महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अंकिता भंडारी मामले की सीबीआई जांच और आशुतोष नेगी की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर एसएसपी कार्यालय का घेराव किया और गिरफ्तारियां दीं।
अंकिता भंडारी का आंदोलन दिन-ब-दिन जोर पकड़ता जा रहा है। व्हिसिल ब्लोअर, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष नेगी की मनमानी गिरफ्तारी के बाद, जो वर्तमान में एससीएसटी के निराधार आरोप में खांडियोसेना, पौडी गढ़वाल जेल में हैं, उनकी रिहाई और मृतक की आहत मां द्वारा नामित वीआईपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलन की लहर चल पड़ी है। उत्तराखंड के गढ़वाल के कई हिस्सों में हो रहे प्रदर्शन, जुलूस आदि से उत्तराखंड सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। श्रीनगर, कोटद्वार और पौड़ी में अंकिता भंडारी मामले आदि मांगों के समर्थन में आशुतोष नेगी की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं। आज पौडी टाउनशिप में सैकड़ों महिला प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकार विरोधी और पुलिस विरोधी नारे लगाते हुए प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और गिरफ्तारियां दीं।
धरना प्रदर्शन का नेतृत्व उत्तराखंड महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने किया। ज्योति रौतेला ने अपने विरोध प्रदर्शन और उसके बाद पत्रकार आशुतोष नेगी की रिहाई की मांग को लेकर हुई गिरफ्तारी के बारे में जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X एक्स पर दी : आज हमने अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने, अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच और पत्रकार आशुतोष नेगी की रिहाई की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पौड़ी में एसएसपी कार्यालय का घेराव किया। इसमें हमारे साथ हैं प्रदेश महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष नीलम रावत जी, प्रदेश उपाध्यक्ष आशा मनोरमा शर्मा जी, प्रदेश महासचिव निधि नेगी जी, प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रकला नेगी जी, युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन भंडारी जी, जिला अध्यक्ष मोहित जी एवं बड़ी संख्या में युवा कांग्रेस की महिला बहनें एवं भाईयों ने भाग लिया। हमने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी कि अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे अंकिता भंडारी के माता-पिता की मांगें पूरी की जाएं और आशुतोष नेगी को जल्द से जल्द रिहा किया जाए.
प्रदर्शनकारी पत्रकार आशुतोष नेगी की तत्काल रिहाई, अंकिता भंडारी क्रूर हत्यारों के मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे थे ताकि मृतक 19 वर्षीय लड़की अंकिता भंडारी के पीड़ित माता-पिता को उचित न्याय मिल सके, जिनकी 18 सितंबर 2022 को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। यमेश्वर के वनंतरा रिसॉर्ट से रहस्यमय तरीके से लापता हो गया। गौरतलब है कि इस मामले में प्रो-बोनो केस लड़ने वाले वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्ता कॉलिन गोंसाल्वेस द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका भी दायर की गई है, जिसमें मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है।