राजधर्म-मोहब्बत की सियासत या सियासत में मोहब्बत
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PARTHASARTHY THAPLIYAL
सफलता का शिखर पर पहुंचे इंसान के तौर तरीके कब कौन याद रखता है। पल पर करने के बाद कोई नही पूछता कि नदी तैर कर आये या पैर पर। बकौल नीतिशानंद महाराज सफलता के लिए उलटना पलटना आना चाहिए। पलट पलट कर पलटने से पलटे की कीमत को पलटना नही पड़ता। खाना भी वही जायकेदार बनता है जिसमें पलटा अच्छी तरह चला हो। अगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कला न सीखी होती तो यह इतिहास की बात न बनती न किसी लोकसेवा आयोग का प्रश्न। नीतीश कुमार पहली बार सन 2000 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए थे तब वे 7 दिन मुख्यमंत्री रहे। 2005 से 2024 तक लगभग 18 वर्षों में वे 8 बार और कुल मिलाकर 9 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले वे भारतीय राजनीति के इतिहास में अकेले मुख्यमंत्री हैं।
इस मामले में वे चमत्कारी पुरुष है। तेरे बिना रहा नही जाए और जीवन मे तुझे सहा भी न जाय…. जैसे गुस्से में तीन तलाक बोलकर बेगम को तलाक दिया। होश आते ही हलाला करवाया और बन गए मटकनाथ …. हम तुम इक कमरे में बंद हों और चाबी खो जाए… जिसे एक बार हलाला की आदत पड़ जाय वो सदासुहागन। खाबिन्द (पति) भाजपा और हलाला करने वाला जदयू जैसा हो तो गोदभराई होती ही रहेगी। उसके लिए पल्लू करना और पल्लू उठाना रीत का रायता जैसे लगता है।
रंजिश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ।
नीतीश के शासन जितनी चढ़ने उतरने की राजनीतिक आयु (2004 से) होनहार युवा नेता राहुल गांधी की भी है। गांधी जी के बाद एकमात्र सत्यवादी। प्रधानमंत्री पद पर सत्य के प्रयोग करके ही बैठेंगे। उन्होंने कई धाकड़ और खुर्रान्ट उस्तादों को भी फैल कर दिया। इनके प्रमुख गुरुकुल थे- डिग्गी नरेश दिग्विजय सिंह आश्रम और जादूगर अशोक गहलोत आश्रम। एक्स्ट्रा कोच थे अहमद पटेल, रणदीप सुरजेवाला, जयराम रमेश, मणिशंकर अय्यर आदि आदि। किसी का बचपन बर्बाद करना पाप के समान है। अगर बच्चे का मन पढ़ाई में न लग रहा हो तो बच्चे को उसकी हॉबी पर लगा देना चाहिए जैसे ट्रैक्टर चलाना, कारपेंटरी, गैरेज में काम करना, धान की रोपाई आदि ताकि भारत की बेरोजगारी कम हो। उनके उस्ताद उन्हें बहुरूपिया बनाने में समय बर्बाद कर रहे हैं। जिस दौर में उन्हें लोकसभा चुनावों की तैयारी करनी चाहिए उस दौर में उनकी न्याय यात्रा चल (रेंग) रही है। जून माह में नीतीश कुमार ने पटना में विपक्षी एकता की बैठक स्वयं को प्रधानमंत्री प्रत्याशी की आशा में आयोजित की। उन्होंने बिहार में खेला कर कॉंग्रेस को बिहार में पटखनी का मंत्र पढ़ा लिया। अपनी दीवार गिरे तो गिरे बगल वाले कि भैंस पर गिरनी चाहिए। नीतीश ने वह कर दिया जिसकी किसी को उम्मीद न थी। बंगाल में खेला हुआ। पंजाब में आप का रौला पहले ही है। एक वायनाड सीट बराबर उत्तर प्रदेश की 80 सीट। वाह उस्ताद वाह!
सियासत अब मोहब्बत बन गई है
मोहब्बत ही सियासत बन गई है।
शेरशाह सूरी ने 1544 में मारवाड़ पर हमला किया था। राजपूतों ने शेरशाह के नाक में दम कर दिया था। शेरशाह ने भागते हुए कहा था मारवाड़ पर चढ़ाई करना मेरी भूल थी। डेढ़ मुठ्ठी बाजरे के लिए मैं दिल्ली की सल्तनत खो बैठता।
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