मुजफ्फर नगर शहीद स्मारक के जमीन दाता पंडित महावीर शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने उत्तराखंड शहीदों के मुजफ्फरनगर स्थित शहीद स्मारक के संरक्षक महावीर शर्मा के निधन पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है ।
महावीर शर्मा को उत्तराखंड के लोगों का सच्चा मित्र बताते हुए धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि स्वर्गीय महावीर शर्मा ने 2 अक्टूबर 1994 को घटित रामपुर तिराहा मुजफ्फरनगर के अमानुषिक कांड के दौरान अनेकों उत्तराखंडियों को अपने घर पर संरक्षण दिया था। उनकी रक्षा की थी। इसके बाद जब उत्तराखंड के शहीद स्मारक के लिए जमीन ढुडी जाने लगी तो महावीर शर्मा ने उदारता पूर्वक अपनी जमीन उत्तराखंड के लोगों को दी। जिस पर सरकार ने बाद में भव्य स्वागत बनाया।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा यही नहीं उत्तराखंड राज्य बनने के बाद
भी वे लगातार उत्तराखंड के विकास और आंदोलनकारियों के सम्मान की प्रक्रिया में शामिल रहे। और अनेकों बार राज्य के तमाम मुख्यमंत्रीयो से मिलकर उत्तराखंड के विकास और उससे जुड़े मुजफ्फरनगर के गांव वालों द्वारा 1994 की घटना में सहयोग दिया था ,को लेकर कई विकास कार्य इन ग्रामीण क्षेत्रों में कराए।
धीरेंद्र प्रताप ने स्वर्गीय महावीर शर्मा के निधन को उत्तराखंड की महान क्षति बताया। वे 74 वर्ष के थे।
उत्तराखंड जर्नलिस्ट्स फोरम के अध्यक्ष , वरिष्ठ पत्रकार और उत्तराखंड आंदोलनकारी सुनील नेगी ने दिवंगत महावीर शर्माजी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यदि २ अक्टूबर १९९४ की उस काली रात को महावीरजी और उनके गाँव के लोग असहाय , जख्मी पीड़ा से कराह रहे पहाड़वासियों को शरण नहीं देते , उनकी रक्षा नहीं करते तो बड़ी समझा में उत्तराखंड आंदोलनकारी शहीद होते. मुजफ्फर नगर के इन महान व्यक्तित्व को उनके इस ऐतिहासिक योगदान और शहीद स्मारक के लिए जमीन देने हेतु नमन करते हुए नेगी ने कहा की उत्तराखंड की जनता उनके अमिट और अमूल्य योगदान को कभी भूल नहीं पायेगी. वे उनकी सदैव ऋणी रहेगी उन्हें कोटि कोटि नमन.