ी को फिर से “सेवा विस्तार ” या “नई कुर्सी” !
GAJENDRA RAWAT, JOURNALIST
राधा रतूड़ी को फिर से “सेवा विस्तार ” या “नई कुर्सी” !
बीज बो गए ” नित्यानंद स्वामी” क्या करेंगे “पुष्कर धामी” ..
कल कई दिनों बाद देहरादून सचिवालय की ओर जाना हुआ तो अचानक फोन आया कि देहरादून में रोजगार की लड़ाई लड़ते हुए दो युवक परेड ग्राउंड में पानी की टंकी के ऊपर चढ़कर रोजगार सृजन और भर्ती परीक्षाओं को लेकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
जिस वक्त परेड ग्राउंड में युवक जान की बाजी लगाकर प्रदर्शन कर रहे थे उसी वक्त परेड ग्राउंड से कुछ मीटर की दूरी पर देहरादून सचिवालय में इस बात को लेकर गंभीर चर्चा चल रही थी कि मुख्यसचिव राधा रतूड़ी की अगली तैनाती किस पद पर होगी ? उन्हे कौन सा पद मिलेगा? क्या क्या सुविधाए मिलेगी ?गाड़ी मिलेगी ?ड्राइवर मिलेगा? नौकर कितने मिलेंगे ?
दरअसल उत्तराखंड में नौकरशाहों के रोजगार की इतनी ठोस व्यवस्था है कि यहां ताकतवर और रसूखदार लोग जब तक चाहे कुर्सी पर रह सकते हैं ऐसे पावरफुल लोगों के रिटायरमेंट से पहले ही यह तय हो जाता है कि उन्हें अगली मलाईदार कुर्सी कौन सी भेंट होनी है
यहां भले ही 60 साल की उम्र में रिटायरमेंट निश्चित हो लेकिन सेवा विस्तार भी हो सकता है जिन लोगों का सेवा विस्तार न हो ऐसे लोगों के लिए देवभूमि उत्तराखंड में नई-नई कुर्सियां सजा कर रखी जाती है ताकि ऐसे ताकतवर और रसूखदार लोग कभी अपने आप को बेरोजगार महसूस ना कर सकें उन्हें बेरोजगारी वाली फीलिंग न आने पाए .
सूबे को लोकप्रिय मुख्य सचिव उत्तराखंडियत से भरपूर पहाड़ी टोपी वाली राधा रतूड़ी जी यूं तो 6 महीने पहले रिटायर हो गई थी लेकिन पद और प्रतिष्ठा के अमृतकाल वाले युग में उन्हें तत्काल 6 महीने का सेवा विस्तार दिया गया कि कहीं देर न हो जाय.
30 सितंबर को वह विस्तारित 6 महीने का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है इस बीच सचिवालय से लेकर सीएम हाउस तक और विधानसभा से लेकर विधायक निवास तक इस बात की भारी चिंता की जा रही है कि 30 तारीख के बाद राधा रतूड़ी कहां बैठेगी ?
क्या उन्हें एक बार फिर से मुख्य सचिव के रूप में सेवा विस्तार दिया जाएगा या कोई ऐसी पावरफुल कुर्सी दी जाएगी जिस प्रकार उनके पति अनिल रतूड़ी को डीजीपी पद से रिटायरमेंट के तत्काल बाद सेवा का अधिकार आयोग में आयुक्त बनाकर दी गई है.
उत्तराखंड में जिस नौकरशाही से उत्तराखंड के मंत्री विधायक यह अपेक्षा करते हैं कि वह राज्य में रोजगार सृजन को लेकर नए-नए विचार लेकर आएंगे ताकि उत्तराखंड में पलायन रोका जा सके हर हाथ को रोजगार मिल सके हर बेरोजगार को नौकरी मिल सके ऐसे नौकरशाहों ने उत्तराखंड बनते ही सबसे पहले अपने रिटायरमेंट के बाद दूसरी नौकरी का इतना ठोस इंतजाम किया है कि उत्तराखंड के चुने हुए जनप्रतिनिधि भी उनके सामने कुछ नहीं बोल पाते बहरहाल सभी को 30 सितंबर का इंतजार है कि मुख्य सचिव राधा रतूड़ी 1 अक्टूबर से सचिवालय में मुख्य सचिव की कुर्सी पर बैठेंगी या फिर उन्हें दूसरी जगह तैनाती दी जाएगी
नौकरशाहों की इस पुनर्वास योजना से एलआईसी का एक पुराना विज्ञापन याद आ रहा हैं जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी.
इससे पहले सुभकामनाओ की बाढ़ आए राधा रतूड़ी जी को उज्जवल भविष्य हेतु अग्रिम सुभ कामनाएं दे देता हूं आपकी जोड़ी के बेजोड़ गीतों से मन हल्का हो जाता है बेडू पाको बारामासा …
(उत्तराखंड हर महीने पांच करोड़ से ज्यादा वेतन खर्चा है रिटायरमेंट के बाद दोबारा कुर्सी पर बैठने वालों पर)
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