मुद्दों से भटक, व्यक्तिगत अमर्यादित भाषा निन्दनिय
मुद्दों से भटक, व्यक्तिगत अमर्यादित भाषा निन्दनिय
नीलम महाजन सिंह
जब भी चुनाव होते हैं, तभी साम, दाम, दंड, भेद को भूलकर हर प्रकार के व्यक्तिगत कटाक्ष, राजनीति का दु:खदायी अंग बन चुका है। जनता के हितों के मुद्दों, सरकारी कार्यक्रमों का कार्यान्वयन आदि पर कोई चर्चा नहीं होती। अपने आगे की घोषणाओं पर भी ध्यान नहीं दिया जाता। ‘मौत का सौदागर’, ‘इटली की बार डांसर’, ‘चौकीदार चोर है’, ‘चंदा-चोर’, ‘पप्पू’, ‘टंच माल’ (दिग्विजय सिंह), ’50 करोड़ की गर्लफ्रेंड’, ‘मंडी का रेट’ आदि जैसे शब्दों का, वरिष्ठ राजनेताओं द्वारा प्रयोग, अत्याधिक निंदनीय है। प्रधान मंत्री नरेंद मोदी ने विपक्ष पर आक्रमण करते हुए, उन्हें ‘माओवादी या साम्यवादी सोच’ का करार दिया। अलीगढ़ के लोगों को चेतावनी देते हुए पीएम ने कहा, कि कांग्रेस की ऐसी नीतियां पहले ही देशों को बर्बाद कर चुकी है। “अगर आपके गांव में पुराने पूर्वजों का घर है और आपने, अपने बच्चों के भविष्य के लिए शहर में एक छोटा सा फ्लैट भी खरीदा है। तो वे दोनों में से एक को ले लेंगें। यही नीति कांग्रेस पार्टी और आई.एन.डी.आई. गठबंधन भारत में लागू करना चाहती है। कांग्रेस ने, व्यक्तिगत टिप्पणी के लिए पीएम के खिलाफ ‘उचित कार्रवाई’ की मांग के लिए चुनाव आयोग से संपर्क किया था। डा: अभिषेक मनु सिंघवी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 16 मुद्दों पर प्रकाश डाला – जिसमें अभियान के दौरान ‘धार्मिक प्रतीकों का उपयोग और गुजरात से भाजपा उम्मीदवार की निर्विरोध जीत’ शामिल हैं। उन्होंने कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा बांटने की राजनीति करते हैं”। वास्तव में मुद्दा यह है कि देश को कैसे आगे बढ़ाया जाए? इसे छोड़कर, वे ‘हिंदू-मुस्लिम, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ी जाति’ के बारे में बात कर रहे हैं। वे वोट के लिए यह सब कर रहे हैं। देश के लाभ के लिए नहीं”! कांग्रेस
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी भाजपा का जोरदार विरोध किया है। बंगलूरू में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा, काँग्रेस महासचिव, ने कहा कि इस देश में क्या-कुछ बातें हो रहीं हैं? कुछ दिन पहले ये भाषण दिए गए थे कि “कांग्रेस आपका, जनता का मंगलसूत्र छीनना चाहती है”। यह देश पिछले 76 वर्षों से आजाद है और 55 वर्षों तक कांग्रेस सत्ता में रही है। क्या कांग्रेस ने जनता का सोना या मंगलसूत्र छीना? प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनकी ‘सोने और मंगलसूत्र’ वाली टिप्पणी को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उनकी “माँ, सोनिया गांधी ने देश के लिए अपना ‘मंगलसूत्र’ कुर्बान कर दिया”। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी के आरोपों का ज़क्र किया है। दरअसल, पीएम मोदी ने बीते दिन राजस्थान में कहा था कि कांग्रेस ने लोगों की गाढ़ी कमाई और कीमती सामान घुसपैठियों और जिनके अधिक बच्चे हैं, यानि कि मुसलामानों पर हमला किया। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहती हूँ, कि मुसलमान घुसपैठिए नहीं हैं। यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी यही सोच है। वैसे यह तो सच ही है कि समाज का धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने में भाजपा सफल रही है। वैसे इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की तो हृदयविदारक हत्या हुई थी। इसे तो सब ने धिक्कारा है। इसकी राजनीतिक पृष्टभूमि का उल्लेख मैं नहीं करना चाहती। पीएम मोदी पर तीखा हमला करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि जब युद्ध हुआ तो इंदिरा गांधी (उनकी दादी व पूर्व प्रधानमंत्री) ने अपना सोना दान कर दिया था। उन्होंने अपने पिता व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का ज़िक्र करते हुए आगे कहा कि मेरी मां का ‘मंगलसूत्र’ इस देश के लिए कुर्बान हो गया। अगर नरेंद्र मोदी ‘मंगलसूत्र’ के महत्व को समझते होते तो वे ऐसी अनैतिक बातें नहीं करते। जब नोटबंदी हुई तो उन्होंने महिलाओं की जमापूंजी छीन ली थी। किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान 1000 किसानों की जान चली गई, क्या नरेंद मोदी ने उन विधवाओं के ‘मंगलसूत्र’ के बारे में सोचा है? जब मणिपुर में एक महिला का वस्त्रहरण कर उसके वस्त्र जलाए गए तब भी भाजपा चुप थी, कोइ कुछ नहीं बोला? क्या उन्होंने उसके ‘मंगलसूत्र’ के बारे में सोचा? आज वे वोट के लिए महिलाओं से ऐसी बातें कह रहे हैं, उन्हें डरा रहे हैं ताकि वे डरकर वोट करें। एक और प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अति मर्यादित भाषा का प्रयोग किया, लाल कृष्ण आडवाणी ने भी गाली-गलौज नहीं की। सारांशाार्थ यह सतय है कि राजनेताओं के जितने भी मतभेद क्यों ना हो, परंतु अब तो ‘मन भेद हो रहे हैं’। वैसे चुनाव के बाद सभी एक हो जायेंगें। सोशल मीडिया पर लोग, यशोदाबैन मोदी के मंगलसूत्र की भी चर्चा कर रहे हैं। कॉंग्रेस ने भी प्रधान मंत्री नरेंद मोदी पर ‘चंदा चोर, हत्यारा’ आदि जैसे अनेक कटाक्ष किए हैं। यह सब बातों का प्रयोग मुख्य मुद्दों से भटकन होता है। मुसलमान समुदाय, भारतीय नागरिकता के अधिकार रखते हैं। किसी भी धर्म, समाज व उनकी परंपराओं पर बार-बार गाली गलौज करना, राजनीतिक दिवालियेपन का साक्ष्य है। सभी को अपने धर्म को पालन करने का अधिकार है। अभी तो आम चुनाव 2024 के चार चरण और हैं। अभी तो क्य़ा क्या-क्या अपशब्द सुनने को मिलेंगें, इस की कल्पना नहीं की जा सकती। हमें सभी की निजता व स्व-सम्मान करना चाहिए। आम जनता इन असभ्य हथकंडों से प्रभावित नहीं हो सकती है।
प्रो. नीलम महाजन सिंह
(वरिष्ठ पत्रकार, राजनैतिक विश्लेषक, दूरदर्शन व्यक्तित्व व मानवाधिकार संरक्षण सॉलिसिटर)
singhnofficial@gmail.com
( The views expressed in the above article are personal views of the writer Prof. Neelam Mahajan Singh and not of UKnationnews)